पाकुड़: आस्था का महापर्व छठ इस बार नदियों और तालाबों में मनाने पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण हिंदुओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. घाटों में छठ पूजा नहीं होने को लेकर जिले के श्रद्धालुओं सहित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है.
पाकुड़ जिले के दर्जनों तालाबों में छठ पूजा समितियों द्वारा पूर्व से पंडाल, विद्युत सज्जा, साफ-सफाई का काम शुरू करा दिया है और प्रतिमा बनाने का काम मूर्तिकारों को सौप दिया है. इस दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए जारी गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया है किसी भी तालाब और नदियों में छठ पर्व पर पूजा-अर्चना नहीं होगी. जारी आदेश की जानकारी जैसे ही लोगों को मिली तो लोग सरकार के खिलाफ आक्रोशित दिखे.
ये भी पढ़ें: पुल का मरम्मत नहीं होने से आसपास के लोग काट रहे चांदी, जानिए क्या है वजह?
पूजा समिति के रवि जयसवाल ने बताया कि छठ हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है. इस पर सरकार राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि छठ पूजा की तैयारी काफी पहले से शुरू कर दी गयी है और ऐसे में अचानक फरमान जारी कर देना यह उचित नहीं है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के दानियाल किस्कू ने कहा कि इस तरह का निर्णय बीजेपी निंदा करती है और इसका विरोध भी करती है. उन्होंने कहा कि छठव्रती छठ पूजा करे हम साथ हैं और सरकार जो भी एक्शन लेना चाहती है वो ले सकती है.