पाकुड़: जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में ओलचिकी लिपि की पढ़ाई शुरू करने और शिक्षकों की बहाली शुरु करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है, जिसके विरोध में आदिवासी छात्रों ने रघुवर सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया.
सरकार के इस फैसले के खिलाफ महाविद्यालय छात्र के सैकड़ों आदिवासी छात्र-छात्राओं ने धरना दिया. सिद्धो कान्हू मुर्मू पार्क के सामने धरना पर बैठे आदिवासी छात्र नेताओं ने रघुवर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कक्षा 1 से 8 तक संथाली शिक्षकों की जल्द बहाली की मांग की.
छात्र नेता मार्क बास्की ने कहा कि संथाली भाषा के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है, इससे ही सरकार की मंशा आदिवासियों के बारे में समझा जा जसता है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि झारखण्ड के मूल संथाली भाषा को खत्म करने के लिए एकाएक उड़िया प्रभावित और अवेगानिक ओलचिकी लिपि द्वारा संथाली भाषा की पढ़ाई का निर्णय सरकार ने लिया है जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
इसके साथ उन्होंने बताया कि ओलचिकी लिपि में पढ़ाई शुरु होने से संथाली भाषा और संस्कृति के ऊपर संकट मंडराएगा, जिससे आदिवासी समाज 100 साल पीछे चला जायेगा. वहीं, छात्र नेता निर्मल मुर्मू ने कहा कि रघुवर सरकार जब से सत्ता में आई है तबसे आदिवासियों के मान सम्मान के खिलवाड़ कर रही है.