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नगर परिषद बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने किया जमकर हंगामा, अनदेखी का लगाया आरोप

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Published : Jul 16, 2021, 10:46 PM IST

नगर परिषद बोर्ड की बैठक में कई पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. इसके बाद बैठक छोड़ बाहर निकल गए. पार्षदों ने आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र की समस्याओं को समाधान नहीं किया जा रहा है.

city council board in Pakur
पाकुड़ में पार्षदों का हंगामा

पाकुड़: नगर परिषद बोर्ड की बैठक में शहरी क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं का निदान नहीं निकालने, बोर्ड की बैठक में मनमानी करने, कुछ वार्डों की समस्या की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पार्षदों ने बैठक के दौरान जमकर हंगामा किया. हंगामे के बाद पार्षद बैठक छोड़ बाहर निकल गए.

यह भी पढ़ें: ये हैं दुनिया के सबसे जहरीले सांप, एक डंक के जहर से जा सकती है 100 लोगों की जान

पार्षदों का आरोप-नहीं हो रहा समस्या का समाधान

बैठक का बहिष्कार करने वाली पार्षद मोनिता कुमारी ने बताया कि नगर परिषद के स्टेयरिंग कमिटी की बैठक में 10 वार्डों में चापाकल देने का निर्णय लिया गया था और अन्य वार्डों को छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि जिस वार्ड में सबसे ज्यादा पानी की समस्या है वहां एक भी चापाकल नहीं दिया गया. वार्ड पार्षद सीमा सोनी भगत ने कहा कि शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा से संवेदक द्वारा जबरन 20 रुपये की वसूली की जा रही है और नगर परिषद संवेदक को नोटिस जारी नहीं कर उसे और बढ़ावा दिया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

वार्ड पार्षद रुपाली सरकार ने कहा कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष मिले हुए हैं और हमारे वार्डो की समस्या की अनदेखी की जा रही है. रुपाली ने बताया कि ई-रिक्शा चालकों से राशि वसूली जा रही है और उस राशि को नगर परिषद के राजस्व में नहीं बल्कि संवेदक के साथ मिलकर सभी अपने पॉकेट में डाल रहे हैं. इधर, वार्ड पार्षद मो. असलम ने बताया कि शहर में बीते 6 माह से पानी की सप्लाई बाधित है और जब पानी की समस्या को अध्यक्ष के समक्ष या बोर्ड की बैठक में रखा जाता है तो अनसुना कर दिया जाता है.

बोर्ड की हुई बैठक को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने कैमरे के सामने आने से इनकार कर दिया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कुछ भी बोलने से बचते रहे.

पाकुड़: नगर परिषद बोर्ड की बैठक में शहरी क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं का निदान नहीं निकालने, बोर्ड की बैठक में मनमानी करने, कुछ वार्डों की समस्या की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पार्षदों ने बैठक के दौरान जमकर हंगामा किया. हंगामे के बाद पार्षद बैठक छोड़ बाहर निकल गए.

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पार्षदों का आरोप-नहीं हो रहा समस्या का समाधान

बैठक का बहिष्कार करने वाली पार्षद मोनिता कुमारी ने बताया कि नगर परिषद के स्टेयरिंग कमिटी की बैठक में 10 वार्डों में चापाकल देने का निर्णय लिया गया था और अन्य वार्डों को छोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि जिस वार्ड में सबसे ज्यादा पानी की समस्या है वहां एक भी चापाकल नहीं दिया गया. वार्ड पार्षद सीमा सोनी भगत ने कहा कि शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा से संवेदक द्वारा जबरन 20 रुपये की वसूली की जा रही है और नगर परिषद संवेदक को नोटिस जारी नहीं कर उसे और बढ़ावा दिया जा रहा है.

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वार्ड पार्षद रुपाली सरकार ने कहा कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष मिले हुए हैं और हमारे वार्डो की समस्या की अनदेखी की जा रही है. रुपाली ने बताया कि ई-रिक्शा चालकों से राशि वसूली जा रही है और उस राशि को नगर परिषद के राजस्व में नहीं बल्कि संवेदक के साथ मिलकर सभी अपने पॉकेट में डाल रहे हैं. इधर, वार्ड पार्षद मो. असलम ने बताया कि शहर में बीते 6 माह से पानी की सप्लाई बाधित है और जब पानी की समस्या को अध्यक्ष के समक्ष या बोर्ड की बैठक में रखा जाता है तो अनसुना कर दिया जाता है.

बोर्ड की हुई बैठक को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार भारती ने कैमरे के सामने आने से इनकार कर दिया. बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कुछ भी बोलने से बचते रहे.

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