पाकुड़: कोरोना संक्रमण से बचाव और समुचित इलाज को लेकर जारी लॉकडाउन के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जरूरी शर्तों के साथ रियायत दी गईं. आर्थिक गतिविधियां चालू रखने के लिए विशेष छूट देते हुए यातायात व्यवस्था को बहाल करने का काम किया है. हालांकि जिस उद्देश्य से सरकार ने यातायात चालू कराया इससे शहरी क्षेत्र के लोगों को कुछ खासकर फायदा नहीं हो रहा, बल्कि संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.
जिला मुख्यालय का रेलवे फाटक, हरिणडांगा बाजार, इंदिरा चौक स्थान हैं, जहां ट्रैफिक की समस्या लोगों को हो रही है. जिन जिन स्थानों पर ट्रैफिक की समस्या उत्पन्न हो रही है वहां ही नहीं बल्कि ऑटो में भी लोग बिना मास्क लगाए लोग आज भी दिखाई पड़ रहे हैं. कोरोना काल के इस दौर में फुटपाथ की दुकानें हो या छोटे-मोटे इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन, कपड़ा, नाश्ता आदि के दुकानदारों के यहां ग्राहक के पहले जिस तरह आते थे अब नहीं आ रहे हैं. इसलिए इन व्यवसायों से जुड़े दुकानदारों के चेहरे पर कोई खास खुशी नहीं दिख रही है. जिले में जब से लॉकडाउन में विशेष छूट दी गयी है शहरी क्षेत्र में ऑटो के अलावा खाने-पीने के सामानों की ढुलाई करने वाले वाहनों की आवाजाही जारी है, लेकिन इन वाहनों के परिचालन शुरू होने से वायु और ध्वनि प्रदूषण जैसा खतरा भी उत्पन्न हुआ है, जैसा कि लॉकडाउन लागू होने से पहले हुआ करता था. यही वजह है कि हृदय रोग, दमा, यक्ष्मा, सिलिकोसिस बीमारी से ग्रसित रोगी अपेक्षाकृत कम चिकित्सकों के यहां इलाज कराने आ रहे हैं.
प्रशासन की ओर से की जा रही अपील
शासन प्रशासन की ओर से आये दिन बिना मास्क के लोगों को अपने घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की जा रही है, लेकिन कुछ लोग ऐसे है कि मानते ही नहीं. इस पर डॉक्टरों का कहना है कि बिना मास्क के घूमने वाले लोग खुद के साथ ही अपने परिवार और आस-पास के लोगों के लिए खतरा हैं. डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना काल मे सबसे ज्यादा दिक्कत शुगर, दमा जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों को हो रही है. वहीं, ट्रैफिक इंचार्ज प्रीतम महतो ने बताया कि पहले की तरह शहरी इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं है क्योंकि जिले से बाहर वाहनों के प्रवेश काफी कम हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में ट्रैफिक के जवान ट्रैफिक व्यवस्था के साथ साथ सड़क पर बिना मास्क के घूमने वालों पर नजर बनाए हुए हैं. लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक किया जा रहा है.