पाकुड़: जिले के हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जोड़ने, सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व दिलाने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल को बिजली उत्पादन के लिए कोयला आपूर्ति करने वाली पचवारा नॉर्थ कोल ब्लॉक का काम पिछले एक महीने से ठप है. जिस कारण इससे जुड़े लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है.
कोयला खदान से कोयला का परिवहन बीजीआर माइनिंग एंड इंफ्रा इंडिया लिमिटेड की ओर से बंद कर दिए जाने के कारण ट्रांसपोर्टरों, छोटे-मोटे पार्ट्स दुकानदारों के अलावा होटल, चाय नाश्ते की दुकान चलाने वाले लोगों के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न हो रही है. अब तो लोग यह भी सवाल करने लगे हैं कि राज्य में बदलाव का सपना दिखाने वाली जेएमएम की सरकार बनने के बाद भी उद्योग-धंधे और कल कारखाने चालू होने की बजाय बंद क्यों हो रहे हैं. सवाल उठना भी लाजमी है, क्योंकि सरकार गठन होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने के साथ-साथ रोजगार का सृजन करने का वादा किया था, लेकिन झारखंड के अंतिम छोर पर बसे पाकुड़ जिले में सपना साबित हो रहा है.
स्थानीय लोग पहुंचा रहे थे कंपनी को नुकसान
बता दें कि पाकुड़-अमड़ापाड़ा लिंक रोड में कोयला ढुलाई के दौरान कोयले से लदे वाहनों को ग्रामीणों ने जबरन रोककर कोयला उतार लिए जाने के कारण बीजीआर और वाहन मालिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था. बीजीआर कंपनी ने कोयले की ढुलाई यहकर बंद कर दिया कि जब तक लोग सहयोग नहीं करेगा तब तक कोयले की ढुलाई नहीं होगी. चोरी की रोकथाम को लेकर पुलिस प्रशासन और कोल कंपनी के अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक भी की, परंतु बीजीआर ने कोयला का ना तो उत्खनन और ना ही परिवहन शुरू किया.
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इस पर जिला खनन पदाधिकारी उत्तम कुमार विश्वास ने बताया कि बीजीआर कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की गई है. बीजीआर के अधिकारियों ने बताया कि जल्द कोयले का उत्खनन और परिवहन का काम शुरू हो इसको लेकर कंपनी को पत्राचार भी किया गया है. डीएमओ ने बताया कोल कंपनी प्रशासन हर संभव मदद करेगी.