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कलम और कॉपी साइड कर बच्चों ने थामी साइकिल, अब कर रहे अवैध कोयले का व्यापार - पाकुड़ में कोयले के कारोबार में शामिल बच्चे

पाकुड़ में कोयले के अवैध कारोबार में कारोबारी अब 10 से 16 वर्ष के बच्चों की मदद ले रहे है. बच्चे कलम और कॉपी छोड़कर साइकिल से कोयले की ढुलाई कर रहे हैं. इस मामले में लोगों का कहना है कि पुलिस कोयला कारोबारियों को सरंक्षण दे रही है.

illegal coal bussiness in pakur
अवैध कोयले का व्यापार
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Published : Dec 12, 2020, 8:04 PM IST

Updated : Dec 13, 2020, 7:18 PM IST

पाकुड़: जिले में कोयले का अवैध कारोबार ने नौनिहालों तक को नहीं छोड़ा है. जिन हाथों में कलम और कॉपी होनी चाहिए थी. उनके हाथों में साइकिल थमा दी गई और कोयला चोरी का रास्ता सिखा दिया गया. यह सब खेल झारखंड राज्य के पाकुड़ नगर, मुफस्सिल थाना और मालपहाड़ी ओपी क्षेत्र में हो रहा है.

देखें स्पेशल स्टोरी

कोयला माफियाओं को पुलिस का संरक्षण
प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे पाकुड़ लोटामारा रेलवे साइडिंग से चोरी का कोयला लेकर साइकिल के जरिए प्यादापुर, इसाकपुर, हीरानंदपुर, चमड़ागोदाम, मालगोदाम रोड, इसाकपुर रहसपुर, अंजना, पृथ्वीनगर, गंधाईपुर के रास्ते पश्चिम बंगाल के चांदपुर मंडी में कोयला पहुंचाया जा रहा है. दरअसल लोगों का कहना है कि कोयला माफियाओं को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड: कोरोना के चलते परिवहन विभाग के राजस्व में भारी कमी, सीएम सोरेन ने समीक्षा बैठक में जताई चिंता

पश्चिम बंगाल के मंडी में पहुंचाया जाता है कोयला
प्रतिदिन सदर प्रखंड के चांचकी, जानकीनगर गंधाईपुर, इलामी, रहसपुर, अंजना, चांदपुर, गगनपहाड़ी, झीकरहट्टी आदि इलाकों के 10 से 16 वर्ष के बच्चे साइकिल से चोरी का कोयला पश्चिम बंगाल के मंडी में पहुंचाया जा रहा है. इन बच्चों को लोटामारा रेलवे साइडिंग से पश्चिम बंगाल के चांदपुर तक कोयला पहुंचाने के एवज में 50 से 100 रुपये मिलते हैं. इस गोरखधंधे में माफिया हजारों रुपये कमा रहे हैं और छोटे-छोटे बच्चें 50 से 100 कमाकर बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं.

स्वयंसेवी संस्थाएं और विभाग कार्यरत
बाल संरक्षण के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाएं और विभाग कार्यरत है, जिनकी नजर इन नौनिहालों पर नहीं पड़ रही. जिले के पुलिस कप्तान प्रत्येक माह की मीटिंग में कोयले की चोरी पर रोक लगाने को लेकर आदेश निर्देश थानेदारों को देते रहे हैं, लेकिन इसका असर थानेदारों पर नहीं पड़ रहा. लिहाजा कोयले का अवैध कारोबार न केवल फलफूल रहा है बल्कि अब तो जिले के नौनिहाल भी इस कारोबार से जुड़ कर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं.

पाकुड़: जिले में कोयले का अवैध कारोबार ने नौनिहालों तक को नहीं छोड़ा है. जिन हाथों में कलम और कॉपी होनी चाहिए थी. उनके हाथों में साइकिल थमा दी गई और कोयला चोरी का रास्ता सिखा दिया गया. यह सब खेल झारखंड राज्य के पाकुड़ नगर, मुफस्सिल थाना और मालपहाड़ी ओपी क्षेत्र में हो रहा है.

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कोयला माफियाओं को पुलिस का संरक्षण
प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे पाकुड़ लोटामारा रेलवे साइडिंग से चोरी का कोयला लेकर साइकिल के जरिए प्यादापुर, इसाकपुर, हीरानंदपुर, चमड़ागोदाम, मालगोदाम रोड, इसाकपुर रहसपुर, अंजना, पृथ्वीनगर, गंधाईपुर के रास्ते पश्चिम बंगाल के चांदपुर मंडी में कोयला पहुंचाया जा रहा है. दरअसल लोगों का कहना है कि कोयला माफियाओं को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है.

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पश्चिम बंगाल के मंडी में पहुंचाया जाता है कोयला
प्रतिदिन सदर प्रखंड के चांचकी, जानकीनगर गंधाईपुर, इलामी, रहसपुर, अंजना, चांदपुर, गगनपहाड़ी, झीकरहट्टी आदि इलाकों के 10 से 16 वर्ष के बच्चे साइकिल से चोरी का कोयला पश्चिम बंगाल के मंडी में पहुंचाया जा रहा है. इन बच्चों को लोटामारा रेलवे साइडिंग से पश्चिम बंगाल के चांदपुर तक कोयला पहुंचाने के एवज में 50 से 100 रुपये मिलते हैं. इस गोरखधंधे में माफिया हजारों रुपये कमा रहे हैं और छोटे-छोटे बच्चें 50 से 100 कमाकर बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं.

स्वयंसेवी संस्थाएं और विभाग कार्यरत
बाल संरक्षण के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाएं और विभाग कार्यरत है, जिनकी नजर इन नौनिहालों पर नहीं पड़ रही. जिले के पुलिस कप्तान प्रत्येक माह की मीटिंग में कोयले की चोरी पर रोक लगाने को लेकर आदेश निर्देश थानेदारों को देते रहे हैं, लेकिन इसका असर थानेदारों पर नहीं पड़ रहा. लिहाजा कोयले का अवैध कारोबार न केवल फलफूल रहा है बल्कि अब तो जिले के नौनिहाल भी इस कारोबार से जुड़ कर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 13, 2020, 7:18 PM IST
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