पाकुड़: बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय मंत्री मिस्फीका हसन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अवैध तरीके से जमीन और संपत्ति अर्जित करके के आरोपों के बाद उनके खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा पीई दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि इसके बाद बीजेपी नेत्री ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है. उन्होंने कहा कि क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन पर ईडी कार्रवाई कर रही है, इसलिए बीजेपी नेताओं को फंसाने का काम किया जा रहा है.
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शुक्रवार को पाकुड़ जिला मुख्यालय स्थित भाजपा कार्यालय में बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री मिस्फीका हसन ने पत्रकार सम्मेलन का आयोजन किया. यहां उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. मिस्फीका हसन ने मुख्यमंत्री के आदेश को बदले की भावना करार दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी नाकामियों को छिपाने और ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए इस तरह के आदेश जारी कर रहे हैं.
मिस्फीका ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर इतने ही साफ सुथरे छवि के हैं तो ईडी के सवालों का सामना करना चाहिए. न कि चेहरा छिपाते रहना चाहिए. मिस्फीका ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार, बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे को भटकाने के लिए ऐसे जांच के आदेश दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे नाम पर कोई जमीन नहीं है. अगर जमीन रहती तो इसका ऑनलाइन सिस्टम है. इसकी जांच जिलास्तर पर आसानी से हो सकती थी, लेकिन बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान करने के नीयत से एसीबी को जांच का आदेश दिया है.
बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री मिस्फीका ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता एसीबी से डरने वाले नहीं हैं. राज्य की जनता सब समझ रही है और इसका जवाब 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देगी.