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पाकुड़ के इस गांव में दम तोड़ती सरकार के दावे, आजादी के सालों बाद भी पगडंडियों के सहारे ग्रामीण

पाकुड़ के कदमटोला गांव (Kadamtola Village) में आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. ग्रामीण पगडंडियों और बांस के पुल पर जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं. ग्रामीणों ने कई बार सरकारी बाबूओं से सड़क निर्माण कराने की अपील की. लेकिन अब तक किसी ने भी इनकी नहीं सुनी. गांव में सड़क नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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बांस का पुल
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Published : Oct 27, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 7:57 PM IST

पाकुड़: आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद जहां आज देश और डिजिटल युग में पहुंच गया है. सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा करती है. वहीं पाकुड़ के तालपहाड़ी पंचायत अंतर्गत कदमटोला गांव (Kadamtola Village) के लोग आज भी सड़क पर कदम रखने को लालायित हैं. यह गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव के लोगों को पंचायत मुख्यालय तक जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामिणों बांस के बनाए पुल पर जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं.


इसे भी पढे़ं: ग्रामीण विकास मंत्री के क्षेत्र में सड़क बनी तालाब, ग्रामीण परेशान

लिट्टीपाड़ा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले कदमटोला गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, मरीजों को अस्पताल ले जाने या गांव के बच्चों का स्कूल जाने के लिए पगडंडियों का ही सहारा लेना पड़ता है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पास सड़क निर्माण कराने के लिए गुहार लगाई. लेकिन अब तक किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश है. गांव के लोग और खासकर बच्चे आज भी आश में हैं कि किसी न किसी मसीहा की नजर गांव पर पड़ जाए. जो सड़क का निर्माण करवा दें.

देखें स्पेशल स्टोरी

कदमटोला गांव विकास से कोसों दूर


कदमटोला गांव में सरकार के विकास योजनाओं का भी लाभ आज तक नहीं पहुंचा है. लोगों को मनरेगा हो या प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. गांव में अगर कोई बीमार हो जाता है तो वहां तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंचती है. जिसके कारण ग्रामीण मरीजों को खटिया के सहारे गांव से बाहर ले जाते हैं. उसके बाद एंबुलेंस की मदद से मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं. ऐसे में कभी भी किसी मरीजों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने से हो सकती है.

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बांस का पुल पार करते बच्चे

इसे भी पढे़ं: पाकुड़: सालों से बंद पड़ा सड़क निर्माण कार्य, ग्रामीणों ने जतायी नाराजगी

देश में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव

आज देश में आजादी के 75वें वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मनाए जा रहे हैं और सरकार विकास के गीत गा रही है. लेकिन कदमटोला गांव में सरकार के विकास की गीत दम तोड़ते नजर आ रही है. हालांकि जिले के उपायुक्त वरुण रंजन ग्रामीणों को सड़क की सुविधा मुहैया कराने को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिए हैं. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. उपायुक्त ने बताया कि आरईओ विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है. ताकि सड़क निर्माण की दिशा में काम किया जा सके.

पाकुड़: आजादी के वर्षों बीत जाने के बाद जहां आज देश और डिजिटल युग में पहुंच गया है. सरकार अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने का दावा करती है. वहीं पाकुड़ के तालपहाड़ी पंचायत अंतर्गत कदमटोला गांव (Kadamtola Village) के लोग आज भी सड़क पर कदम रखने को लालायित हैं. यह गांव पूरी तरह आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव के लोगों को पंचायत मुख्यालय तक जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ता है. ग्रामिणों बांस के बनाए पुल पर जान जोखिम में डालकर आना-जाना कर रहे हैं.


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लिट्टीपाड़ा प्रखंड के अंतर्गत आने वाले कदमटोला गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, मरीजों को अस्पताल ले जाने या गांव के बच्चों का स्कूल जाने के लिए पगडंडियों का ही सहारा लेना पड़ता है. जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है. ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के पास सड़क निर्माण कराने के लिए गुहार लगाई. लेकिन अब तक किसी ने भी उनकी नहीं सुनी. गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश है. गांव के लोग और खासकर बच्चे आज भी आश में हैं कि किसी न किसी मसीहा की नजर गांव पर पड़ जाए. जो सड़क का निर्माण करवा दें.

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कदमटोला गांव विकास से कोसों दूर


कदमटोला गांव में सरकार के विकास योजनाओं का भी लाभ आज तक नहीं पहुंचा है. लोगों को मनरेगा हो या प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. गांव में अगर कोई बीमार हो जाता है तो वहां तक एंबुलेंस भी नहीं पहुंचती है. जिसके कारण ग्रामीण मरीजों को खटिया के सहारे गांव से बाहर ले जाते हैं. उसके बाद एंबुलेंस की मदद से मरीजों को अस्पताल पहुंचाते हैं. ऐसे में कभी भी किसी मरीजों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने से हो सकती है.

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देश में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव

आज देश में आजादी के 75वें वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मनाए जा रहे हैं और सरकार विकास के गीत गा रही है. लेकिन कदमटोला गांव में सरकार के विकास की गीत दम तोड़ते नजर आ रही है. हालांकि जिले के उपायुक्त वरुण रंजन ग्रामीणों को सड़क की सुविधा मुहैया कराने को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिए हैं. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. उपायुक्त ने बताया कि आरईओ विभाग से रिपोर्ट तलब की गई है. ताकि सड़क निर्माण की दिशा में काम किया जा सके.

Last Updated : Oct 27, 2021, 7:57 PM IST
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