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जान जोखिम मे डाल पढ़ने को मजबूर बच्चे, प्रशासन कर रहा अनहोनी का इंतजार!

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Published : Oct 23, 2019, 1:37 PM IST

पाकुड़ के सोनाजोड़ी उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चे डर के साए में हर दिन स्कूल में पढ़ाई करते हैं. इस स्कूल की भवन और क्लास जर्जर हो चुके हैं.

स्कूल की जर्जर हालत

पाकुड़: खनिज संपदाओं की गोद में बसे झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में एक ऐसा स्कूल भी है जहां के बच्चे डर के साए में भी शिक्षा की भूख मिटा रहे हैं. ये स्कूल है जिले के सदर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोड़ी. शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में सरकार और शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, पर इस स्कूल के जर्जर भवन, वर्ग के मरम्मत के लिए आवंटन के लाले पड़े हैं.

देखें पूरी खबर

शिक्षा में गुणात्मक सुधार के दावे फेल
स्कूल में 330 बच्चे नामांकित हैं. जिनमें से 250 बच्चे हर दिन विद्यालय आते हैं. इस स्कूल में सोनाजोड़ी गांव के अलावे बरमसिया, समशेरा, सोलागढ़िया के बच्चे रोज पढ़ने आते हैं. सरकार की संवेदनहीनता और शिक्षा में गुणात्मक सुधार के दावे की यह विद्यालय पोल खोल रहा है.

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एक रूम में दो-दो क्लास
यहां एक ही कमरे में एक और दो वर्ग, तीन से पांच दूसरे कमरे में और छह से आठ कक्षा के बच्चे तीसरे कमरे में एक साथ पढ़ते हैं. यदि शिक्षक वर्ग पांच के बच्चों को पढ़ाते हैं तो तीन और चार के बच्चे जिन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं बैठे रहते हैं. इस इंतजार में कि अगली पाली में उनकी कक्षा और विषय की पढ़ाई होगी. सभी वर्ग के बच्चों को हर दिन ऐसे हालात से गुजरना पड़ रहा है.

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डर के साए में बच्चे
हेड मास्टर कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और डीसी तक को विद्यालय के जर्जर स्थिति को लेकर पत्राचार कर चुके हैं पर सुधार कुछ नहीं हुआ. इतना ही नहीं विभाग के अपर सचिव अरविंद कुमार सिंह भी निरीक्षण के दौरान इस विद्यालय में पहुंचे थे, बच्चों की समस्याएं सुनी और भवनों का हाल भी देखा पर वो भी कुछ नहीं कर पाए. बच्चे डर के साये में भी रहते हैं कि कब विद्यालय की छत गिर जाए.

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जिला शिक्षा अधीक्षक ने क्या कहा
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोड़ी की बदहाली और डर के साए में बच्चों के पठन-पाठन के मामले को लेकर जब जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ दुर्गानंद झा से उनका पक्ष लिया गया तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है. डॉ झा ने बताया कि विद्यालय में अतिरिक्त भवन के लिए प्रपोजल विभाग को भेजा गया है और आवंटन आते ही अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कराया जाएगा.

पाकुड़: खनिज संपदाओं की गोद में बसे झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में एक ऐसा स्कूल भी है जहां के बच्चे डर के साए में भी शिक्षा की भूख मिटा रहे हैं. ये स्कूल है जिले के सदर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोड़ी. शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में सरकार और शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, पर इस स्कूल के जर्जर भवन, वर्ग के मरम्मत के लिए आवंटन के लाले पड़े हैं.

देखें पूरी खबर

शिक्षा में गुणात्मक सुधार के दावे फेल
स्कूल में 330 बच्चे नामांकित हैं. जिनमें से 250 बच्चे हर दिन विद्यालय आते हैं. इस स्कूल में सोनाजोड़ी गांव के अलावे बरमसिया, समशेरा, सोलागढ़िया के बच्चे रोज पढ़ने आते हैं. सरकार की संवेदनहीनता और शिक्षा में गुणात्मक सुधार के दावे की यह विद्यालय पोल खोल रहा है.

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एक रूम में दो-दो क्लास
यहां एक ही कमरे में एक और दो वर्ग, तीन से पांच दूसरे कमरे में और छह से आठ कक्षा के बच्चे तीसरे कमरे में एक साथ पढ़ते हैं. यदि शिक्षक वर्ग पांच के बच्चों को पढ़ाते हैं तो तीन और चार के बच्चे जिन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं बैठे रहते हैं. इस इंतजार में कि अगली पाली में उनकी कक्षा और विषय की पढ़ाई होगी. सभी वर्ग के बच्चों को हर दिन ऐसे हालात से गुजरना पड़ रहा है.

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डर के साए में बच्चे
हेड मास्टर कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और डीसी तक को विद्यालय के जर्जर स्थिति को लेकर पत्राचार कर चुके हैं पर सुधार कुछ नहीं हुआ. इतना ही नहीं विभाग के अपर सचिव अरविंद कुमार सिंह भी निरीक्षण के दौरान इस विद्यालय में पहुंचे थे, बच्चों की समस्याएं सुनी और भवनों का हाल भी देखा पर वो भी कुछ नहीं कर पाए. बच्चे डर के साये में भी रहते हैं कि कब विद्यालय की छत गिर जाए.

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जिला शिक्षा अधीक्षक ने क्या कहा
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोड़ी की बदहाली और डर के साए में बच्चों के पठन-पाठन के मामले को लेकर जब जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ दुर्गानंद झा से उनका पक्ष लिया गया तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है. डॉ झा ने बताया कि विद्यालय में अतिरिक्त भवन के लिए प्रपोजल विभाग को भेजा गया है और आवंटन आते ही अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कराया जाएगा.

Intro:बाइट : शबनम खातून, छात्रा, वर्ग 6
बाइट : खुशबू खातून, छात्रा, वर्ग 6
बाइट : शिशिल्या सोरेन, प्रधानाध्यापिका
बाइट : डॉ दुर्गानंद झा, जिला शिक्षा अधीक्षक, पाकुड़

पाकुड़ : खनिज संपदाओं की गोद में बसे झारखंड राज्य के पाकुड़ जिले में एक ऐसा स्कूल भी है जहां के बच्चे डर के साए में भी शिक्षा की भूख मिटा रहे हैं। वह स्कूल है जिले के सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोड़ी। शिक्षा में गुणात्मक सुधार के साथ-साथ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में सरकार एवं शिक्षा विभाग करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। परंतु इस विद्यालय के झज्जर वर्ग कक्ष का मरम्मत एवं अतिरिक्त वर्ग कक्ष के लिए आवंटन के लाले पड़े हैं।


Body:इस विद्यालय में 330 बच्चे नामांकित है जिनमें से 250 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आते हैं। इस स्कूल में सोनाजोड़ी गांव के अलावे बरमसिया, समशेरा, सोलागढ़िया के बच्चे रोज पढ़ने आते हैं। सरकार की संवेदनहीनता एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के दावे कि यह विद्यालय पोल खोल रहा है। आनंददाई कक्ष एवं पुस्तकालय का संचालन नहीं हो रहा है क्योंकि कभी भी इसका छत जमीनदोज हो सकता है। बच्चों में शिक्षा का भूख ही एक ऐसा कारण है कि वर्ग एक से दो एक कमरे में, तीन से पांच दूसरे कमरे में एवं 6 से 8 कक्षा के बच्चे तीसरे कमरे में एक साथ पढ़ते हैं। यदि शिक्षक वर्ग पंचम के बच्चे को पढ़ाते हैं तो तीन और चार के बच्चे जिन्हें इससे कोई लेना-देना नहीं बैठे रहते हैं इस इंतजार में कि अगली पाली में उनकी कक्षा और विषय की पढ़ाई होगी। कमोबेश सभी वर्ग के बच्चों को रोज ऐसे हालत से गुजरना पड़ रहा है। हेड मास्टर द्वारा अनेकों बार जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और डीसी तक को विद्यालय के जर्जर स्थिति को लेकर पत्राचार किया पर सुधार कुछ नहीं हुआ। इतना ही नहीं विभाग के अपर सचिव अरविंद कुमार सिंह भी निरीक्षण के दौरान इस विद्यालय में पहुंचे थे, बच्चों की समस्याएं सुनी और भवनों का हाल भी देखा पर हुए भी कुछ नहीं कर पाए सिवाय आदेश निर्देश के। बच्चे इस भय की कभी भी विद्यालय की छत उनकी जिंदगी ले सकता है के बावजूद स्कूल आ रहे हैं और पढ़ने के लिए, ताकि हुए भी अधिकारियों और शिक्षा प्रेमियों के इस गीत को घर घर अलख जगायेंगे बदलेगा जमाना को चरितार्थ किया जा सके।


Conclusion:उत्क्रमित मध्य विद्यालय सोनाजोरी की बदहाली और डर के साए में बच्चों के पठन-पाठन के मामले को लेकर जब जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ दुर्गानंद झा से उनका पक्ष लिया गया तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में है। डॉ झा ने बताया कि विद्यालय में अतिरिक्त भवन के लिए प्रपोजल विभाग को भेजा गया है और आवंटन आते ही अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण कराया जाएगा।
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