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संथाल परगना की वो सड़क जिसपर नहीं चला किसी का जोर! जानिए अब तक क्यों नहीं हुई नजर-ए-इनायत

पाकुड़ जिला की लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर गोड्डा की सड़क बदहाल है. सरकार और विपक्ष दोनों की कथनी और करनी की बातों में आकर लोग इस सड़क की बदहाली का शिकार हो रहे हैं.

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Published : Sep 13, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Sep 13, 2021, 9:47 PM IST

पाकुड़: झारखंड में जहां सत्तापक्ष विकास का ढिंढोरा पीट रहा और विपक्ष वादाखिलाफी एवं सिस्टम तक होने का आरोप लगा रहा. लेकिन दोनों ही पक्ष खासकर संथाल परगना की सबसे पुरानी और प्रमुख लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर गोड्डा सड़क की दशा और दिशा बदलने में अपनी कोई भूमिका नहीं निभा रहा. नतीजतन यह सड़क अब तो सरकार और विपक्ष दोनों की कथनी और करनी का शिकार होकर यात्रियों को अपनी चपेट में ले रहा है.

इसे भी पढ़ें- जानिए कैसा है आलमगीर आलम के क्षेत्र का हाल, सड़कों की कैसी है व्यवस्था


इस महत्वपूर्ण सड़क के हालात बदलने के लिए अलग राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक की सरकारों ने ईमानदारी पूर्वक प्रयास नहीं किया. जिसका परिणाम है कि आज लोग इस सड़क पर वाहन तो छोड़ दीजिए पैदल जाने से भी कतराते हैं. कारोबारी व्यापारी जहां पापी पेट का सवाल के चलते किसी तरह पाकुड़ से गोड्डा आना-जाना कर रहे हैं. संथाल परगना प्रमंडल की इस प्रमुख सड़क से आवागमन के लिए परहेज करते हुए ना केवल आम लोग बल्कि शासन प्रशासन के लोग भी वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेते हैं.

देखें पूरी खबर

ऐसा इसलिए होता है कि पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा भाया धर्मपुर गोड्डा लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को पांच से 6 घंटे लग जाते हैं. दुर्घटना की संभावना तो अलग ही. लोगों ने इस सड़क की दुर्दशा को लेकर सबसे ज्यादा गुस्सा संथाल परगना प्रमंडल के ही शासन की कमान संभालने वाले राज्य के मुख्य मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और अल्पसंख्यक एवं कल्याण विभाग के मंत्री के खिलाफ दिनोंदिन बढ़ रही है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर गोड्डा की सड़क बदहाल

यहां के लोग इस सड़क की उपेक्षा को लेकर राजमहल एवं गोड्डा के कद्दावर कहे जाने वाले सांसद विजय हांसदा और निशिकांत दुबे की शिथिलता एवं संवेदनहीनता पर भी सवाल उठा रहे हैं. धरमपुर से गोड्डा लगभग 50 किलोमीटर इस सड़क से खनिज संपदाओं के अलावा वनोत्पाद सहित रोजमर्रा के सामानों का परिवहन भारी वाहनों के जरिए शुरू से होता रहा है.

संथाल परगना प्रमंडल के पाकुड़, साहिबगंज एवं गोड्डा की लोगों की लाइफ लाइन कही जाने वाली लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर सड़क की दशा और दिशा बदलने के मामले में राज्य के पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री और साहिबगंज जिला के बरहेट विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाए, जिसका खामियाजा तीनों जिलों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. इस महत्वपूर्ण सड़क में सैकड़ो स्थान पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और बरसात के इस मौसम में तो इस सड़क ने तालाब का रूप ले लिया है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
बारिश में गड्ढों में तब्दील सड़क

इसे भी पढ़ें- ऐसे तो संथाल परगना में पहुंचना होगा मुश्किल, जब लाइफ लाइन ही खतरनाक

डीसी ने दिया सड़क दुरुस्त करने का भरोसा

इस मामले में जब जिला के उपायुक्त से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई है और जिले में खराब सड़को का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने तथा उसे दुरुस्त कराने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिले के कई ऐसे महत्वपूर्ण सड़के हैं जिस पर जल्द काम शुरू कराई जाएगी. सिस्टम के फेल हो जाने के कारण यहां की स्थानीय लोग अब वाहनों से पैसा वसूल कर गड्ढे की भरायी करने लगे हैं. इसकी जानकारी प्रशासन को भी है लेकिन इस पर प्रशासन इसलिए कुछ नहीं बोल रहा है कि कम से कम आने जाने वाले लोगों को थोड़ी राहत तो मिल रही है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
रोड पर जलजमाव

पिछली सरकारों ने किया था पहल
तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा एवं उप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साल 2011 में इस महत्वपूर्ण सड़क को आवागमन के लायक बनाने के लिए शिलान्यास किया था लेकिन सड़क अपने अस्तित्व में आज तक नहीं आ पाया. अगर राज्य की दशा और दिशा बदलने का दावा करने वाले शासन में बैठे लोगों ने लिट्टीपाड़ा-धरमपुर-गोड्डा सड़क के निर्माण की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा जनता के साथ-साथ सत्ता पक्ष को भी भुगतने से इनकार नहीं किया जा सकता.

संथाल परगना प्रमंडल में सबसे ज्यादा विधायक सत्ता पक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के ही है. इस प्रमंडल ने अपने राज्य को मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष, तीन मंत्री दिया है. लेकिन सरकार ने एक अलग सड़क की दिशा बदलने के लिए अपनी हिम्मत नहीं दिखा पाई.

पाकुड़: झारखंड में जहां सत्तापक्ष विकास का ढिंढोरा पीट रहा और विपक्ष वादाखिलाफी एवं सिस्टम तक होने का आरोप लगा रहा. लेकिन दोनों ही पक्ष खासकर संथाल परगना की सबसे पुरानी और प्रमुख लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर गोड्डा सड़क की दशा और दिशा बदलने में अपनी कोई भूमिका नहीं निभा रहा. नतीजतन यह सड़क अब तो सरकार और विपक्ष दोनों की कथनी और करनी का शिकार होकर यात्रियों को अपनी चपेट में ले रहा है.

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इस महत्वपूर्ण सड़क के हालात बदलने के लिए अलग राज्य बनने के बाद से लेकर अब तक की सरकारों ने ईमानदारी पूर्वक प्रयास नहीं किया. जिसका परिणाम है कि आज लोग इस सड़क पर वाहन तो छोड़ दीजिए पैदल जाने से भी कतराते हैं. कारोबारी व्यापारी जहां पापी पेट का सवाल के चलते किसी तरह पाकुड़ से गोड्डा आना-जाना कर रहे हैं. संथाल परगना प्रमंडल की इस प्रमुख सड़क से आवागमन के लिए परहेज करते हुए ना केवल आम लोग बल्कि शासन प्रशासन के लोग भी वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेते हैं.

देखें पूरी खबर

ऐसा इसलिए होता है कि पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा भाया धर्मपुर गोड्डा लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को पांच से 6 घंटे लग जाते हैं. दुर्घटना की संभावना तो अलग ही. लोगों ने इस सड़क की दुर्दशा को लेकर सबसे ज्यादा गुस्सा संथाल परगना प्रमंडल के ही शासन की कमान संभालने वाले राज्य के मुख्य मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री और अल्पसंख्यक एवं कल्याण विभाग के मंत्री के खिलाफ दिनोंदिन बढ़ रही है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर गोड्डा की सड़क बदहाल

यहां के लोग इस सड़क की उपेक्षा को लेकर राजमहल एवं गोड्डा के कद्दावर कहे जाने वाले सांसद विजय हांसदा और निशिकांत दुबे की शिथिलता एवं संवेदनहीनता पर भी सवाल उठा रहे हैं. धरमपुर से गोड्डा लगभग 50 किलोमीटर इस सड़क से खनिज संपदाओं के अलावा वनोत्पाद सहित रोजमर्रा के सामानों का परिवहन भारी वाहनों के जरिए शुरू से होता रहा है.

संथाल परगना प्रमंडल के पाकुड़, साहिबगंज एवं गोड्डा की लोगों की लाइफ लाइन कही जाने वाली लिट्टीपाड़ा भाया धरमपुर सड़क की दशा और दिशा बदलने के मामले में राज्य के पाकुड़ विधायक आलमगीर आलम राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री और साहिबगंज जिला के बरहेट विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाए, जिसका खामियाजा तीनों जिलों के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. इस महत्वपूर्ण सड़क में सैकड़ो स्थान पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं और बरसात के इस मौसम में तो इस सड़क ने तालाब का रूप ले लिया है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
बारिश में गड्ढों में तब्दील सड़क

इसे भी पढ़ें- ऐसे तो संथाल परगना में पहुंचना होगा मुश्किल, जब लाइफ लाइन ही खतरनाक

डीसी ने दिया सड़क दुरुस्त करने का भरोसा

इस मामले में जब जिला के उपायुक्त से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में अधिकारियों के साथ एक बैठक की गई है और जिले में खराब सड़को का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने तथा उसे दुरुस्त कराने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिले के कई ऐसे महत्वपूर्ण सड़के हैं जिस पर जल्द काम शुरू कराई जाएगी. सिस्टम के फेल हो जाने के कारण यहां की स्थानीय लोग अब वाहनों से पैसा वसूल कर गड्ढे की भरायी करने लगे हैं. इसकी जानकारी प्रशासन को भी है लेकिन इस पर प्रशासन इसलिए कुछ नहीं बोल रहा है कि कम से कम आने जाने वाले लोगों को थोड़ी राहत तो मिल रही है.

Bad condition of Littipada Via Dharampur Godda Road in Pakur
रोड पर जलजमाव

पिछली सरकारों ने किया था पहल
तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा एवं उप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साल 2011 में इस महत्वपूर्ण सड़क को आवागमन के लायक बनाने के लिए शिलान्यास किया था लेकिन सड़क अपने अस्तित्व में आज तक नहीं आ पाया. अगर राज्य की दशा और दिशा बदलने का दावा करने वाले शासन में बैठे लोगों ने लिट्टीपाड़ा-धरमपुर-गोड्डा सड़क के निर्माण की दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो आने वाले दिनों में इसका खामियाजा जनता के साथ-साथ सत्ता पक्ष को भी भुगतने से इनकार नहीं किया जा सकता.

संथाल परगना प्रमंडल में सबसे ज्यादा विधायक सत्ता पक्ष झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के ही है. इस प्रमंडल ने अपने राज्य को मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा अध्यक्ष, तीन मंत्री दिया है. लेकिन सरकार ने एक अलग सड़क की दिशा बदलने के लिए अपनी हिम्मत नहीं दिखा पाई.

Last Updated : Sep 13, 2021, 9:47 PM IST
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