पाकुड़: बरसात का मौसम है और इस वक्त जलजमाव, वज्रपात, बाढ़ के अलावे कई तरह की बीमारियों के फैलने की संभावनाएं हैं. इन्हीं संभावनाओं को ध्यान में रखकर प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए प्रशासन इन दिनों तैयारियों में जुटा हुआ है, लेकिन सबसे बड़ा सकून और राहत देने वाला स्वास्थ्य विभाग की लाचारी जगजाहिर है.
समस्याओं के जाल में फंसकर बेबस है स्वास्थ्य विभाग
कृषि विभाग जलजमाव की बाढ़ से होने वाले क्षति को कैसे जिले के किसानों को राहत दिलाया जा सके उसकी सारी योजना बना रहा है. तो राजस्व विभाग वज्रपात और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को सरकारी मुआवजा दिलाने के लिए अपने तंत्र को मजबूत कर रहा है. जिला प्रशासन सभी विभागों को प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए अलर्ट पर रहने का निर्देश जारी किया है. विभागों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग खुद की समस्याओं के जाल में फंसकर बेबस और लाचार है.
जलजमाव से पनपती हैं बीमारियां
बरसात के मौसम में जलजमाव की स्थिति को खत्म होने के बाद डायरिया, मलेरिया, मौसमी बुखार जैसी बीमारियों से लोग ज्यादा ग्रसित रहते हैं. प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फैलने वाली बीमारियों से निपटने का प्रशासन लाख दावा करे, लेकिन मौजूदा हालात विभाग के जो है उसे शायद ही प्राकृतिक प्रभावित लोगों को राहत और सुकून मिल पाएगा.
कार्यालय की शोभा का बना हुआ फॉगिंग मशीन
पाकुड़ के दो प्रखंड लिट्टीपाड़ा और अमड़ापाड़ा वर्षों से मलेरिया जोन के रूप में चिन्हित रहा है. अगर बीमारी प्राकृतिक आपदा के दौरान फैल गयी तो स्वास्थ्य महकमा मरीजों को कितना राहत दिला पाएगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. मलेरिया से निजात दिलाने के लिए वर्षो पहले खरीदे गए फॉगिंग मशीन आज शोभा का बना हुआ है. जलजमाव और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने के बाद गांव के लोगों को मजबूरन लंबी दूरी तय कर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए सदर अस्पताल आना पड़ेगा क्योंकि जिले के दर्जनों गांवों में स्वास्थ्य भवन कर्मियों और चिकित्सकों के अभाव में लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है.
नहीं है कोई तैयारी
अस्पताल का रुख कर रहे स्थानीय और आम लोगों का आरोप है कि बारिश और उससे होने वाले नुकसान और बीमारियों से निपटने की कोई तैयारी नहीं है, लेकिन इन आरोपों को खारिज करते हुए सिविल सर्जन डॉक्टर रामदेव पासवान का दावा है कि सभी सरकारी अस्पताल में सांप काटने की दवा से लेकर डायरिया और मलेरिया जैसी बीमारी से भी निपटने की सारी तैयारियां हो चुकी हैं.
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क्या है सिविल सर्जन के कहना
सिविल सर्जन डॉक्टर रामदेव पासवान यह दावा कर रहे हैं कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और जो भी बीमारी फैलेगी उससे प्रभावित लोगों को तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाएंगे. उनका यह दावा है कि सरकारी अस्पतालों में सांप काटने की दवा हो या डायरिया मलेरिया जैसी बीमारी से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध करा दी गयी है. ताकि ग्रामीणों को किसी भी तरीके की परेशानी न हो.