पाकुड़ : शहरी क्षेत्र में छोटे वाहनों से मनमाना टोल टैक्स वसूले जाने के खिलाफ ऑटो और टोटो (ई-रिक्शा)चालकों ने बुधवार को पाकुड़-दुमका मुख्य सड़क को डीसी आवास के निकट जाम कर दिया. इस कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मार्क बास्की ने बताया कि नगर परिषद द्वारा बहाल संवेदक निर्धारित प्रवेश शुल्क लेने के बजाय मनमाने तरीके से शुल्क वसूली कर रहा है और इसका विरोध करने पर मारपीट की जाती है. उन्होंने बताया कि पूर्व में कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन नगर परिषद के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. संवेदक का मनोबल बढ़ गया. संवेदक आये दिन ऑटो और टोटो चालकों के साथ गाली-गलौज करता है, धमकी देता है और मारपीट करता है.
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संवेदक पर प्राथमिकी दर्ज करने और उसका टेंडर रद्द करने की मांगः वहीं इस दौरान सड़क जाम में शामिल चालकों ने टोल टैक्स वसूलने वाले संवेदक पर प्राथमिकी दर्ज करने और उसका टेंडर रद्द करने की मांग कर रहे थे. साथ ही प्रदर्शन कर रहे चालकों ने कहा कि अब तक निर्धारित शुल्क से जितनी भी अधिक राशि ली गई है उसे वापस कराया जाए. प्रदर्शन कर रहे चालकों ने कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो सड़क जाम नहीं हटाएंगे. इस दौरान सड़क जाम कर रहे चालकों ने नगर परिषद अध्यक्ष संपा साहा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुतला दहन किया. वहीं इस संबंध में कांग्रेस नेता आलोक जोय पॉल ने बताया कि यदि संवेदक पर कार्रवाई नहीं की गई तो अनिश्चितकालीन सड़क जाम किया जाएगा.
थाना प्रभारी और पदाधिकारी ने चालकों को समझाकर हटवाया जामः वहीं मामले की सूचना मिलते ही नगर थाना प्रभारी मनोज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश यादव दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और सड़क जाम में शामिल चालकों को समझा-बुझाकर हटाया. इस मामले में कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश यादव ने बताया कि चालक संघ के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की जाएगी और समस्या का समाधान कराया जाएगा.वहीं घंटों सड़क जाम रहने से स्कूली बच्चों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय के कर्मियों, अधिकारियों सहित राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
संवेदक ने सारे आरोपों का बेबुनियाद बतायाः वहीं इस संबंध में टोल टैक्स के संवेदक नरेंद्र सिंह ने बताया कि नगर परिषद द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जाता है. उन्होंने बताया कि टोल नाका पर मौजूद कर्मियों या मेरे द्वारा न तो किसी के साथ न तो अभद्र व्यवहार किया गया है और न ही मारपीट. संवेदक ने बताया कि लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा कि कुछ टोटो (ई-रिक्शा) चालक शुल्क देना नहीं चाहते हैं और यदि उन्हें रोकने का प्रयास किया जाता है तो वे अपने लोगों को लाकर धमकी देते हैं. उन्होंने बताया कि चालकों द्वारा की गई मनमानी को लेकर नगर थाने में लिखित शिकायत भी दी गई है.