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रघुवर सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार में हुई अप्रत्याशित वृद्धि: आलमगीर आलम - pakur assembly seat

पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी आलमगीर आलम को बनाया है. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कांग्रेस विधायक ने कहा कि जो वादा कर सरकार ने विश्वास के साथ लोगों से वोट लिया था उसे पूरा नहीं कर पाई. सरकार हो या उसके तंत्र ने किसानों की समस्या को जानने तक नहीं पहुंची.

पाकुड़ विधानसभा सीट
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Published : Nov 23, 2019, 12:55 PM IST

पाकुड़: 20 दिसंबर को अंतिम चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक और जहां प्रशासन जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर राजनीतिक दलों के नेता और घोषित प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम से खास बातचीत

पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी आलमगीर आलम को बनाया है. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कांग्रेस विधायक ने कहा कि जो वादा कर सरकार ने विश्वास के साथ लोगों से वोट लिया था उसे पूरा नहीं कर पाई. सरकार हो या उसके तंत्र ने किसानों की समस्या को जानने तक नहीं पहुंची.

आलमगीर ने कहा कि राज्य में कई लोग भूख से मर गए और जब कांग्रेस सहित समर्थित अन्य दलों ने बात को उठाया तो उसे बीमारी से मौत होने का कारण बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया. कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस कारण सीएम जहां भी गए हैं वहां के लोगों से यह पूछते रहे कि क्या किसी ने जमीन छीनने का काम किया है. इससे साफ हो गया कि इस सरकार की मंशा ही गलत थी.

उन्होंने कहा कि रॉयल्टी में अप्रत्याशित वृद्धि, 2020 के बाद पत्थरों का नवीकरण नहीं होने से कारोबारियों के साथ-साथ हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक हो या सेविका-सहायिका इन सभी के मांगों को लेकर कई बार आश्वासन दिया गया पर इनके मांगों को सरकार ने पूरी नहीं की, बल्कि इन सभी पर उल्टे लाठी बरसाने का काम किया गया. आलमगीर आलम ने कहा कि समस्या का निराकरण हो, किसानों को अनाज का बेहतर दाम मिले इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे.

ये भी पढ़ें: BJP से अलग होकर सुदेश महतो ने लिया बड़ा जोखिम! जानिए विशेषज्ञ की राय
बता दें कि 1995 में पहली बार कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यक बहुल पाकुड़ विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इन्हें बीजेपी के वेणी प्रसाद गुप्ता ने पराजित किया. वहीं, साल 2000 और 2005 में हुए चुनाव में बीजेपी के वेणी प्रसाद गुप्ता को लगातार दो बार हराया. उसके बाद आलमगीर आलम विधानसभा अध्यक्ष बने. 2009 में हुए विस चुनाव में जेएमएम के अकील अख्तर ने उन्हें पराजित किया, जबकि 2014 में हुए चुनाव में आलमगीर ने अकील को हराकर तीसरी बार जीत दर्ज की.

पाकुड़: 20 दिसंबर को अंतिम चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक और जहां प्रशासन जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर राजनीतिक दलों के नेता और घोषित प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं.

कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम से खास बातचीत

पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी आलमगीर आलम को बनाया है. कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कांग्रेस विधायक ने कहा कि जो वादा कर सरकार ने विश्वास के साथ लोगों से वोट लिया था उसे पूरा नहीं कर पाई. सरकार हो या उसके तंत्र ने किसानों की समस्या को जानने तक नहीं पहुंची.

आलमगीर ने कहा कि राज्य में कई लोग भूख से मर गए और जब कांग्रेस सहित समर्थित अन्य दलों ने बात को उठाया तो उसे बीमारी से मौत होने का कारण बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया. कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस कारण सीएम जहां भी गए हैं वहां के लोगों से यह पूछते रहे कि क्या किसी ने जमीन छीनने का काम किया है. इससे साफ हो गया कि इस सरकार की मंशा ही गलत थी.

उन्होंने कहा कि रॉयल्टी में अप्रत्याशित वृद्धि, 2020 के बाद पत्थरों का नवीकरण नहीं होने से कारोबारियों के साथ-साथ हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक हो या सेविका-सहायिका इन सभी के मांगों को लेकर कई बार आश्वासन दिया गया पर इनके मांगों को सरकार ने पूरी नहीं की, बल्कि इन सभी पर उल्टे लाठी बरसाने का काम किया गया. आलमगीर आलम ने कहा कि समस्या का निराकरण हो, किसानों को अनाज का बेहतर दाम मिले इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे.

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बता दें कि 1995 में पहली बार कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यक बहुल पाकुड़ विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इन्हें बीजेपी के वेणी प्रसाद गुप्ता ने पराजित किया. वहीं, साल 2000 और 2005 में हुए चुनाव में बीजेपी के वेणी प्रसाद गुप्ता को लगातार दो बार हराया. उसके बाद आलमगीर आलम विधानसभा अध्यक्ष बने. 2009 में हुए विस चुनाव में जेएमएम के अकील अख्तर ने उन्हें पराजित किया, जबकि 2014 में हुए चुनाव में आलमगीर ने अकील को हराकर तीसरी बार जीत दर्ज की.

Intro:पाकुड़ : आगामी 20 दिसंबर को अंतिम चरण में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक और जहां प्रशासन जोरशोर से तैयारी में जुटे हुए हैं तो दूसरी ओर राजनीतिक दलों के नेता व घोषित प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान में जुट गए है।


Body:पाकुड़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी आलमगीर आलम को बनाया है। कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की। कांग्रेस विधायक ने कहा कि जो वादा कर सरकार ने विश्वास के साथ लोगों से वोट लिया था उसे पूरा नहीं कर पाई। सरकार हो या उसके तंत्र ने किसानों की समस्या को जानने तक नहीं पहुंचा। आलमगीर ने कहा कि राज्य में कई लोग भूख से मर गए और जब कांग्रेस सहित समर्थित अन्य दलों ने बात को उठाया तो उसे बीमारी से मौत होने का कारण बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी एवं महंगाई सबसे ज्यादा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सीएनटी एसपीटी एक्ट सबसे बड़ा मुद्दा है, जिस कारण सीएम जहां भी गए हैं वहां के लोगों से यह पूछते रहे कि क्या किसी ने जमीन छीनने का काम किया है। इससे साफ हो गया कि इस सरकार की मंशा ही गलत थी। उन्होंने कहा कि रॉयल्टी में अप्रत्याशित वृद्धि, 2020 के बाद पत्थरों का नवीकरण नहीं होने से कारोबारियों के साथ-साथ हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक हो या सेविका सहायिका इन सभी के मांगों को लेकर कई बार आश्वासन दिया गया पर इनके मांगो को सरकार ने पूरी नही की, बल्कि इन सभी पर उल्टे लाठी बरसाने का काम किया गया। आलमगीर आलम ने कहा कि समस्या का निराकरण हो, किसानों को अनाज का बेहतर दाम मिले इन्ही मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएंगे। महागठबंधन के तहत पाकुड़ सीट को कांग्रेस में खाते में चले जाने से नाराज झामुमो के पूर्व विधायक अकील अख्तर के आजसू में चले जाने से क्या असर पड़ेगा, इस पर उन्होनो कहा कि पार्टी से बड़ा कोई व्यक्ति नही होता है और किसी के आने और जाने से कोई फर्क नही पड़ता।


Conclusion:बता दे कि 1995 में पहली बार कांग्रेस पार्टी ने अल्पसंख्यक बहुल पाकुड़ विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था परंतु इन्हें भाजपा के वेणी प्रसाद गुप्ता ने पराजित किया। वही साल 2000 एवं 2005 में हुए चुनाव में भाजपा के वेणी प्रसाद गुप्ता को लगातार दो बार हराया। उसके बाद श्री आलम विधानसभा अध्यक्ष बने। 2009 में हुए विस चुनाव में झामुमो के अकील अख्तर ने उन्हें पराजित किया। जबकि 2014 में हुए चुनाव में आलमगीर ने अकील को हराकर तीसरी बार जीत दर्ज की।
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