पाकुड़: कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन में शासन और प्रशासन प्रवासी मजदूरों को घर वापस लाने में दिन-रात एक किए हुए हैं. न केवल दूसरे राज्यों बल्कि राज्य के ही दूसरे जिलों से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी लगातार करायी जा रही है. लेकिन दूसरी तरफ मजदूरों को रोजगार मुहैया कराना सरकार के लिए चिंता का सबब बना हुआ है.
जिसके लिए जिला प्रशासन अभी से कार्य योजना तैयार करने में जुट गया है. वैसे प्रवासी मजदूर जो घर वापस आए हैं उनकी होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद मजदूरी मुहैया करायी जा रही है.
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जिले में अब तक लगभग 10 हजार मजदूरों में से 3 हजार 221 मजदूरों को मनरेगा योजनाओं में रोजगार मुहैया कराए गए हैं और तीन से चार दिनों के अंदर जो हजारों मजदूर घर वापसी किए हैं. उन्हें कैसे रोजगार मिले और किन-किन योजनाओं में मिले इस पर चिंतन किया जा रहा है.
मजदूरों को जोड़ने का सिलसिला है जारी
सरकार ने भी नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम विकास योजना, वीर शहीद खोखो खेल योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है. जिले के 128 पंचायतों में मजदूरों को कोरोना के इस विपदा की घड़ी में रोजगार से जोड़ना निश्चित रूप से चुनौती है और जिला प्रशासन ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए कार्य योजना भी तैयार कर ली है. जिले में लगभग 3239 प्रवासी मजदूर घर वापस लौटे हैं और मजदूरों का घर लौटने का सिलसिला जारी है.
मास्क और सेनेटाइजर का किया वितरण
डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि मजदूरों के वापस आने के बाद न केवल स्वास्थ्य जांच करायी जा रही है बल्कि मास्क और सेनेटाइजर का वितरण किया जा रहा है. डीसी ने बताया कि सभी प्रखंडों के बीडीओ को होम क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरी कर लेने के बाद प्रवासी मजदूरों को विकास योजना के तहत रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिये गये हैं.