पाकुड़: जिले में दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना अपने लक्ष्य से कोसों दूर है. भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की धीमी प्रगति का ही नतीजा है कि जिले के 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है. सरकार की उदासिनता एवं संवेदक की मनमानी की वजह से यह योजना एक साल बीत जाने के बाद भी कछुए की गति चल रही है.
सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने वाली ठेका कंपनी आईएल एंड एफएस को समय पर आधारभूत संरचना विकसित करने का कार्य पूरा नहीं करने की वजह से ब्लैक लिस्टेड की सूची में डाल दिया है. इस योजना के तहत आईएल एंड एफएस कंपनी को लगभग 11 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है. इस योजना के तहत पाकुड़ जिले के 400 गांव एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत का आधारभूत संरचना विकसित किया जाना था ताकि उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली निर्वाध गति से आपूर्ति की जा सके.
50 करोड़ रूपए की राशि से ग्रामीण इलाकों में और 18 करोड़ रुपए की राशि से शहरी इलाकों की बिजली को सुदृढ़ किया जाना था. दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत ट्रांसफार्मर लगाने, जर्जर खंभे के स्थान पर नया खंभा लगाने, पुराने विद्युत तार को बदलने, स्वीच लगाने का काम किया जाना था.
इतना ही नहीं ट्रांसफार्मर में स्वीच लगाकर ऐसी व्यवस्था बहाल करना था कि यदि किसी एक क्षेत्र का बिजली आपूर्ति ठप हो तो इससे दूसरे क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़े और पावर सब स्टेशन को सटडाउन लेने की नौबत नहीं आए, लेकिन अबतक यह काम पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन शहरी और ग्रामीण इलाकों में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या जस की तस बनी हुई है.
वहीं, कार्यपालक अभियंता विद्युत समीर कुमार ने बताया कि आईएल एंड एफएस कंपनी को काली सूची में डालने के बाद जैक्सन एजेंसी के साथ एकरारनामा किया गया है. इस एजेंसी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचना विकसित करने का काम दिसंबर महीने तक पूरा कर लिया जायेगा.