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24 घंटे बिजली की नहीं हो रही आपूर्ती, ठेका कंपनी आईएल एंड एफएस को किया गया ब्लैक लिस्टेड

पाकुड़ में बिजली की आपूर्ती के लिए सरकार ने लगभग 11 करोड़ रुपए खर्च किए थे. बावजूद इसके 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल पा रही है.

उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही बिजली
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Published : Jul 16, 2019, 1:45 PM IST

पाकुड़: जिले में दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना अपने लक्ष्य से कोसों दूर है. भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की धीमी प्रगति का ही नतीजा है कि जिले के 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है. सरकार की उदासिनता एवं संवेदक की मनमानी की वजह से यह योजना एक साल बीत जाने के बाद भी कछुए की गति चल रही है.

देखें पूरी खबर

सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने वाली ठेका कंपनी आईएल एंड एफएस को समय पर आधारभूत संरचना विकसित करने का कार्य पूरा नहीं करने की वजह से ब्लैक लिस्टेड की सूची में डाल दिया है. इस योजना के तहत आईएल एंड एफएस कंपनी को लगभग 11 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है. इस योजना के तहत पाकुड़ जिले के 400 गांव एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत का आधारभूत संरचना विकसित किया जाना था ताकि उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली निर्वाध गति से आपूर्ति की जा सके.

50 करोड़ रूपए की राशि से ग्रामीण इलाकों में और 18 करोड़ रुपए की राशि से शहरी इलाकों की बिजली को सुदृढ़ किया जाना था. दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत ट्रांसफार्मर लगाने, जर्जर खंभे के स्थान पर नया खंभा लगाने, पुराने विद्युत तार को बदलने, स्वीच लगाने का काम किया जाना था.

इतना ही नहीं ट्रांसफार्मर में स्वीच लगाकर ऐसी व्यवस्था बहाल करना था कि यदि किसी एक क्षेत्र का बिजली आपूर्ति ठप हो तो इससे दूसरे क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़े और पावर सब स्टेशन को सटडाउन लेने की नौबत नहीं आए, लेकिन अबतक यह काम पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन शहरी और ग्रामीण इलाकों में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या जस की तस बनी हुई है.

वहीं, कार्यपालक अभियंता विद्युत समीर कुमार ने बताया कि आईएल एंड एफएस कंपनी को काली सूची में डालने के बाद जैक्सन एजेंसी के साथ एकरारनामा किया गया है. इस एजेंसी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचना विकसित करने का काम दिसंबर महीने तक पूरा कर लिया जायेगा.

पाकुड़: जिले में दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना अपने लक्ष्य से कोसों दूर है. भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की धीमी प्रगति का ही नतीजा है कि जिले के 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की सुविधा नहीं मिल पा रही है. सरकार की उदासिनता एवं संवेदक की मनमानी की वजह से यह योजना एक साल बीत जाने के बाद भी कछुए की गति चल रही है.

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सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने वाली ठेका कंपनी आईएल एंड एफएस को समय पर आधारभूत संरचना विकसित करने का कार्य पूरा नहीं करने की वजह से ब्लैक लिस्टेड की सूची में डाल दिया है. इस योजना के तहत आईएल एंड एफएस कंपनी को लगभग 11 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है. इस योजना के तहत पाकुड़ जिले के 400 गांव एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत का आधारभूत संरचना विकसित किया जाना था ताकि उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली निर्वाध गति से आपूर्ति की जा सके.

50 करोड़ रूपए की राशि से ग्रामीण इलाकों में और 18 करोड़ रुपए की राशि से शहरी इलाकों की बिजली को सुदृढ़ किया जाना था. दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत ट्रांसफार्मर लगाने, जर्जर खंभे के स्थान पर नया खंभा लगाने, पुराने विद्युत तार को बदलने, स्वीच लगाने का काम किया जाना था.

इतना ही नहीं ट्रांसफार्मर में स्वीच लगाकर ऐसी व्यवस्था बहाल करना था कि यदि किसी एक क्षेत्र का बिजली आपूर्ति ठप हो तो इससे दूसरे क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़े और पावर सब स्टेशन को सटडाउन लेने की नौबत नहीं आए, लेकिन अबतक यह काम पूरा नहीं हो पाया है. नतीजतन शहरी और ग्रामीण इलाकों में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या जस की तस बनी हुई है.

वहीं, कार्यपालक अभियंता विद्युत समीर कुमार ने बताया कि आईएल एंड एफएस कंपनी को काली सूची में डालने के बाद जैक्सन एजेंसी के साथ एकरारनामा किया गया है. इस एजेंसी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र में आधारभूत संरचना विकसित करने का काम दिसंबर महीने तक पूरा कर लिया जायेगा.

Intro:बाइट : मो. समद, स्थानीय
बाइट : समीर कुमार, कार्यपालक अभियंता विद्युत, पाकुड़

पाकुड़ : पाकुड़ जिले में दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना अपने लक्ष्य से कोसो दुर है। भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना की धीमी प्रगति का ही नतिजा है कि जिले के 1 लाख 20 हजार उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली की सुविधा नही मिल पा रही है।


Body:सरकार की उदासिनता एवं संवेदक की मनमानी की वजह से यह योजना एक साल बितने के बाद भी कछुए की गति चल रहा है। 
सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने वाली ठेका कंपनी आइएल एंड एफएस को समय पर आधारभुत संरचना विकसित करने का कार्य पूरा नही करने की वजह से काली सूची में डाल दिया है। परेशान हो रहे है तो जिले के उपभोक्ता और रोज खासकर गरमी के इस मौसम में शासन और प्रशासन को कोस रहे है। इस योजना के तहत आइएल एंड एफएस कंपनी को लगभग 11 करोड़ रूपये का भुगतान भी किया गया है। इस योजना के तहत पाकुड़ जिले के 400 ग्रामो एवं शहरी क्षेत्र में विद्युत का आधारभुत संरचना विकसित किया जाना था ताकि उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली निर्वाध गति से बिजली की आपूर्ति की जा सके।
50 करोड़ रूपये की राशि से ग्रामीण इलाको में एवं 18 करोड़ रूपये की राशि से शहरी इलाको की बिजली को सुदृढ़ किया जाना था। दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत ट्रांसफर्मर लगाने, जर्जर खंभे के स्थान पर नया खंभा लगाने, पूराने विद्युत तार को बदलने, स्वीच लगाने का काम किया जाना था। इतना ही नही ट्रांसफर्मर में स्वीच लगाकर ऐसी व्यवस्था बहाल करना था कि यदि किसी एक क्षेत्र का बिजली आपूर्ति ठप हो तो इससे दूसरे क्षेत्रो की विद्युत आपूर्ति पर कोई असर नही पड़े और पावर सब स्टेशन को सटडाउन लेने की नौबत नही आये परंतु जिले का दुर्भाग्य ही कहे कि यह काम अबतक पूरा नही हो पाया है। नतीजतन शहरी और ग्रामीण इलाको में अनियमित विद्युत आपूर्ति की समस्या जस की तस बनी हुई है। 


Conclusion:कार्यपालक अभियंता विद्युत समीर कुमार ने बताया कि आइएल एंड एफएस कंपनी को काली सूची में डालने के बाद जैक्सन एजेंसी के साथ एकरारनामा किया गया है और इस एजेंसी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। उन्होने बताया कि शहरी क्षेत्र में आधारभुत संरचना विकसित करने का काम दिसम्बर माह तक पूरा कर लिया जायेगा। श्री कुमार ने बताया कि इससे बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार आयेगा और हम उपभोक्ताओ को 24 घंटे बिजली आपूर्ति कर सकेंगे।  
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