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सर्वे सन्तु निरामयाः टीकाकरण अभियान को मिल रही सफलता, सुरक्षित हो रहा मासूमों का भविष्य

नवजात और शिशु को स्वास्थ्य का बेहतर भविष्य देने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. लोहरदगा जैसे पिछड़े क्षेत्र में टीकाकरण की उपलब्धियों ने यह बता दिया है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सुरक्षित भविष्य के लिए अब माताएं और अभिभावक सजग हो चुके हैं.

Vaccination campaign getting success in lohardaga
टीकाकरण अभियान
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Published : Feb 5, 2021, 6:15 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:52 AM IST

लोहरदगाः नवजात और शिशु को स्वास्थ्य का बेहतर भविष्य देने के लिए टीकाकरण सबसे जरूरी है. टीकाकरण के क्षेत्र में भले ही आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी जागरूकता नहीं आ पाई है कि लोग टीकाकरण को लेकर सजग हो सकें. फिर भी लोहरदगा जैसे पिछड़े क्षेत्र में टीकाकरण की उपलब्धियों ने यह बता दिया है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सुरक्षित भविष्य के लिए अब माताएं और अभिभावक सजग हो चुके हैं. लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि टीकाकरण की उपलब्धियां यहां के जागरूकता की तस्वीर पेश करती हैं. बच्चों के सुरक्षित स्वास्थ्य भविष्य को लेकर अभिभावकों की जागरूकता उन्हें कई बीमारियों से बचा रही है.

देखें स्पेशल स्टोरी
बीसीजी के टीकाकरण में लोहरदगा को राज्य में प्रथम स्थानबीसीजी के टीकाकरण में लोहरदगा जिला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त है. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर भी यहां के आंकड़े सराहनीय स्थिति प्रदर्शित करते हैं. टीकाकरण की उपलब्धि का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी भी आ रही है. सामान्य टीकाकरण के क्षेत्र में भी उपलब्धियां बेहतर है. जिला में टीकाकरण ने लक्ष्य का 103 प्रतिशत सफलता हासिल की है. लोहरदगा जिला में टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग सफलता के पीछे सामूहिक प्रयास को प्रमुख कारण बताता है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि टीकाकरण के क्षेत्र में सफलता इस वजह से भी मिल पा रही है कि यहां पर ग्राम स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है. लोहरदगा जिला में 0 से 5 तक के बच्चों की संख्या 79850 है. पिछले दिन पल्स पोलियो अभियान के दौरान यहां टीकाकरण की उपलब्धि शत-प्रतिशत रही. इसके अलावा शिशु को दिए जाने वाले अन्य टीका के मामले में भी लगातार पर्यवेक्षण किया जा रहा है. प्रसव के समय ही माताओं को बताया जाता है कि शिशु को जन्म के बाद और नियमित अंतराल में कौन-कौन से टिका दिया जाना है.

इसे भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के दलदल में दफन हो गया लोहरदगा का यह अस्पताल, करोड़ों की राशि हो गई बर्बाद


शिशु को दिए जाते हैं कई प्रकार के टीके
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत शिशु को कई प्रकार का टीका दिया जाता है. जिसमें 9 माह से लेकर 12 माह तक की आयु में खसरा का टीका, 16 माह से 24 माह की आयु में डीपीटी का बूस्टर टीका, पोलियो का टीका, बीसीजी का टीका, टिटनेस का टीका, हेपेटाइटिस-बी का टीका, विटामिन ए की खुराक दी जाती है. इससे बच्चों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया, आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जिससे कि समय पर बच्चों को टीका दिया जा सके.

लोहरदगा जिला में टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता आ रही है. नवजात से लेकर अलग-अलग उम्र में बच्चों को दिए जाने वाले टीका को लेकर माताओं में विशेष जागरूकता है. टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर समय पर टीका दिलवाना माताओं की प्राथमिकता में शामिल होता है. यही कारण है कि टीकाकरण के क्षेत्र में लोहरदगा जिला लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है.

लोहरदगाः नवजात और शिशु को स्वास्थ्य का बेहतर भविष्य देने के लिए टीकाकरण सबसे जरूरी है. टीकाकरण के क्षेत्र में भले ही आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतनी जागरूकता नहीं आ पाई है कि लोग टीकाकरण को लेकर सजग हो सकें. फिर भी लोहरदगा जैसे पिछड़े क्षेत्र में टीकाकरण की उपलब्धियों ने यह बता दिया है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सुरक्षित भविष्य के लिए अब माताएं और अभिभावक सजग हो चुके हैं. लोहरदगा में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि टीकाकरण की उपलब्धियां यहां के जागरूकता की तस्वीर पेश करती हैं. बच्चों के सुरक्षित स्वास्थ्य भविष्य को लेकर अभिभावकों की जागरूकता उन्हें कई बीमारियों से बचा रही है.

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बीसीजी के टीकाकरण में लोहरदगा को राज्य में प्रथम स्थानबीसीजी के टीकाकरण में लोहरदगा जिला को राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त है. जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर भी यहां के आंकड़े सराहनीय स्थिति प्रदर्शित करते हैं. टीकाकरण की उपलब्धि का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी भी आ रही है. सामान्य टीकाकरण के क्षेत्र में भी उपलब्धियां बेहतर है. जिला में टीकाकरण ने लक्ष्य का 103 प्रतिशत सफलता हासिल की है. लोहरदगा जिला में टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग सफलता के पीछे सामूहिक प्रयास को प्रमुख कारण बताता है. महत्वपूर्ण बात यह भी है कि टीकाकरण के क्षेत्र में सफलता इस वजह से भी मिल पा रही है कि यहां पर ग्राम स्तर पर भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है. लोहरदगा जिला में 0 से 5 तक के बच्चों की संख्या 79850 है. पिछले दिन पल्स पोलियो अभियान के दौरान यहां टीकाकरण की उपलब्धि शत-प्रतिशत रही. इसके अलावा शिशु को दिए जाने वाले अन्य टीका के मामले में भी लगातार पर्यवेक्षण किया जा रहा है. प्रसव के समय ही माताओं को बताया जाता है कि शिशु को जन्म के बाद और नियमित अंतराल में कौन-कौन से टिका दिया जाना है.

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शिशु को दिए जाते हैं कई प्रकार के टीके
राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत शिशु को कई प्रकार का टीका दिया जाता है. जिसमें 9 माह से लेकर 12 माह तक की आयु में खसरा का टीका, 16 माह से 24 माह की आयु में डीपीटी का बूस्टर टीका, पोलियो का टीका, बीसीजी का टीका, टिटनेस का टीका, हेपेटाइटिस-बी का टीका, विटामिन ए की खुराक दी जाती है. इससे बच्चों को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में सहिया, आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जाता है. जिससे कि समय पर बच्चों को टीका दिया जा सके.

लोहरदगा जिला में टीकाकरण को लेकर लोगों में जागरूकता आ रही है. नवजात से लेकर अलग-अलग उम्र में बच्चों को दिए जाने वाले टीका को लेकर माताओं में विशेष जागरूकता है. टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर समय पर टीका दिलवाना माताओं की प्राथमिकता में शामिल होता है. यही कारण है कि टीकाकरण के क्षेत्र में लोहरदगा जिला लगातार उपलब्धियां हासिल कर रहा है.

Last Updated : Feb 6, 2021, 9:52 AM IST
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