लोहरदगा: उत्तराखंड के चमोली में आयी प्राकृतिक आपदा में लोहरदगा के नौ मजदूर लापता थे, जिसमें तीन मजदूरों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं. इसमें से एक मजदूर का शव 21 फरवरी को लाया गया और दो मजदूरों के शव मंगलवार को लाए गए. लोहरदगा पहुंचे दोनों शवों का ईसाई रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी.
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गांव में छाया मातम
लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के बेटहठ चोरटांगी गांव के रहने वाले सुनील बाखला और ज्योतिष बाखला का शव एंबुलेंस से लाया गया. लगभग 48 घंटे के सफर के बाद उत्तराखंड के चमोली से शव यहां पहुंचा. दोनों मजदूरों का शव जैसे ही गांव में पहुंचा, तो गांव में मातम छा गया. परिजनों का रो-रोकर कर बुरा हाल था. अंतिम संस्कार में पहुंचे लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन, परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. गांव में स्थित कब्रिस्तान में दोनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान किस्को अंचलाधिकारी भी मौजूद रहे.
छह मजदूरों की अब तक कोई जानकारी नहीं
अभी भी जिले के छह मजदूरों की अब तक कोई जानकारी नहीं है. इससे लापता मजदूरों के परिजनों का बुरा हाल है. दोनों मजदूरों के अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासनिक अधिकारी के अलावा स्थानीय ग्रामीण भी मौजूद थे. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अब तक तीन मजदूरों के शव लोहरदगा लाए जा चुके हैं, जबकि छह मजदूरों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. वहीं घटना के बाद से अब तक राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, विधायक बाबूलाल मरांडी, सांसद सुदर्शन भगत आदि गांव पहुंचकर मजदूरों के आश्रितों को सांत्वना दे चुके हैं.