लोहरदगा: टाना आंदोलन के बैनर तले सोमवार को सैंकड़ों की संख्या में टाना भगत उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने पहुंचे. प्रदर्शनकारी टाना भगत और आदिम जनजाति समुदाय के लोग अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त से मिलना चाहते थे. लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें उपायुक्त कार्यालय के अंदर जाने से रोका तो आंदोलनकारी और आक्रोशित हो गए. आक्रोशित टाना भगतों के हंगामे को देखते हुए उपायुक्त कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगाना पड़ा ताकि प्रदर्शनकारी अंदर नहीं घुस सके.
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आंदोलनकारियों को उपायुक्त से मिलने से रोका गया तो सुरक्षाबलों और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने लगे. इसी दौरान सीढ़ियां चढ़कर उपायुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार तक पहुंच गए. सुरक्षा को देखते हुए उपायुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार में ताला लगाना पड़ा. इसके साथ ही अधिकारियों ने टाना भगत को समझाने की कोशिश की. लेकिन टाना भगत अपनी मांगों पर अड़े रहे. इसके बाद उपायुक्त कार्यलय के समक्ष धरना पर बैठ गए तो प्रदर्शनकारियों के बीच उपायुक्त पहुंचे और बातचीत की.
प्रदर्शनकारी जिला में पांचवीं अनुसूची को लागू करने की मांग कर रहे थे. आंदोलनकारी अनिल ने कहा कि लोहरदगा जिला पांचवीं अनुसूची में आता है. यहां चपरासी से लेकर डीसी तक आदिवासी ही होने चाहिए. इस जिला में गैर आदिवासी का पदस्थापन अवैध है. उन्होंने कहा कि संविधान ने उन्हें अधिकार दिया है तो फिर अधिकार मिलना चाहिए. उन्होंंने कहा कि 31 मार्च 2022 तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो फिर प्रदर्शन करेंगे.
उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो ने प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए कहा कि आपकी मांग हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं है. हम आपकी मांगों को पूरा नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप ज्ञापन दें. इस ज्ञापन को सरकार के साथ साथ संबंधित विभाग और अधिकारी को भेज देंगे.