लोहरदगा:14 साल की राजनीति के बाद सुखदेव भगत अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की राह पर चल पड़े हैं. सुखदेव भगत ने साफ तौर पर कह दिया है कि आज वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं. बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने का उद्देश्य बीजेपी के संस्कारों को अपनाते हुए समाज और आम लोगों का विकास करना है.
2005 में पहली बार बने थे विधायक
सुखदेव भगत ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार नई दुल्हन जब घर आती है तो वह उस घर के संस्कारों सभ्यता और परंपराओं को अपनाते हुए उस घर के विकास की ओर ध्यान देती है. इसी प्रकार से वह भी बीजेपी में जा रहे हैं और उनके संस्कारों, सभ्यता और उद्देश्यों को अपनाते हुए पार्टी के विकास के लिए काम करेंगे. सुखदेव भगत ने साल 2005 में प्रशासनिक सेवा का त्याग कर कांग्रेस के टिकट पर लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी को हराते हुए कांग्रेस की झोली में लोहरदगा सीट डाल दिया था. इसके बाद साल 2009 और 2014 के चुनाव में सुखदेव भगत को आजसू के प्रत्याशी कमल किशोर भगत से हार का सामना करना पड़ा था.
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2015 में फिर से बने विधायक
साल 2015 के विधानसभा उपचुनाव में सुखदेव भगत ने भारी मतों से आजसू प्रत्याशी को हराते हुए वापस लोहरदगा विधानसभा सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दिया था. लोकसभा चुनाव के दौरान भी साल 2019 में सुखदेव भगत ने आम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ को मजबूत साबित करके दिखा दिया. महज कुछ हजार वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने बीजेपी के सुदर्शन भगत को कड़ी टक्कर दी थी. ऐसे में सुखदेव भगत का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान है. सुखदेव भगत सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ रांची के लिए रवाना हो चुके हैं. आज वह बीजेपी के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बीजेपी का दामन थाम लेंगे.