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लोहरदगा: दुकानदारों ने दी सामूहिक आत्मदाह की धमकी

लोहरदगा में दुकानदारों ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है. उनका कहना है कि 30 सालों से भी ज्यादा समय से वे यहां पर दुकान का संचालन कर रहे हैं. अगर उन्हें दुकाने नहीं दी गई तो वे सभी दुकानदार डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी.

दुकानदारों ने दी सामूहिक आत्मदाह की धमकी
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Published : Oct 13, 2019, 4:51 PM IST

लोहरदगा: डीसी कार्यालय परिसर में विगत 30 सालों से भी ज्यादा समय से संचालित जिला परिषद की 6 दुकानों को चलाने वाले दुकानदारों ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है. दुकानदारों ने जिला परिषद की ओर से पुरानी दुकानों के स्थान पर नई दुकानों के निर्माण करने के बाद पहले के सभी छह दुकानों को आवंटित करने की मांग की. इसे लेकर दुकानदारों ने नई दुकानों के समक्ष जोरदार ढंग से प्रदर्शन किया.

देखें पूरी खबर

दुकान आवंटित करने की मांग

दुकानदारों का कहना है कि 30 साल से भी ज्यादा समय से वे यहां पर दुकान का संचालन कर रहे हैं. इन्हीं दुकानों के भरोसे उनके परिवार की रोजी-रोटी, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनका भविष्य निर्भर कर कहा था, लेकिन कुछ समय पहले जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि पुराने जर्जर दुकानों के स्थान पर अब नई दुकानों का निर्माण कराया जाएगा. तब तक वे कहीं और वैकल्पिक व्यवस्था कर ले. इस बात को लेकर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें खाली कर दी.

ये भी पढ़ें-सड़क पर हजारीबाग नगर निगम का झगड़ा, महापौर ने पार्षदों पर लगाए गंभीर आरोप

डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह

जिला परिषद की ओर से निविदा के माध्यम से नई दुकानों का निर्माण भी किया गया, पर अब जब दुकानों को आवंटित करने की बारी आई तो कड़ी शर्त और जटिल प्रक्रिया को लागू कर दी गई है, जिससे पुराने दुकानदार दुकान ले पाने में असमर्थ हैं. ऐसे में पुराने दुकानदारों ने सीधे तौर पर प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उन्हें दुकाने नहीं दी गई तो वे सभी छह दुकानदार सामूहिक रूप से डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेंगे और इसकी पूरी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी.

लोहरदगा: डीसी कार्यालय परिसर में विगत 30 सालों से भी ज्यादा समय से संचालित जिला परिषद की 6 दुकानों को चलाने वाले दुकानदारों ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है. दुकानदारों ने जिला परिषद की ओर से पुरानी दुकानों के स्थान पर नई दुकानों के निर्माण करने के बाद पहले के सभी छह दुकानों को आवंटित करने की मांग की. इसे लेकर दुकानदारों ने नई दुकानों के समक्ष जोरदार ढंग से प्रदर्शन किया.

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दुकान आवंटित करने की मांग

दुकानदारों का कहना है कि 30 साल से भी ज्यादा समय से वे यहां पर दुकान का संचालन कर रहे हैं. इन्हीं दुकानों के भरोसे उनके परिवार की रोजी-रोटी, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनका भविष्य निर्भर कर कहा था, लेकिन कुछ समय पहले जिला प्रशासन की ओर से कहा गया कि पुराने जर्जर दुकानों के स्थान पर अब नई दुकानों का निर्माण कराया जाएगा. तब तक वे कहीं और वैकल्पिक व्यवस्था कर ले. इस बात को लेकर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें खाली कर दी.

ये भी पढ़ें-सड़क पर हजारीबाग नगर निगम का झगड़ा, महापौर ने पार्षदों पर लगाए गंभीर आरोप

डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह

जिला परिषद की ओर से निविदा के माध्यम से नई दुकानों का निर्माण भी किया गया, पर अब जब दुकानों को आवंटित करने की बारी आई तो कड़ी शर्त और जटिल प्रक्रिया को लागू कर दी गई है, जिससे पुराने दुकानदार दुकान ले पाने में असमर्थ हैं. ऐसे में पुराने दुकानदारों ने सीधे तौर पर प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर उन्हें दुकाने नहीं दी गई तो वे सभी छह दुकानदार सामूहिक रूप से डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेंगे और इसकी पूरी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी.

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स्टोरी- दुकानदारों ने दी सामूहिक आत्मदाह की धमकी, यह है उनकी मांगे
बाइट- लोकेश केशरी, दुकानदार
एंकर- डीसी कार्यालय परिसर में विगत 30 साल से भी ज्यादा समय से संचालित जिला परिषद की 6 दुकानों को चलाने वाले दुकानदारों ने सामूहिक आत्मदाह की धमकी दी है. दुकानदारों ने जिला परिषद द्वारा पुरानी दुकानों के स्थान पर नई दुकानों का निर्माण करने के बाद पहले के सभी छह दुकानदारों को सहजता से दुकान आवंटित करने की मांग की. इसे लेकर दुकानदारों ने नई दुकानों के समक्ष जोरदार ढंग से प्रदर्शन भी किया है. दुकानदारों ने प्रशासन से उन्हें तत्काल दुकान उपलब्ध कराने की मांग की है.

इंट्रो- दुकानदारों का कहना है कि 32 साल से भी ज्यादा समय से यहां पर दुकान का संचालन कर रहे हैं. इन्हीं दुकानों के भरोसे उनके परिवार की रोजी-रोटी चल रही है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उनका भविष्य भी इन्हीं दुकानों पर निर्भर था. कुछ समय पहले जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि पुराने जर्जर दुकानों के स्थान पर अब नई दुकानों का निर्माण कराया जाएगा. तब तक दुकानदार कहीं और वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं. इस बात को लेकर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें खाली कर दी. जिला परिषद द्वारा निविदा के माध्यम से नई दुकानों का निर्माण भी किया गया, पर अब जब दुकानों को आवंटित करने की बारी आई तो कड़ी शर्त और जटिल प्रक्रिया को लागू कर दिया गया है. जिससे पुराने दुकानदार दुकान ले पाने में असमर्थ हैं. ऐसे में पुराने दुकानदारों ने सीधे तौर पर प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उन्हें दुकाने नहीं दी गई तो वे सामूहिक रूप से सभी छह दुकानदार डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेंगे. इसकी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी. दुकानदारों के प्रदर्शन के बाद अब जिला प्रशासन की ओर से उठाए जाने वाले कदम को लेकर सभी दुकानदारों को इंतजार है.Body:दुकानदारों का कहना है कि 32 साल से भी ज्यादा समय से यहां पर दुकान का संचालन कर रहे हैं. इन्हीं दुकानों के भरोसे उनके परिवार की रोजी-रोटी चल रही है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई और उनका भविष्य भी इन्हीं दुकानों पर निर्भर था. कुछ समय पहले जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि पुराने जर्जर दुकानों के स्थान पर अब नई दुकानों का निर्माण कराया जाएगा. तब तक दुकानदार कहीं और वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं. इस बात को लेकर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें खाली कर दी. जिला परिषद द्वारा निविदा के माध्यम से नई दुकानों का निर्माण भी किया गया, पर अब जब दुकानों को आवंटित करने की बारी आई तो कड़ी शर्त और जटिल प्रक्रिया को लागू कर दिया गया है. जिससे पुराने दुकानदार दुकान ले पाने में असमर्थ हैं. ऐसे में पुराने दुकानदारों ने सीधे तौर पर प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा है कि यदि उन्हें दुकाने नहीं दी गई तो वे सामूहिक रूप से सभी छह दुकानदार डीसी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेंगे. इसकी जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी. दुकानदारों के प्रदर्शन के बाद अब जिला प्रशासन की ओर से उठाए जाने वाले कदम को लेकर सभी दुकानदारों को इंतजार है.Conclusion:जिला परिषद के अधीन संचालित दुकानों के दुकानदारों ने आत्मदाह की धमकी दी है
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