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गर्मी दस्तक देते ही सूख गई कोयल और शंख नदी, लोहरदगा में पानी के लिए हाहाकार!

झारखंड में गर्मी आते ही पानी की समस्या से लोग परेशान रहेते है. इस समस्या का समाधान करने के लिए कई जगहों पर इंटेकवेल भी करवाया गया वो कार्य भी अधूरा पड़ा है.

People suffer from water problem in lohardaga
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Published : May 1, 2019, 3:18 PM IST

लोहरदगा: भीषण गर्मी के बीच शहरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है. कोयल और शंख नदियां सूख चुकी हैं. वहीं, इंटेकवेल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिसके बाद अब लोगों पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं.

शहर में जल संकट गहराया

शहर में पानी की समस्या को देखते हुए नगर परिषद ने कोयल और शंख नदी में दो इंटरवेल का निर्माण कराने को लेकर कार्य आवंटित किया था. लेकिन दोनों ही नदियों में इंटरवेल निर्माण कार्य अब तक अधूरा है. मामले में विभाग उदासीन बना हुआ है और अधिकारी अपना अलग ही रोना रो रहे हैं जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.

जानकारी के अनुसार, लोहरदगा शहरी क्षेत्र में लगभग 26 सौ जलापूर्ति के वैध कनेक्शन हैं. जबकि 5 हजार से ज्यादा अवैध कनेक्शनधारी भी हैं. इन लोगों के लिए शहरी जलापूर्ति योजना ही पेयजल का एकमात्र साधन है. लोहरदगा शहर में प्रतिदिन साढ़े पांच लाख गैलन पानी की आवश्यकता है. इसके विपरीत 3 लाख गैलन पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है. वजह साफ है कि जब नदी में पानी ही नहीं रहेगा तो जलापूर्ति कैसे होगी.

पानी की समस्या को देखते हुए इंटेकवेल का निर्माण किया जा रहा था. बावजूद इसके इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और शहर के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. लोगों का कहना है कि कई कई दिन तक जलापूर्ति नहीं होती है. जिसकी वजह से उन्हें पानी के लिए भटकने की स्थिति का सामना करना पड़ता है. लोहरदगा शहर की वर्तमान आबादी लगभग 70 हजार है. जबकि आवासों की बात करें तो वर्तमान में 20 हजार घर हैं. इनके लिए पेयजल की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो चुका है.

लोहरदगा: भीषण गर्मी के बीच शहरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहराने लगा है. कोयल और शंख नदियां सूख चुकी हैं. वहीं, इंटेकवेल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिसके बाद अब लोगों पीने के पानी के लिए भटक रहे हैं.

शहर में जल संकट गहराया

शहर में पानी की समस्या को देखते हुए नगर परिषद ने कोयल और शंख नदी में दो इंटरवेल का निर्माण कराने को लेकर कार्य आवंटित किया था. लेकिन दोनों ही नदियों में इंटरवेल निर्माण कार्य अब तक अधूरा है. मामले में विभाग उदासीन बना हुआ है और अधिकारी अपना अलग ही रोना रो रहे हैं जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.

जानकारी के अनुसार, लोहरदगा शहरी क्षेत्र में लगभग 26 सौ जलापूर्ति के वैध कनेक्शन हैं. जबकि 5 हजार से ज्यादा अवैध कनेक्शनधारी भी हैं. इन लोगों के लिए शहरी जलापूर्ति योजना ही पेयजल का एकमात्र साधन है. लोहरदगा शहर में प्रतिदिन साढ़े पांच लाख गैलन पानी की आवश्यकता है. इसके विपरीत 3 लाख गैलन पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है. वजह साफ है कि जब नदी में पानी ही नहीं रहेगा तो जलापूर्ति कैसे होगी.

पानी की समस्या को देखते हुए इंटेकवेल का निर्माण किया जा रहा था. बावजूद इसके इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और शहर के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. लोगों का कहना है कि कई कई दिन तक जलापूर्ति नहीं होती है. जिसकी वजह से उन्हें पानी के लिए भटकने की स्थिति का सामना करना पड़ता है. लोहरदगा शहर की वर्तमान आबादी लगभग 70 हजार है. जबकि आवासों की बात करें तो वर्तमान में 20 हजार घर हैं. इनके लिए पेयजल की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो चुका है.

Intro:स्लग-JH_LOH_VIKRAM_PANI KA SANKAT
स्टोरी- लोहरदगा शहर में जल संकट गहराया, सूख चुकी है नदियां
.... इंटेक वेलका निर्माण कार्य पड़ा है अधूरा विभाग का नहीं है ध्यान
बाइट- 1- संतोष उरांव, जलापूर्ति कर्मी
बाइट- 2- सुधीर कुजूर, कार्यपालक पदाधिकारी, लोहरदगा
बाइट- अमित घोष, दुर्गाबाड़ी लेन निवासी
एंकर- लोहरदगा शहरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहरा चुका है. कोयल और शंख नदियां सूख चुकी है. इंटरवेल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. लोगों को पेयजल के लिए भटकने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. हर साल गर्मी में लोहरदगा शहर के लोगों को इसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है. समस्या को देखते हुए नगर परिषद ने कोयल और शंख नदी में दो इंटरवेल का निर्माण कराने को लेकर निविदा के तहत कार्य आवंटित किया था. दोनों ही नदियों में इंटरवेल का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है. मामले को लेकर विभाग उदासीन बना हुआ है. विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी समस्या बता कर रोना रो रहे हैं. खामियाजा आम शहरवासियों को उठाना पड़ रहा है. लोहरदगा शहरी क्षेत्र में लगभग 26 सौ जलापूर्ति के वैध कनेक्शन है. जबकि 5 हजार से ज्यादा अवैध कनेक्शन धारी भी है. इन लोगों के लिए शहरी जलापूर्ति योजना ही पेयजल का एकमात्र साधन है. लोहरदगा शहर में प्रतिदिन साढ़े पांच लाख गैलन पानी की आवश्यकता है. इसके विपरीत 3 लाख गैलन पानी की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है. वजह साफ है कि जब नदी में पानी ही नहीं रहेगा तो जलापूर्ति होगी कैसे. इंटेक वेल का निर्माण कार्य इसी उद्देश्य के साथ किया जा रहा है. बावजूद इसके इंटेक वेल का निर्माण कार्य अधूरा रहने से समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा. शहरवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं.लोगों का कहना है कि कई कई दिन तक जलापूर्ति नहीं होती है. जिसकी वजह से उन्हें पानी के लिए भटकने की स्थिति का सामना करना पड़ता है. लोहरदगा शहर की वर्तमान आबादी लगभग 70 हजार है. जबकि आवासों की बात करें तो वर्तमान में 20 हजार घर हैं. इनके लिए पेयजल की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण हो चुका है.


Body:स्लग-JH_LOH_VIKRAM_PANI KA SANKAT
स्टोरी- लोहरदगा शहर में जल संकट गहराया, सूख चुकी है नदियां
.... इंटेक वेलका निर्माण कार्य पड़ा है अधूरा विभाग का नहीं है ध्यान


Conclusion:स्लग-JH_LOH_VIKRAM_PANI KA SANKAT
स्टोरी- लोहरदगा शहर में जल संकट गहराया, सूख चुकी है नदियां
.... इंटेक वेलका निर्माण कार्य पड़ा है अधूरा विभाग का नहीं है ध्यान
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