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आउटसोर्सिंग कर्मचारी गए हड़ताल पर, स्वास्थ्य व्यवस्था हुई ठप

वर्तमान समय में स्वास्थ्य सेवा आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही संचालित होती है. इसमें आपातकालीन सेवा से लेकर सामान्य चिकित्सा व्यवस्था में भी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में लोहरदगा के 280 आउटसोर्सिंग कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था ठप पड़ गई है.

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Published : Aug 1, 2019, 5:48 PM IST

लोहरदगा में हड़ताल पर बैठे आउटसोर्सिंग कर्मचारी

लोहरदगा: जिले के सभी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया है. जिसकी वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा पर प्रभाव पड़ रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे ही अस्पतालों में ड्रेसिंग, एंबुलेंस सेवा, साफ सफाई, ट्रॉली मैन का काम लिया जाता है. यहां तक कि पैथोलॉजी, नर्सिंग सेवा तक में आउटसोर्सिंग कर्मचारी ही कार्यरत थे.

देखें पूरी खबर
बुधवार से ही सदर अस्पताल परिसर में आउटसोर्सिंग कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्हें कई महीनों से पैसा नहीं मिला है. जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी परिस्थिति में उनके समक्ष आंदोलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया था. उनका कहना है कि यह आंदोलन पहले वे प्रखंड स्तर पर कर रहे थे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इसलिए अब उन्होंने जिला स्तर पर प्रदर्शन प्रारंभ किया है.

लोहरदगा: जिले के सभी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया है. जिसकी वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा पर प्रभाव पड़ रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे ही अस्पतालों में ड्रेसिंग, एंबुलेंस सेवा, साफ सफाई, ट्रॉली मैन का काम लिया जाता है. यहां तक कि पैथोलॉजी, नर्सिंग सेवा तक में आउटसोर्सिंग कर्मचारी ही कार्यरत थे.

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बुधवार से ही सदर अस्पताल परिसर में आउटसोर्सिंग कर्मचारी धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. आउटसोर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्हें कई महीनों से पैसा नहीं मिला है. जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी परिस्थिति में उनके समक्ष आंदोलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह गया था. उनका कहना है कि यह आंदोलन पहले वे प्रखंड स्तर पर कर रहे थे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इसलिए अब उन्होंने जिला स्तर पर प्रदर्शन प्रारंभ किया है.
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स्टोरी- आउटसोर्सिंग कर्मियों ने काम किया ठप्प, अस्पतालों का हाल-बेहाल
बाइट- 1- इरसाद, आउटसोर्सिंग कर्मी
बाइट- 2- शशि भगत, अध्यक्ष, आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ
एंकर- लोहरदगा जिले के सभी अस्पतालों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया है. जिसकी वजह से अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा पर भी प्रभाव पड़ रहा है. आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भरोसे ही अस्पतालों में ड्रेसिंग, एंबुलेंस सेवा, साफ सफाई, ट्रॉली मैन आदि का काम लिया जाता था. यहां तक कि पैथोलॉजी, नर्सिंग सेवा में आउटसोर्सिंग कर्मचारी ही कार्यरत थे. लोहरदगा जिले में कुल 280 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाते हुए काम बंद कर दिया है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ने की उम्मीद की जा रही है. बुधवार से सदर अस्पताल परिसर में काम ठप करने की घोषणा करते हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन भी किया है.

इंट्रो- स्वास्थ्य सेवा में वर्तमान समय में सबसे बड़ी सेवा देने की बात करें तो आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही पूरी व्यवस्था संचालित थी. इसमें आपातकालीन सेवा से लेकर सामान्य चिकित्सा व्यवस्था में भी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से काम लिया जा रहा था. 280 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने और स्वास्थ्य व्यवस्था के ठप्प पड़ जाने की वजह से मरीजों को भी परेशानी होने वाली है. बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन करते करते हुए और आउटसोर्सिंग कर्मियों ने कहा कि उन्हें कई महीनों से पैसा नहीं मिला है. जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की फीस, इलाज की व्यवस्था, घर का खर्च सहित अन्य खर्च का जुगाड़ करना काफी मुश्किल हो चुका है. ऐसी परिस्थिति में उनके समक्ष आंदोलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह जा रहा था. अब तक उनकी बात सुनी ही नहीं गई है. पहले वे प्रखंड स्तर पर प्रदर्शन कर रहे थे. अब उन्होंने जिला स्तर पर प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है.


Body:स्वास्थ्य सेवा में वर्तमान समय में सबसे बड़ी सेवा देने की बात करें तो आउटसोर्सिंग कर्मियों के भरोसे ही पूरी व्यवस्था संचालित थी. इसमें आपातकालीन सेवा से लेकर सामान्य चिकित्सा व्यवस्था में भी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से काम लिया जा रहा था. 280 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने और स्वास्थ्य व्यवस्था के ठप्प पड़ जाने की वजह से मरीजों को भी परेशानी होने वाली है. बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन करते करते हुए और आउटसोर्सिंग कर्मियों ने कहा कि उन्हें कई महीनों से पैसा नहीं मिला है. जिसकी वजह से उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की फीस, इलाज की व्यवस्था, घर का खर्च सहित अन्य खर्च का जुगाड़ करना काफी मुश्किल हो चुका है. ऐसी परिस्थिति में उनके समक्ष आंदोलन के अलावा कोई और विकल्प नहीं रह जा रहा था. अब तक उनकी बात सुनी ही नहीं गई है. पहले वे प्रखंड स्तर पर प्रदर्शन कर रहे थे. अब उन्होंने जिला स्तर पर प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है.


Conclusion:आउटसोर्सिंग कर्मचारी गए हड़ताल पर, चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ेगा इसका असर
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