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गठबंधन से पहले आजसू की हुंकार, नामांकन और जोरदार सम्मेलन की तैयारी - लोहरदगा में आजसू का सम्मेलन

लोहरदगा में आजसू ने सम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है. सोमवार को पार्टी प्रत्याशी के रूप में नीरू शांति भगत नामांकन-प्रपत्र भी दाखिल करेगी. यह तैयारी इस बात की ओर साफ तौर पर संकेत है कि गठबंधन हो या ना हो आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल करेगी.

गठबंधन से पहले आजसू की हुंकार
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Published : Nov 10, 2019, 7:31 PM IST

लोहरदगा: भाजपा और आजसू के बीच रार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दोनों के बीच अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी समझौता नहीं हो सका है. सबसे अधिक पेंच लोहरदगा और चंदनक्यारी सीट को लेकर फंसा हुआ है. इसी बीच लोहरदगा विधानसभा सीट को लेकर आजसू की ओर से नामांकन और सम्मेलन की जोरदार ढंग से तैयारी की गई है.

देखें पूरी खबर

सम्मेलन की तैयारी पूरी
लोहरदगा के डीसी कार्यालय मैदान में आजसू पार्टी की ओर से ना सिर्फ सम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है, बल्कि सोमवार को पार्टी प्रत्याशी के रूप में नीरू शांति भगत नामांकन पत्र भी दाखिल करेगी जो गठबंधन से पहले ही आजसू की ओर से की जा रही है. तैयारी इस बात की ओर साफ तौर पर संकेत है कि गठबंधन हो या ना हो आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल करेगी.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा सीट से बीजेपी-आजसू के संभावित प्रत्याशियों ने दिखाए तेवर, दोनों उम्मीदवारों ने खरीदे नामांकन पत्र

इस सीट से आजसू लड़ती आ रही है चुनाव
लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत के जेल से बाहर आने के बाद से ही यह संभावना प्रबल हो गई थी कि आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी. इससे पहले एनडीए प्रत्याशी के रूप में आजसू यहां से चुनाव लड़ती आ रही है. इस बार पार्टी ने साफ तौर पर संकेत दे दिया है कि हर हाल में वह लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा ने भी लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना दावा ठोक दिया है.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा के मतदाताओं का मिजाज, जानिए क्या है विधानसभा चुनाव को लेकर जनता की राय

भाजपा और आजसू के बीच होगा मुकाबला
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुखदेव भगत को भाजपा से टिकट मिलने को लेकर स्थिति लगभग साफ हो चुकी है. ऐसे में यह तय हो गया है कि भाजपा और आजसू के बीच लोहरदगा विधानसभा सीट में मुकाबला जरूर होगा. अब देखना मजेदार होगा कि दोनों पार्टी अब तक यहां से मिलकर चुनाव लड़ते आए थे, लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. ऐसे मे स्थिति क्या बनेगी. गठबंधन से पहले ही लोहरदगा विधानसभा सीट पर आजसू ने नामांकन और सम्मेलन की जोरदार तैयारी की है. यहां भाजपा के साथ आजसू का मुकाबला होना लगभग तय हो चुका है.

लोहरदगा: भाजपा और आजसू के बीच रार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दोनों के बीच अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी समझौता नहीं हो सका है. सबसे अधिक पेंच लोहरदगा और चंदनक्यारी सीट को लेकर फंसा हुआ है. इसी बीच लोहरदगा विधानसभा सीट को लेकर आजसू की ओर से नामांकन और सम्मेलन की जोरदार ढंग से तैयारी की गई है.

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सम्मेलन की तैयारी पूरी
लोहरदगा के डीसी कार्यालय मैदान में आजसू पार्टी की ओर से ना सिर्फ सम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है, बल्कि सोमवार को पार्टी प्रत्याशी के रूप में नीरू शांति भगत नामांकन पत्र भी दाखिल करेगी जो गठबंधन से पहले ही आजसू की ओर से की जा रही है. तैयारी इस बात की ओर साफ तौर पर संकेत है कि गठबंधन हो या ना हो आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना नामांकन-पत्र दाखिल करेगी.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा सीट से बीजेपी-आजसू के संभावित प्रत्याशियों ने दिखाए तेवर, दोनों उम्मीदवारों ने खरीदे नामांकन पत्र

इस सीट से आजसू लड़ती आ रही है चुनाव
लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत के जेल से बाहर आने के बाद से ही यह संभावना प्रबल हो गई थी कि आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी. इससे पहले एनडीए प्रत्याशी के रूप में आजसू यहां से चुनाव लड़ती आ रही है. इस बार पार्टी ने साफ तौर पर संकेत दे दिया है कि हर हाल में वह लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा ने भी लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना दावा ठोक दिया है.

ये भी पढ़ें-लोहरदगा के मतदाताओं का मिजाज, जानिए क्या है विधानसभा चुनाव को लेकर जनता की राय

भाजपा और आजसू के बीच होगा मुकाबला
हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुखदेव भगत को भाजपा से टिकट मिलने को लेकर स्थिति लगभग साफ हो चुकी है. ऐसे में यह तय हो गया है कि भाजपा और आजसू के बीच लोहरदगा विधानसभा सीट में मुकाबला जरूर होगा. अब देखना मजेदार होगा कि दोनों पार्टी अब तक यहां से मिलकर चुनाव लड़ते आए थे, लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. ऐसे मे स्थिति क्या बनेगी. गठबंधन से पहले ही लोहरदगा विधानसभा सीट पर आजसू ने नामांकन और सम्मेलन की जोरदार तैयारी की है. यहां भाजपा के साथ आजसू का मुकाबला होना लगभग तय हो चुका है.

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स्टोरी- गठबंधन से पहले आजसू की हुंकार, नामांकन और जोरदार सम्मेलन की तैयारी
बाइट- सूरज अग्रवाल, केंद्रीय सचिव, आजसू
एंकर- भारतीय जनता पार्टी और आजसू के बीच रार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. दोनों के बीच अब तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई भी गठबंधन नहीं हो सका है. सबसे अधिक पेंच लोहरदगा और चंदनक्यारी सीट को लेकर फंसा हुआ है. इसी बीच लोहरदगा विधानसभा सीट को लेकर आजसू पार्टी की ओर से नामांकन और सम्मेलन की जोरदार ढंग से तैयारी की गई है. लोहरदगा के डीसी कार्यालय मैदान में आजसू पार्टी की ओर से ना सिर्फ सम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है, बल्कि सोमवार को पार्टी प्रत्याशी के रूप में नीरू शांति भगत नामांकन प्रपत्र भी दाखिल करेगी. गठबंधन से पहले ही आजसू की ओर से की जा रही है तैयारी इस बात की और साफ तौर पर संकेत है कि गठबंधन हो या ना हो आजसू पार्टी निश्चित रूप से लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेगी.

इंट्रो- लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत के जेल से बाहर आने के बाद से ही यह संभावना प्रबल हो गई थी कि आजसू पार्टी लोहरदगा विधानसभा सीट से निश्चित रूप से चुनाव लड़ेगी. इससे पहले एनडीए प्रत्याशी के रूप में आजसू यहां से चुनाव लड़ती आई थी. इस बार आजसू ने साफ तौर पर संकेत दे दिया कि वह लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव हर हाल में लड़ेगी. जबकि भाजपा ने भी लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना दावा ठोक दिया है. हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुखदेव भगत को भाजपा से टिकट मिलने को लेकर स्थिति लगभग साफ हो चुकी है. ऐसे में यह तय हो गया है कि भाजपा और आजसू के बीच लोहरदगा विधानसभा सीट में मुकाबला जरूर होगा. अब देखना मजेदार होगा कि दोनों जो अब तक यहां से मिलकर चुनाव लड़ते आए थे, अब अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो स्थिति क्या बनेगी. लोहरदगा विधानसभा सीट में मतदाता भी इस बात को लेकर संशय में है कि आजसू पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर नीरु शांति भगत और भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर सुखदेव भगत के नाम की घोषणा तो नहीं की गई है. इसके बाद भी यदि दोनों पार्टियां चुनाव मैदान में उतरती है तो तस्वीर क्या बनेगी. लोहरदगा विधानसभा सीट को लेकर स्थिति बेहद रोचक होती जा रही है.


Body:लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत के जेल से बाहर आने के बाद से ही यह संभावना प्रबल हो गई थी कि आजसू पार्टी लोहरदगा विधानसभा सीट से निश्चित रूप से चुनाव लड़ेगी. इससे पहले एनडीए प्रत्याशी के रूप में आजसू यहां से चुनाव लड़ती आई थी. इस बार आजसू ने साफ तौर पर संकेत दे दिया कि वह लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव हर हाल में लड़ेगी. जबकि भाजपा ने भी लोहरदगा विधानसभा सीट से अपना दावा ठोक दिया है. हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुखदेव भगत को भाजपा से टिकट मिलने को लेकर स्थिति लगभग साफ हो चुकी है. ऐसे में यह तय हो गया है कि भाजपा और आजसू के बीच लोहरदगा विधानसभा सीट में मुकाबला जरूर होगा. अब देखना मजेदार होगा कि दोनों जो अब तक यहां से मिलकर चुनाव लड़ते आए थे, अब अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे तो स्थिति क्या बनेगी. लोहरदगा विधानसभा सीट में मतदाता भी इस बात को लेकर संशय में है कि आजसू पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर नीरु शांति भगत और भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर सुखदेव भगत के नाम की घोषणा तो नहीं की गई है. इसके बाद भी यदि दोनों पार्टियां चुनाव मैदान में उतरती है तो तस्वीर क्या बनेगी. लोहरदगा विधानसभा सीट को लेकर स्थिति बेहद रोचक होती जा रही है.


Conclusion:गठबंधन से पहले ही लोहरदगा विधानसभा सीट पर आजसू ने नामांकन और सम्मेलन की जोरदार तैयारी की है. यहां भाजपा के साथ आजसू का मुकाबला होना लगभग तय हो चुका है.
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