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साढ़े तीन करोड़ की योजना में गड़बड़ ही गड़बड़, अधिकारी और प्रतिनिधि हुए नाराज

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Published : Jun 25, 2019, 1:40 PM IST

लोहरदगा में विक्टोरिया तालाब का सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है. काम के शुरूआत में ही लापरवाही साफ देखी जा रही है. जहां तालाब से मिट्टी निकालने के बाद भी जलकुंभी उग रहे हैं. निरीक्षण के बाद कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि कमी तो है.

तालाब में उगा जलकुंभी

लोहरदगाः भ्रष्टाचार की अपनी कहानी है, ना तो इसका कोई राजा है और ना ही रानी है. जिसने भ्रष्टाचार को अपना लिया वह विकास का संहारक बन जाता है. लोहरदगा में विक्टोरिया तालाब में कुछ इसी तरह का भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से विक्टोरिया तालाब के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के कार्य का क्रियान्वयन किया जा रहा है. काम के शुरुआती दौर में ही गड़बड़ ही गड़बड़ नजर आने लगी है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि शुरूआती तौर में विक्टोरिया तालाब का पानी सुखाकर उसमें से मिट्टी निकालने का काम किया जाना था. कथित तौर पर संवेदक ने उतनी मिट्टी निकाली ही नहीं जितनी जरूरत थी. परिणाम ये हुआ कि जिस जलकुंभी की वजह से विक्टोरिया तालाब की सुंदरता खतरे में पड़ गई थी. वो जलकुंभी फिर से उगने लगी है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुजूर, नगर परिषद उपाध्यक्ष रउफ अंसारी सहित तमाम वार्ड पार्षदों ने विक्टोरिया तालाब के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. सभी अधिकारियों ने काम में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है.

ये भी पढ़ें- धनबाद में हाइवा ने एक को कुचला, मौके पर हुई मौत, एक घंटे बाद पहुंची पुलिस

कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि काम में कमी तो है इसमें सुधार कराएंगे. वहीं, नगर परिषद उपाध्यक्ष ने साफ तौर पर काम में त्रुटि की बात कह दी. उन्होंने कहा कि पता नहीं मिट्टी निकाली भी गई है या नहीं. कुल मिलाकर तालाब सौंदर्यीकरण की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है.

लोहरदगाः भ्रष्टाचार की अपनी कहानी है, ना तो इसका कोई राजा है और ना ही रानी है. जिसने भ्रष्टाचार को अपना लिया वह विकास का संहारक बन जाता है. लोहरदगा में विक्टोरिया तालाब में कुछ इसी तरह का भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से विक्टोरिया तालाब के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के कार्य का क्रियान्वयन किया जा रहा है. काम के शुरुआती दौर में ही गड़बड़ ही गड़बड़ नजर आने लगी है.

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बता दें कि शुरूआती तौर में विक्टोरिया तालाब का पानी सुखाकर उसमें से मिट्टी निकालने का काम किया जाना था. कथित तौर पर संवेदक ने उतनी मिट्टी निकाली ही नहीं जितनी जरूरत थी. परिणाम ये हुआ कि जिस जलकुंभी की वजह से विक्टोरिया तालाब की सुंदरता खतरे में पड़ गई थी. वो जलकुंभी फिर से उगने लगी है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुजूर, नगर परिषद उपाध्यक्ष रउफ अंसारी सहित तमाम वार्ड पार्षदों ने विक्टोरिया तालाब के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. सभी अधिकारियों ने काम में लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई है.

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कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि काम में कमी तो है इसमें सुधार कराएंगे. वहीं, नगर परिषद उपाध्यक्ष ने साफ तौर पर काम में त्रुटि की बात कह दी. उन्होंने कहा कि पता नहीं मिट्टी निकाली भी गई है या नहीं. कुल मिलाकर तालाब सौंदर्यीकरण की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है.

Intro:JH_LOH_VIKRAM_TALAB ME BHRASHTACHAR_JH10011
स्टोरी- साढ़े तीन करोड़ की योजना में गड़बड़ ही गड़बड़, अधिकारी प्रतिनिधि हुए नाराज
... मिट्टी निकालने के बाद भी उग ही जलकुंभी, कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कमी तो है
बाइट-1- सुधीर कुजूर, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद लोहरदगा
बाइट- 2- रऊफ अंसारी, उपाध्यक्ष नगर परिषद लोहरदगा
एंकर- भ्रष्टाचार की अपनी कहानी है ना तो इसका कोई राजा है और ना ही रानी है. जिसने भ्रष्टाचार को अपना लिया वह विकास का संहारक बन जाता है. लोहरदगा में विक्टोरिया तालाब में कुछ इसी तरह का भ्रष्टाचार नजर आ रहा है. साढे तीन करोड़ रुपए की लागत से विक्टोरिया तालाब के सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार कार्य का क्रियान्वयन किया जा रहा है. काम के शुरुआती दौर में ही गड़बड़ ही गड़बड़ नजर आने लगी है. प्रारंभिक तौर पर विक्टोरिया तालाब का पानी सुखा कर उसमें से मिट्टी निकालने का काम किया जाना था. कथित तौर पर संवेदक ने उतनी मिट्टी निकाली ही नहीं जितनी जरूरत थी. परिणाम यह हुआ कि जिस जलकुंभी की वजह से विक्टोरिया तालाब की सुंदरता खतरे में पड़ गई थी, वह जलकुंभी फिर से उगने लगी है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुधीर कुजूर, नगर परिषद उपाध्यक्ष रउफ अंसारी सहित तमाम वार्ड पार्षदों ने जब विक्टोरिया तालाब निर्माण कार्य का निरीक्षण किया तो वहां काम को देखकर सभी खासे नाराज हो गए. कार्यपालक पदाधिकारी ने भी कह दिया कि काम में कमी तो है इसमें सुधार कराएंगे. नगर परिषद उपाध्यक्ष ने साफ तौर पर काम में त्रुटि की बात कह दी. उन्होंने कहा पता नहीं मिट्टी निकाली भी गई है या नहीं. कुल मिलाकर तालाब सुंदरीकरण की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिखाई दे रही है.Body:साढ़े तीन करोड़ की योजना में गड़बड़ ही गड़बड़, अधिकारी प्रतिनिधि हुए नाराजConclusion:साढ़े तीन करोड़ की योजना में गड़बड़ ही गड़बड़, अधिकारी प्रतिनिधि हुए नाराज
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