ETV Bharat / state

झारखंड में भाषा विवाद पर मंत्री रामेश्वर उरांव का विवादस्पद बयान, कहा- मैथिली झारखंड नहीं बिहार की भाषा

author img

By

Published : Dec 26, 2021, 3:59 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 6:52 PM IST

लोहरदगा में भाषा विवाद पर मंत्री रामेश्वर उरांव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैथिली और भोजपुरी बिहार की भाषा है. ऐसे में झारखंड सरकार स्थानीय भाषा और परंपरा को ध्यान में रखकर नियम बनाएगी न कि बिहार को ध्यान में रखकर फैसले लेगी.

minister-rameshwar-oraon-statement-on-language-dispute
minister-rameshwar-oraon-statement-on-language-dispute

लोहरदगा: झारखंड में मगही, अंगिका और भोजपुरी को मैट्रिक-इंटर स्तर की परीक्षाओं में मान्यता देने के बाद मैथिली और भोजपुरी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. अपने इस फैसले पर कड़ी आलोचनाओं को झेल रही सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विवादस्पद बयान दिया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में भाषा विवाद फिर से शुरू, मैथिली-उर्दू के साथ नाइंसाफी का आरोप, मामला पहुंचा हाई कोर्ट

रामेश्वर उरांव ने क्या कहा

लोहरदगा में भाषा विवाद पर मंत्री रामेश्वर उरांव ने एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पूछा कि मैथिली कहां की भाषा है. मिथिला की भाषा, मिथिला कहां है बिहार में है. उन्होंने कहा हम झारखंड को ध्यान में रखकर नियम बनाएं या बिहार को ध्यान में रखकर नियम बनाएं. यहां कुछ लोग बोलते हैं तो उनके लिए अलग से हम नियम नहीं बनाएंगे. सवाल ये है कि यहां की जो भाषा, परंपरा और संस्कृति को ध्यान में रखकर नियम बनाया गया है. उन्होंने बताया कि दो तरह की नियुक्ति होती है. एक राज्य स्तर पर और दूसरा जिला स्तर पर नियुक्ति होती है. दोनों के लिए अलग-अलग नियम बनाएं गए हैं.

देखें वीडियो

उर्दू को लेकर नहीं दिया जवाब

कार्मिक विभाग द्वारा जारी पत्र में कई भाषाओं को मान्यता दी गई है, परंतु राज्य स्तर पर इससे उर्दू को बाहर रखा गया है. इस पर भी विवाद जारी है. राज्य में बड़ी संख्या में उर्दू पढ़ने-लिखने वाले लोग हैं. इसके बावजूद इसे नजरअंदाज किया जाना समझ से परे है. जब मंत्री से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कोई फिर स्पष्ट जवाब नहीं दिया. मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोई नाजायज काम नहीं किया है.

मंत्री के बयान से गहरा सकता है विवाद
भाषा विवाद को लेकर लोहरदगा में मंत्री ने जो जवाब दिया है उसके बाद विवाद और भी ज्यादा गहराने की उम्मीद की जा रही है. मैथिली और उर्दू भाषा को लेकर विवाद मंत्री ने गोल-मटोल बातें कही है. वह सवाल के जवाब से बचते हुए नजर आए.

लोहरदगा: झारखंड में मगही, अंगिका और भोजपुरी को मैट्रिक-इंटर स्तर की परीक्षाओं में मान्यता देने के बाद मैथिली और भोजपुरी को लेकर विवाद शुरू हो गया है. अपने इस फैसले पर कड़ी आलोचनाओं को झेल रही सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विवादस्पद बयान दिया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में भाषा विवाद फिर से शुरू, मैथिली-उर्दू के साथ नाइंसाफी का आरोप, मामला पहुंचा हाई कोर्ट

रामेश्वर उरांव ने क्या कहा

लोहरदगा में भाषा विवाद पर मंत्री रामेश्वर उरांव ने एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने पूछा कि मैथिली कहां की भाषा है. मिथिला की भाषा, मिथिला कहां है बिहार में है. उन्होंने कहा हम झारखंड को ध्यान में रखकर नियम बनाएं या बिहार को ध्यान में रखकर नियम बनाएं. यहां कुछ लोग बोलते हैं तो उनके लिए अलग से हम नियम नहीं बनाएंगे. सवाल ये है कि यहां की जो भाषा, परंपरा और संस्कृति को ध्यान में रखकर नियम बनाया गया है. उन्होंने बताया कि दो तरह की नियुक्ति होती है. एक राज्य स्तर पर और दूसरा जिला स्तर पर नियुक्ति होती है. दोनों के लिए अलग-अलग नियम बनाएं गए हैं.

देखें वीडियो

उर्दू को लेकर नहीं दिया जवाब

कार्मिक विभाग द्वारा जारी पत्र में कई भाषाओं को मान्यता दी गई है, परंतु राज्य स्तर पर इससे उर्दू को बाहर रखा गया है. इस पर भी विवाद जारी है. राज्य में बड़ी संख्या में उर्दू पढ़ने-लिखने वाले लोग हैं. इसके बावजूद इसे नजरअंदाज किया जाना समझ से परे है. जब मंत्री से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कोई फिर स्पष्ट जवाब नहीं दिया. मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि सरकार ने कोई नाजायज काम नहीं किया है.

मंत्री के बयान से गहरा सकता है विवाद
भाषा विवाद को लेकर लोहरदगा में मंत्री ने जो जवाब दिया है उसके बाद विवाद और भी ज्यादा गहराने की उम्मीद की जा रही है. मैथिली और उर्दू भाषा को लेकर विवाद मंत्री ने गोल-मटोल बातें कही है. वह सवाल के जवाब से बचते हुए नजर आए.

Last Updated : Dec 26, 2021, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.