लोहरदगा: यह लोगों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं तो क्या है. जिस संक्रमण से बचने को लेकर सरकार तक चिंतित है, उसी संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग (Lohardaga Health Department) लगातार लापरवाही दिखा रहा है. सदर अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल कचरा को खुले में फेंका जा रहा है (Medical Waste Thrown in Open in Sadar Hospital). जिसकी वजह से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ चुका है. आम लोग चिंतित हैं और स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र नजर आ रहा है.
यह भी पढ़ें: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से भी बदतर है ट्रामा सेंटर की हालत, मंत्री ने दिया ये जवाब
खुले में फेंका जा रहा मेडिकल वेस्ट: लोहरदगा के सरकारी और निजी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरा को प्रावधान के अनुरूप निष्पादित करने के लिए मेडी केयर नामक कंपनी को मेडिकल कचरा दिया जाता है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पताल मेडिकेयर कंपनी को पैसा भी देते हैं, लेकिन जिस तरीके से मेडिकल कचरा को सदर अस्पताल परिसर में खुले में ही फेंकने का मामला सामने आ रहा है. उसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वास्तव में कचरे का सही तरीके से निष्पादन हो पा रहा है या सिर्फ कागजों में दिखावा चल रहा है.
लोहरदगा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही: मेडिकल कचरा जिस तरह से फेंका जा रहा है. उसके बाद संक्रमण का खतरा भी बढ़ चुका है. मेडिकल कचरे को इस तरह से खुले में फेंकना संक्रमण को खुले तौर पर बढ़ावा देने के समान है. स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी इकाई यदि इस तरह की लापरवाही कर रही है तो, फिर निजी अस्पतालों पर अंकुश लगाने का अधिकार शायद स्वास्थ्य विभाग को नहीं रह जाएगा. मेडिकल कचरा काफी ज्यादा संक्रामक माना जाता है. इसे बेहद सतर्कता पूर्वक निष्पादित करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, लेकिन लोहरदगा सदर अस्पताल में मेडिकल कचरे के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह बड़ा खतरा हो सकता है.
सदर अस्पताल में मेडिकल कचरा को खुले में फेंकने का मामला सामने आने के बाद अब सदर अस्पताल उपाधीक्षक इस मामले में जांच और कार्रवाई की बात कर रहे हैं. वह कहते हैं कि पूरे मामले की जांच की जाएगी, जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वास्थ्य विभाग त्वरित रूप से काम करेगा. आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले को लेकर कितना गंभीर है.