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लोहरदगा: नगर पालिका का मार्केट कॉम्प्लेक्स तालाब में हुआ तब्दील, दुकानदारों का हो रहा आर्थिक नुकसान

लोहरदगा में हुई बारिश से शहर के अनेक जगह जलभराव की स्थिति हो गई. नगर पालिका का मार्केट कॉम्प्लेक्स के ग्रांउड फ्लोर में पानी भरने से पूरा परिसर तालाब में तब्दील हो गया. पिछले 7-8 सालों से दुकानदार कुछ ऐसे ही परेशानी का सामना कर रहे हैं.

मार्केट तालाब में तब्दील
मार्केट तालाब में तब्दील
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Published : Aug 7, 2020, 5:13 PM IST

लोहरदगा: शहरी विकास की सबसे प्रमुख इकाई नगर परिषद के जिम्मे भवनों के नक्शा पास करने की भी होती है. नगर परिषद उन्हीं भवनों का नक्शा पास करता है, जो सभी नियमों और दृष्टिकोण पर खरा उतरते हैं. यदि कोई ऐसा भवन आपके सामने हो जो बिल्डिंग डिजाइन फॉल्ट का सबसे बड़ा नमूना हो तो आप कहेंगे कि यह किस नौसिखिया की करामत है. नगर परिषद ने ही इस बिल्डिंग को बनवाया था. बरसात में यह बिल्डिंग तालाब में तब्दील हो जाती है. दुकानदारों को दुकान चलाने के लिए मोटर पंप लगाना पड़ता है.

मार्केट कॉम्प्लेक्स तालाब में तब्दील.

फिलहाल तो यह क्षेत्र कंटेंटमेंट जोन घोषित है. दुकानें बंद पड़ी हुईं हैं. नगर परिषद के अधिकारी, कर्मचारी आम जनता से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन यह बिल्डिंग अपना हाल खुद बयां करती है. नगर परिषद को कोई दुकानदार नाराज नहीं करना चाहता. इस वजह से कोई शिकायत भी नहीं करना चाहता और कुछ कहना भी नहीं चाहता.

बारिश होती ही लगाना पड़ता है मोटर पंप

नगर परिषद के प्रशासनिक भवन के ठीक बाहर यह मार्केट स्थित है. इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में 12 से ज्यादा दुकानें हैं. मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण जब हुआ, तब लोगों को लगा था कि नगर परिषद में एक बेहतर मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाकर शहरी विकास को गति देने की कोशिश की है. धीरे-धीरे दुकानदारों को भी समझ में आ गया कि यहां पर दुकान लेकर उन्होंने अपनी परेशानी बढ़ा ली है. नगर परिषद के इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में बारिश होते ही ग्राउंड फ्लोर में पानी भर जाता है. पूरा ग्राउंड फ्लोर किसी तालाब या स्विमिंग पूल के समान दिखाई देने लगता है. दुकानदारों को मोटर पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है. बरसात में तो हर दिन यही हाल होता है.

यह भी पढ़ेंः झारखंड में कोरोना से ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है अवसाद, रांची में एक और सुसाइड

पिछले 7-8 सालों से दुकानदार कुछ ऐसे ही परेशानी का सामना कर रहे हैं. हर दिन तो दुकान खोलने से पहले चार-पांच घंटे मोटर पंप चलाना पड़ता है. तब जाकर दुकान खुलती है. उस पर भी दुर्गंध के मारे कोई ग्राहक दुकान आना नहीं चाहता. दुकानदार तो फंस चुके हैं. गारंटी के रूप में रुपए जमा किए हैं. नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी इस पर कुछ कहना नहीं चाहते. यह मार्केट कॉम्प्लेक्स अपना हाल खुद बयां करता है. लोहरदगा में नगर परिषद के प्रशासनिक भवन के ठीक बाहर स्थित मार्केट कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग डिजाइन फॉल्ट का बड़ा उदाहरण है. इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. बारिश होते ही पूरा मार्केट कॉम्प्लेक्स तालाब बन जाता है. दुकानदारों को मोटर पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है. हर साल बरसात में यही समस्या रहती है.

लोहरदगा: शहरी विकास की सबसे प्रमुख इकाई नगर परिषद के जिम्मे भवनों के नक्शा पास करने की भी होती है. नगर परिषद उन्हीं भवनों का नक्शा पास करता है, जो सभी नियमों और दृष्टिकोण पर खरा उतरते हैं. यदि कोई ऐसा भवन आपके सामने हो जो बिल्डिंग डिजाइन फॉल्ट का सबसे बड़ा नमूना हो तो आप कहेंगे कि यह किस नौसिखिया की करामत है. नगर परिषद ने ही इस बिल्डिंग को बनवाया था. बरसात में यह बिल्डिंग तालाब में तब्दील हो जाती है. दुकानदारों को दुकान चलाने के लिए मोटर पंप लगाना पड़ता है.

मार्केट कॉम्प्लेक्स तालाब में तब्दील.

फिलहाल तो यह क्षेत्र कंटेंटमेंट जोन घोषित है. दुकानें बंद पड़ी हुईं हैं. नगर परिषद के अधिकारी, कर्मचारी आम जनता से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन यह बिल्डिंग अपना हाल खुद बयां करती है. नगर परिषद को कोई दुकानदार नाराज नहीं करना चाहता. इस वजह से कोई शिकायत भी नहीं करना चाहता और कुछ कहना भी नहीं चाहता.

बारिश होती ही लगाना पड़ता है मोटर पंप

नगर परिषद के प्रशासनिक भवन के ठीक बाहर यह मार्केट स्थित है. इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में 12 से ज्यादा दुकानें हैं. मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण जब हुआ, तब लोगों को लगा था कि नगर परिषद में एक बेहतर मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाकर शहरी विकास को गति देने की कोशिश की है. धीरे-धीरे दुकानदारों को भी समझ में आ गया कि यहां पर दुकान लेकर उन्होंने अपनी परेशानी बढ़ा ली है. नगर परिषद के इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में बारिश होते ही ग्राउंड फ्लोर में पानी भर जाता है. पूरा ग्राउंड फ्लोर किसी तालाब या स्विमिंग पूल के समान दिखाई देने लगता है. दुकानदारों को मोटर पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है. बरसात में तो हर दिन यही हाल होता है.

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पिछले 7-8 सालों से दुकानदार कुछ ऐसे ही परेशानी का सामना कर रहे हैं. हर दिन तो दुकान खोलने से पहले चार-पांच घंटे मोटर पंप चलाना पड़ता है. तब जाकर दुकान खुलती है. उस पर भी दुर्गंध के मारे कोई ग्राहक दुकान आना नहीं चाहता. दुकानदार तो फंस चुके हैं. गारंटी के रूप में रुपए जमा किए हैं. नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारी इस पर कुछ कहना नहीं चाहते. यह मार्केट कॉम्प्लेक्स अपना हाल खुद बयां करता है. लोहरदगा में नगर परिषद के प्रशासनिक भवन के ठीक बाहर स्थित मार्केट कॉम्प्लेक्स बिल्डिंग डिजाइन फॉल्ट का बड़ा उदाहरण है. इस मार्केट कॉम्प्लेक्स में पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. बारिश होते ही पूरा मार्केट कॉम्प्लेक्स तालाब बन जाता है. दुकानदारों को मोटर पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है. हर साल बरसात में यही समस्या रहती है.

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