लोहरदगा: जिले में हर साल अमूमन 80 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है. सड़क दुर्घटना के पीछे एक बड़ी वजह ड्रंकन ड्राइव है. यही नहीं सड़क हादसों की बात करें तो जिले में हर साल अमूमन 250 सड़क हादसे होते हैं. जिसमें घायलों की संख्या 300 के पार चली जाती है. यह तो वह आंकड़े हैं जो जिला प्रशासन के संज्ञान में आते हैं. इसके अलावा ज्यादातर मामले पुलिस तक पहुंचते ही नहीं हैं. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने को लेकर लोहरदगा पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस की ओर से हादसों को रोकने के लिए विशेष जांच अभियान चलाया जा रहा है.
ये भी पढे़ं-Road accident in Lohardaga: लोहरदगा में स्कॉर्पियो और बाइक में टक्कर, 2 लोगों की मौत
लंबे इंतजार के बाद मिली ब्रेथ एनालाइजर की व्यवस्थाः लोहरदगा जिले में सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन लंबे समय से ब्रेथ एनालाइजर की मांग कर रही थी. काफी इंतजार के बाद पुलिस को यह व्यवस्था उपलब्ध हो पायी है. इसकी शुरुआत होली और शब-ए-बारात के मौके पर कर दी गई है. ट्रैफिक इंचार्ज संतोष कुमार यादव के नेतृत्व में जिले के अलग-अलग स्थानों में जांच अभियान चलाया जा रहा है.
जांच में पकड़े जाने पर वाहन चालकों से वसूला जा रहा जुर्मानाः मोटरसाइकिल, कार और बड़े वाहन चलाने वाले लोगों की जांच ब्रेथ एनालाइजर के माध्यम से की जा रही है. पकड़े जाने पर जुर्माना भी किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई से वाहन चालकों में हड़कंप है. खासकर ऐसे लोगों में जो शराब और दूसरा नशा कर वाहन चलाते हैं. सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. हादसों को रोकने के लिए पुलिस ने जो प्रयास शुरू किया है, आने वाले समय में उसका असर भी नजर आएगा.
पुलिस की टीम अलग-अलग स्थानों में चला रही जांच अभियानः लोहरदगा में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ब्रेथ एनालाइजर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल शुरू हो गया है. पुलिस की टीम अलग-अलग स्थानों में अभियान चलाकर शराब पीकर वाहन चलाने वाले लोगों की जांच कर रही है. व्यावसायिक वाहनों के साथ-साथ कार और मोटरसाइकिल चलाने वाले लोगों की भी जांच की जा रही है. ट्रैफिक इंचार्ज संतोष कुमार यादव पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.