लोहरदगा: जिले में 107 साल का लंबा सफर तय करने वाली लोहरदगा-रांची बड़ी रेल लाइन को अब एक नई पहचान मिलने की उम्मीद जगी है. लोहरदगा को दो नई यात्री रेलगाड़ी मिलने को लेकर एक भरोसा नजर आ रहा है. लंबे समय से इसे लेकर मांग की जा रही थी. सांसद महेश पोद्दार के पत्राचार के बाद रेल मंत्री ने इस मांग पर संज्ञान लिया है. इसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इस लाइन में दो नई यात्री रेलगाड़ी जल्द ही शुरू होगी.
महेश पोद्दार ने किया था पत्राचार
लोहरदगा रेल लाइन में अब धीरे-धीरे दूसरी रेलगाड़ियों के परिचालन को लेकर भी हरी झंडी मिलने लगी है. सांसद महेश पोद्दार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्राचार किया था, जिसमें हटिया-पुणे और हटिया-भोपाल यात्री रेलगाड़ी को हटिया-लोहरदगा-टोरी-डाल्टनगंज-गढ़वा रोड मार्ग से परिचालित करने की मांग की गई थी. रेल मंत्री ने महेश पोद्दार के इस पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि उनके पत्र को लेकर नियमानुसार विचार और आवश्यक कार्यवाही के लिए निदेशालय को पत्र भेजा गया है. आने वाले समय में इस लाइन में लोहरदगा को एक नई पहचान मिल पाएगी. खासतौर पर यहां के व्यापारियों और लोगों को लंबी दूरी तय करने को लेकर रांची और टोरी के आसरे नहीं रहना होगा.
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साल 1913 में शुरू हुई थी रेल
रांची से लोहरदगा के बीच 1913 से पैसेंजर ट्रेन शुरू हुई थी. यह ट्रेन रांची और लोहरदगा के बीच दिन में एक बार चलती थी. सुबह यह ट्रेन रांची से लोहरदगा जाती थी और वहां से उसी दिन शाम को वापस आ जाती थी. बाद में इसे दोनों ओर से शुरू किया गया. एक सुबह रांची से खुलती थी और दूसरी लोहरदगा से और फिर दोनों उसी दिन शाम को वापस हो जाती थी. यह ट्रेन रांची और लोहरदगा के बीच लाइफलाइन मानी जाती थी. लोहरदगा के लोगों के लिए रेल सेवा को लेकर एक नई उम्मीद जगी है. सांसद महेश पोद्दार ने इसे लेकर पहल की है, जिस पर रेल मंत्री ने भरोसा दिलाया है. इसके बाद अब लोहरदगा के लोगों के लिए एक नई उम्मीद नजर आ रही है. यहां के लोगों को अब लंबी दूरी के रेल सेवा के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.