लोहरदगा : स्पेशल पोक्सो न्यायालय एडीजे वन अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं मामले में कोर्ट ने एक आरोपी को दोष मुक्त किया है. डेढ़ वर्ष के बाद पीड़ित परिजनों को इंसाफ मिला है.
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आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में सुनाई गई सजाः स्पेशल पोक्सो संख्या 27/2022, भंडरा थाना कांड संख्या 12/2022 में लोहरदगा जिले के भंडरा थाना क्षेत्र के पंडरिया गांव निवासी सुरेंद्र उरांव के पुत्र आरोपित शंभू उरांव और जुब्बी उरांव के पुत्र आरोपित सुखदेव उरांव को पोक्सो एक्ट की धारा छह में आजीवन कारावास और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. वहीं भादवि की धारा 379, 149 में एक साल और पांच हजार रुपए जुर्माना, भादवि की धारा 323, 149 में एक साल और एक हजार रुपए जुर्माना और भादवि की धारा 354/149 में तीन साल और पांच हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. मामले में फैसला महज डेढ़ साल के भीतर आया है. कोर्ट में कुल नौ गवाहों की गवाही दर्ज की गई थी.
नाबालिग को फोन कर बुलाया था, फिर बारी-बारी से किया था दुष्कर्मः आरोपितों ने नाबालिग को फोन कर शादी घर में बुलाया था. जहां रात में घर के पीछे बाड़ी में ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया था. साथ ही मोबाइल फोन और एक हजार रुपए भी छीन लिए थे. घटना को लेकर भंडरा थाना में सात मार्च 2022 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले को डेढ़ साल के अंदर न्यायालय ने निष्पादित कर लिया है. इसमें तीसरे आरोपित सेन्हा थाना क्षेत्र के गगेया निवासी माइकल उरांव को दोष मुक्त किया गया. सजा पाने वाले दोनों आरोपित मंडल लोहरदगा के हैं.