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हत्या के मामले में आरोपी को हुई आजीवन कारावास की सजा, 5 साल के बाद आया फैसला - किस्को थाना क्षेत्र

साल 2014 में हुई हत्या के मामले में अब लोहरदगा की अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. बता दें कि 5 साल के बाद यह फैसला लिया गया है.

Lohardaga court sentenced accused to life imprisonment in murder case
लोहरदगा की अदालत
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Published : Jan 18, 2020, 7:56 PM IST

लोहरदगा: हत्या के एक मामले में अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साल 2014 के इस मामले में 5 साल के बाद अदालत का फैसला आया है. लोहरदगा जिले के किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली गांव में 10 अक्टूबर 2014 को धर्मदयाल नगेसिया ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इस मामले में किस्को थाने में कांड संख्या 68/14 में भादवि की धारा 302 के तहत धर्मदयाल नगेसिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

देखें पूरी खबर

लंबे समय तक मामले में ट्रायल चलने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली निवासी बनस नगेसिया के पुत्र धर्मदयाल नगेसिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यह मामला त्वरित विचारण में चल रहा था.

ये भी देखें- पुलिस और PLFI संगठन के दस्ते के बीच हुई मुठभेड़, पुलिस को भारी पड़ता देख घने जंगल में भागे नक्सली

इस मामले में अनुसंधान कर्ता के रूप में पुलिस अवर निरीक्षक सत्य नारायण राय ने अनुसंधान किया था. जबकि सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार झा ने दलीले पेश की थी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में धर्मदयाल नगेसिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धर्मदयाल नगेसिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

लोहरदगा: हत्या के एक मामले में अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साल 2014 के इस मामले में 5 साल के बाद अदालत का फैसला आया है. लोहरदगा जिले के किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली गांव में 10 अक्टूबर 2014 को धर्मदयाल नगेसिया ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इस मामले में किस्को थाने में कांड संख्या 68/14 में भादवि की धारा 302 के तहत धर्मदयाल नगेसिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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लंबे समय तक मामले में ट्रायल चलने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली निवासी बनस नगेसिया के पुत्र धर्मदयाल नगेसिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यह मामला त्वरित विचारण में चल रहा था.

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इस मामले में अनुसंधान कर्ता के रूप में पुलिस अवर निरीक्षक सत्य नारायण राय ने अनुसंधान किया था. जबकि सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार झा ने दलीले पेश की थी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में धर्मदयाल नगेसिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धर्मदयाल नगेसिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

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स्टोरी- हत्या के मामले में आरोपी को हुई आजीवन कारावास की सजा
... साल 2014 के मामले में 5 साल के बाद आया फैसला
एंकर- हत्या के एक मामले में अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साल 2014 के इस मामले में 5 साल के बाद अदालत का फैसला आया है. लोहरदगा जिले के किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली गांव में 10 अक्टूबर 2014 को धर्मदयाल नगेसिया ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इस मामले में किस्को थाने में कांड संख्या 68/14 में भादवि की धारा 302 के तहत धर्मदयाल नगेसिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


इंट्रो- लंबे समय तक मामले में ट्रायल चलने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली निवासी बनस नगेसिया के पुत्र धर्मदयाल नगेसिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यह मामला त्वरित विचारण में चल रहा था. इस मामले में अनुसंधान कर्ता के रूप में पुलिस अवर निरीक्षक सत्य नारायण राय ने अनुसंधान किया था. जबकि सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार झा ने दलीलें पेश की थी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में धर्मदयाल नगेसिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धर्मदयाल नगेसिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

Body:लंबे समय तक मामले में ट्रायल चलने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया है. इस मामले में किस्को थाना क्षेत्र के पाखर ठेका टोली निवासी बनस नगेसिया के पुत्र धर्मदयाल नगेसिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. यह मामला त्वरित विचारण में चल रहा था. इस मामले में अनुसंधान कर्ता के रूप में पुलिस अवर निरीक्षक सत्य नारायण राय ने अनुसंधान किया था. जबकि सरकारी पक्ष की ओर से एपीपी मनोज कुमार झा ने दलीलें पेश की थी. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में धर्मदयाल नगेसिया को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. धर्मदयाल नगेसिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में है.

Conclusion:हत्या के मामले में लोहरदगा की अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना भी सुनाया गया है. साल 2014 में हत्या की यह घटना हुई थी.
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