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जामताड़ा: सर्जिकल मास्क पहनकर डॉक्टर इलाज करने को मजबूर, अस्पताल में नहीं रखा जा रहा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल

पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है, लेकिन जामताड़ा के सदर अस्पताल का हाल बेहाल है. अस्पताल में न सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जा रहा है और न ही अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए मास्क की व्यवस्था है.

Lack of arrangement in Jamtara Sadar Hospital
सदर अस्पताल में व्यवस्थाओं की किल्लत
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Published : Mar 26, 2020, 7:10 PM IST

जामताड़ा: सदर अस्पताल जामताड़ा में कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता नहीं बरती जा रही है. सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं किया जा रहा है. यहां के डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ भी सर्जिकल मास्क ड्रेस पहनकर मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं.

देखें पूरी खबर

कोरोना वायरस को लेकर पूरे दुनिया में त्राहिमाम मचा हुआ है. इसकी रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए कड़े कदम उठा रही है, ताकि इससे बचाव किया जा सके, लेकिन सदर अस्पताल जामताड़ा का हाल बेहाल है. अस्पताल में पूरी सतर्कता नहीं बरती जा रही है. अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. यहां के डॉक्टर्स सर्जिकल मास्क और ड्रेस पहनकर ही सामान्य मरीज और बाहर से आने वाले कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं.

सदर अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि बाहर से आए 10-12 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है. उन्होंने बताया कि यहां केरल और आंध्र प्रदेश से भी लोग आए हुए हैं, जिसका इलाज किया गया है. उनका कहना है कि सर्जिकल मास्क पहनकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, इससे डॉक्टरों को भी कोई नुकसान हो सकता है.

इसे भी पढ़ें:- कोरोना वायरस से बचने के लिए ट्रक ड्राइवर ने पी ली थी शराब, जंगल में जा घुसा ट्रक

डॉक्टरों ने कहा कि जब डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो मरीज का इलाज कौन करेगा. उन्होंने डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, जो अस्पताल प्रबंधन के व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.

इसे लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर ने कहा कि सारी व्यवस्था है. डॉक्टर के दिए गए सुरक्षा वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर अस्पताल में सारी व्यवस्था मौजूद है, उनका कहना था कि डॉक्टर कोई कोरोना वायरस मरीज का सैंपल नहीं ले रहे हैं, जिनको N 95 मास्क और किट की पहनने की जरूरत है.

जामताड़ा में लॉकडाउन हो जाने के बाद बाहर से आने वाले अबतक लगभग 500 से अधिक लोगों का स्कैनिंग और इलाज किया गया है, जिसमें से कई लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है और डॉक्टर के निगरानी में रखा गया है. जामताड़ा में साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, महाराष्ट्र, मुंबई चेन्नई, केरल के अलावा भी कई राज्यों से लोग पहुंचे हैं, जिनका स्वास्थ्य जांच किया गया है. इनमें से चीन से लौटे एक ही परिवार के 4 लोग भी शामिल हैं, जिनका रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया है. अभी तक जामताड़ा में किसी के भी कोरोना के लक्षण और संदिग्ध पाए जाने की सूचना नहीं है.

जामताड़ा: सदर अस्पताल जामताड़ा में कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता नहीं बरती जा रही है. सोशल डिस्टेंस का भी पालन नहीं किया जा रहा है. यहां के डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ भी सर्जिकल मास्क ड्रेस पहनकर मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं.

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कोरोना वायरस को लेकर पूरे दुनिया में त्राहिमाम मचा हुआ है. इसकी रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है. केंद्र और राज्य सरकार इसके लिए कड़े कदम उठा रही है, ताकि इससे बचाव किया जा सके, लेकिन सदर अस्पताल जामताड़ा का हाल बेहाल है. अस्पताल में पूरी सतर्कता नहीं बरती जा रही है. अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है. यहां के डॉक्टर्स सर्जिकल मास्क और ड्रेस पहनकर ही सामान्य मरीज और बाहर से आने वाले कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने को मजबूर हैं.

सदर अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि बाहर से आए 10-12 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है. उन्होंने बताया कि यहां केरल और आंध्र प्रदेश से भी लोग आए हुए हैं, जिसका इलाज किया गया है. उनका कहना है कि सर्जिकल मास्क पहनकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, इससे डॉक्टरों को भी कोई नुकसान हो सकता है.

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डॉक्टरों ने कहा कि जब डॉक्टर ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो मरीज का इलाज कौन करेगा. उन्होंने डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं, जो अस्पताल प्रबंधन के व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.

इसे लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक चंद्रशेखर ने कहा कि सारी व्यवस्था है. डॉक्टर के दिए गए सुरक्षा वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर अस्पताल में सारी व्यवस्था मौजूद है, उनका कहना था कि डॉक्टर कोई कोरोना वायरस मरीज का सैंपल नहीं ले रहे हैं, जिनको N 95 मास्क और किट की पहनने की जरूरत है.

जामताड़ा में लॉकडाउन हो जाने के बाद बाहर से आने वाले अबतक लगभग 500 से अधिक लोगों का स्कैनिंग और इलाज किया गया है, जिसमें से कई लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गई है और डॉक्टर के निगरानी में रखा गया है. जामताड़ा में साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब, महाराष्ट्र, मुंबई चेन्नई, केरल के अलावा भी कई राज्यों से लोग पहुंचे हैं, जिनका स्वास्थ्य जांच किया गया है. इनमें से चीन से लौटे एक ही परिवार के 4 लोग भी शामिल हैं, जिनका रिपोर्ट नेगेटिव पाया गया है. अभी तक जामताड़ा में किसी के भी कोरोना के लक्षण और संदिग्ध पाए जाने की सूचना नहीं है.

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