हजारीबाग/लोहरदगा: दो दिनों से झारखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है. इससे हजारीबाग से लोहरदगा तक के किसानों पर आफत बन आई है. कुहरे और बूंदाबांदी के कारण कहीं तैयार हो रही फसला खराब हो रही है तो कहीं कट के खेत में पड़ी फसल के घरों तक पहुंचने में दिक्कत पैदा हो गई है. इससे किसान परेशान हैं.
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हजारीबाग में खेतों में धान की फसल लहरा रही है. धान के पौधों में बालियां झूल रहीं हैं. वहीं कई किसानों ने धान की फसल काट दी है. लेकिन वे खेत से घर और खलिहान तक नहीं ले जा पाए हैं. इधर मौसम के बदले रूख ने किसानों की पेशानी पर बल डाल दिया है. 2 दिन से यहां घना कोहरा पड़ रहा है. कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हुई है. इसका फसल पर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका है. इससे खेतों में कटी धान की बालियां खेतों में झर सकती है, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचने का खतरा है. वहीं खड़ी फसल खेत में गिर गई तो भी उपज प्रभावित होने की आशंका है.
स्थानीय किसानों का कहना है कि जो धान खेत में है, उसे इस मौसम से नुकसान नहीं है. लेकिन अगर कुछ घंटे झमाझम बारिश हो गई तो सब बर्बाद हो जाएगा. किसानों का यह भी कहना है कि इस वर्ष बंपर पैदावार का अंदाजा था.लेकिन मौसम की बेरुखी ने हम लोगों को परेशान कर दिया है.
लोहरदगा में बारिश बनी बाधा
लोहरदगा जिले में इस साल कृषि विभाग की ओर से खरीफ 2021 के लिए 80875 हेक्टेयर क्षेत्र में आच्छादन का लक्ष्य तय किया गया था. जिसमें से 58449 हेक्टेयर में आच्छादन हुआ था. वहीं लोहरदगा जिले में कुल 47000 हेक्टेयर में धान की फसल आच्छादन का लक्ष्य तय किया गया था. जिसमें से 44233 हेक्टेयर में इस बार आच्छादन हुआ था. लेकिन अब जब फसल घर पहुंचाने की बारी आई तो बारिश बाधा बन रही है.
किसानों का कहना है कि जिले में धान की पैदावार करने वाले किसान तैयार फसल को काटकर खलिहान में रखने की तैयारी कर ही रहे थे कि इस बीच बारिश शुरू हो गई. ऐसे में फसल खेत और खलिहान में पड़ी हुई है. किसान फसल को बचाने के लिए परेशान नजर आ रहे हैं. बारिश के कारण लोहरदगा जिले में लगभग 25 प्रतिशत धान की फसल बर्बाद होती हुई नजर आ रही है. मौसम का यही हाल रहा तो नुकसान का प्रतिशत बढ़ भी सकता है.
बारिश के कारण बर्बाद हो रही फसल को बचाने के लिए कृषि विभाग ने किसानों के लिए सलाह जारी की है. जिला कृषि पदाधिकारी शिव कुमार राम ने कहा है कि किसान धान की फसल को ढंक कर रखें. खेतों में पड़ी हुई फसल को एक स्थान पर जमा कर उसे ढंक दें. खलिहान में भी फसल को ढंक कर रखने का प्रयास करें. खेतों में पानी का जमाव ना होने दें. साथ ही धूप निकलने का इंतजार भी करें. किसी भी स्थिति में तैयार फसल को अभी काटने की कोशिश न करें. किसान यदि ऐसा करते हैं तो बारिश से उनकी फसल को कम नुकसान होगा.