लोहरदगा: झारखंड में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले बीजेपी ने एक बड़ा दाव खेला है. दरअसल, सरना कोड को लेकर राज्य सरकार केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजेगी. लंबे समय से आदिवासी समाज के लोग जनगणना कॉलम में सरना कोड की मांग कर रहे थे, जिससे आदिवासी समाज को एक धार्मिक पहचान मिल सके. इस बात को लेकर कई बार आंदोलन भी हुए. झारखंड से लेकर दिल्ली तक आदिवासी समाज के लोगों ने अपनी आवाज को बुलंद किया फिर भी अब तक सरना कोड की मांग पूरी नहीं हो सकी थी.
सरना कोड को किया जाएगा निश्चित
सरना कोड को लेकर लोहरदगा के बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुखदेव भगत ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन मिला है कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को सरना कोड को लेकर अनुशंसा भेजेगी. इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारी, विशेषज्ञों और समाज से जुड़े लोगों से भी बात हुई है. साल 2021 में जनगणना होनी है, उससे पहले सारी प्रक्रिया को पूरी करते हुए जनगणना कॉलम के लिए सरना कोड निश्चित किया जाएगा, जिससे आदिवासी समाज को धार्मिक पहचान मिल सके.
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आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय की होगी स्थापना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुखदेव भगत ने कहा कि बीजेपी की सरकार आदिवासियों के विकास को लेकर लगातार काम कर रही है. आदिवासियों की शिक्षा को लेकर हर प्रखंड में एकलव्य विद्यालय खोले जाने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा भी सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास को लेकर कई कदम उठाए जा रहे हैं, जहां दूसरी सरकारों ने कभी भी आदिवासी समाज के विकास को लेकर कोई कदम नहीं उठाया, वहीं बीजेपी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय की स्थापना की है. सुखदेव भगता ने कहा कि जल्द ही राज्य स्तर पर अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना भी की जाएगी जिससे, आदिवासियों को और भी ज्यादा अधिकार मिलेगा.