ETV Bharat / state

12 साल बाद लौटने वाली है एतवरिया, जानिए कौन है एतवरिया जिसे वापस लाने के लिए सीएम को खुद आना पड़ा आगे - नेपाल में भारत की महिला

लोहरदगा की एतवरिया की 12 साल बाद वतन वापसी होगी. इसके लिए सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर स्थानीय प्रशासन घर वालों से लेकर दूतावास तक में संपर्क साधे हुए है.

intensified Efforts for Lohardaga's Etawariya to return home
12 साल बाद लौटने वाली है एतवरिया
author img

By

Published : Jul 8, 2021, 10:18 AM IST

Updated : Jul 8, 2021, 10:27 AM IST

लोहरदगा : आखिर यह एतवरिया कौन है, जिसे उसके घर लौटा लाने के लिए खुद मुख्यमंत्री को आगे आना पड़ा. भारत से लेकर विदेश तक दरवाजा खटखटाना पड़ा. बहरहाल एतवरिया 12 साल के बाद अपने घर लौटने वाली है. इससे मायूस परिजनों के चेहरे पर खुशी नजर आने लगी है.

ये भी पढ़ें-केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री बनने के बाद बोली अन्नपूर्णा देवी- पीएम मोदी के सपने को करूंगी साकार, जनता की हर उम्मीदों पर खरा उतरूंगी

मां को एतवरिया का इंतजार

भूख और जीने की जद्दोजहद में अक्सर ऐसी कहानियां जन्म लेती हैं, जिसे जानकर आंखें डबडबा आए. ऐसी ही दुख भरी कहानी है झारखंड की एतवरिया की . जो 12 साल पहले रोजगार की तलाश में कब सीमा पार कर गई, उसे पता ही नहीं चला. अब जब उसकी वतन वापसी होने वाली है तो वह 32 वर्ष की हो चुकी है. इस बीच परदेस की दुश्वारियों और वतन के गम के बीच उसके साथ जो घटा वह कठोर दिल वालों को भी बेचैन कर देगा. इस पर से पूरा पर्दा तो कुछ दिन बाद उठेगा, लेकिन 12 साल से बेटी की एक झलक पाने के लिए इंतजार कर रही भंडरा प्रखंड के मसमानों गांव में एतवरिया की मां की सूनी आंखें बेटी के लौटने की उम्मीद बंधने से चमक उठी हैं.

देखें पूरी खबर

यह एतवरिया के दूर जाने की कहानी

लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड के मसमानों गांव के रहने वाले बिरसू उरांव और धनिया देवी की बेटी एतवरिया उरांव 12 साल पहले रोजगार की तलाश में घर से निकली थी. वह मानसिक रूप से बीमार भी है. पहले उसने बिहार के किसी ईंट भट्ठे पर काम किया, इसके बाद भटकते-भटकते नेपाल पहुंच गई. फिर घर वालों को उसका पता नहीं चला. इधर, किसी प्रकार से एतवरिया के मामले की जानकारी पंचकुला (हरियाणा) की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग संस्था को मिली. पता चला कि एतवरिया नेपाल में किसी के घर में काम कर रही थी. बाद में एतवरिया के मामले की सूचना ट्विटर से मंत्री चंपई सोरेन को मिली. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मामले की जानकारी दी गई. फिर एतवरिया को नेपाल से लाने की कवायद शुरू हुई.

ये भी पढ़ें-मोदी मंत्रिमंडल विस्तार : सात महिला सांसदों को मिली जगह

सीएम ने लोहरदगा डीसी को दिए निर्देश

सीएम हेमंत सोरेन को एतवरिया के नेपाल में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद सीएम कार्यालय से लोहरदगा उपायुक्त को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिए गए. इसके बाद लोहरदगा डीसी ने लोहरदगा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता को दंडाधिकारी नियुक्त किया और लोहरदगा एसटीएससी थाने के एएसआई के नेतृत्व में एक टीम को 26 जून को नेपाल भेजा. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने एतवरिया को झारखंड की टीम को सुपुर्द करने से इंकार कर दिया. स्थानीय प्रशासन ने कहा कि एतवरिया को भारतीय दूतावास के जिम्मे ही सौंपा जा सकता है. इसके बाद टीम वापस लौट आई. इसके बाद स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम की ओर से महिला के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की गई और बाल कल्याण समिति के बालकृष्णा सिंह ने परिवार के लोगों से संपर्क किया. यहां परिवार के लोगों ने कहा कि वह गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह एतवरिया को नेपाल से ला पाने में सक्षम नहीं हैं सरकार ही मदद करे. इधर महिला को तमाम प्रयास के बाद 28 जून को भारत-नेपाल सीमा के सिनोली लाया गया है. उसे भारत लाने के लिए कंट्रोल रूम की ओर से भारत और नेपाल दूतावास से संपर्क किया गया है.

intensified Efforts for Lohardaga's Etawariya to return home
12 साल बाद लौटने वाली है एतवरिया
धनिया से जल्द मिलेगी एतवरियाजल्द ही लोहरदगा की एतवरिया को वापस लाए जाने की संभावना है. सीएम भी मामले को लेकर गंभीर हैं. वह लगातार मामले को लेकर नजर बनाए हुए हैं. एतवरिया के घर में बूढ़ी मां धनिया देवी, भाई सनी उरांव, बहन मंजू उरांव, बहन अंगनी उरांव हैं. भाई रोजगार की तलाश में बाहर रहता है. जो भी हो 12 साल के बाद एतवरिया को नेपाल से लोहरदगा लाए जाने की कवायद चल रही है.

लोहरदगा : आखिर यह एतवरिया कौन है, जिसे उसके घर लौटा लाने के लिए खुद मुख्यमंत्री को आगे आना पड़ा. भारत से लेकर विदेश तक दरवाजा खटखटाना पड़ा. बहरहाल एतवरिया 12 साल के बाद अपने घर लौटने वाली है. इससे मायूस परिजनों के चेहरे पर खुशी नजर आने लगी है.

ये भी पढ़ें-केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री बनने के बाद बोली अन्नपूर्णा देवी- पीएम मोदी के सपने को करूंगी साकार, जनता की हर उम्मीदों पर खरा उतरूंगी

मां को एतवरिया का इंतजार

भूख और जीने की जद्दोजहद में अक्सर ऐसी कहानियां जन्म लेती हैं, जिसे जानकर आंखें डबडबा आए. ऐसी ही दुख भरी कहानी है झारखंड की एतवरिया की . जो 12 साल पहले रोजगार की तलाश में कब सीमा पार कर गई, उसे पता ही नहीं चला. अब जब उसकी वतन वापसी होने वाली है तो वह 32 वर्ष की हो चुकी है. इस बीच परदेस की दुश्वारियों और वतन के गम के बीच उसके साथ जो घटा वह कठोर दिल वालों को भी बेचैन कर देगा. इस पर से पूरा पर्दा तो कुछ दिन बाद उठेगा, लेकिन 12 साल से बेटी की एक झलक पाने के लिए इंतजार कर रही भंडरा प्रखंड के मसमानों गांव में एतवरिया की मां की सूनी आंखें बेटी के लौटने की उम्मीद बंधने से चमक उठी हैं.

देखें पूरी खबर

यह एतवरिया के दूर जाने की कहानी

लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड के मसमानों गांव के रहने वाले बिरसू उरांव और धनिया देवी की बेटी एतवरिया उरांव 12 साल पहले रोजगार की तलाश में घर से निकली थी. वह मानसिक रूप से बीमार भी है. पहले उसने बिहार के किसी ईंट भट्ठे पर काम किया, इसके बाद भटकते-भटकते नेपाल पहुंच गई. फिर घर वालों को उसका पता नहीं चला. इधर, किसी प्रकार से एतवरिया के मामले की जानकारी पंचकुला (हरियाणा) की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग संस्था को मिली. पता चला कि एतवरिया नेपाल में किसी के घर में काम कर रही थी. बाद में एतवरिया के मामले की सूचना ट्विटर से मंत्री चंपई सोरेन को मिली. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मामले की जानकारी दी गई. फिर एतवरिया को नेपाल से लाने की कवायद शुरू हुई.

ये भी पढ़ें-मोदी मंत्रिमंडल विस्तार : सात महिला सांसदों को मिली जगह

सीएम ने लोहरदगा डीसी को दिए निर्देश

सीएम हेमंत सोरेन को एतवरिया के नेपाल में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद सीएम कार्यालय से लोहरदगा उपायुक्त को इस मामले में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिए गए. इसके बाद लोहरदगा डीसी ने लोहरदगा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता को दंडाधिकारी नियुक्त किया और लोहरदगा एसटीएससी थाने के एएसआई के नेतृत्व में एक टीम को 26 जून को नेपाल भेजा. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने एतवरिया को झारखंड की टीम को सुपुर्द करने से इंकार कर दिया. स्थानीय प्रशासन ने कहा कि एतवरिया को भारतीय दूतावास के जिम्मे ही सौंपा जा सकता है. इसके बाद टीम वापस लौट आई. इसके बाद स्टेट माइग्रेंट कंट्रोल रूम की ओर से महिला के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की गई और बाल कल्याण समिति के बालकृष्णा सिंह ने परिवार के लोगों से संपर्क किया. यहां परिवार के लोगों ने कहा कि वह गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वह एतवरिया को नेपाल से ला पाने में सक्षम नहीं हैं सरकार ही मदद करे. इधर महिला को तमाम प्रयास के बाद 28 जून को भारत-नेपाल सीमा के सिनोली लाया गया है. उसे भारत लाने के लिए कंट्रोल रूम की ओर से भारत और नेपाल दूतावास से संपर्क किया गया है.

intensified Efforts for Lohardaga's Etawariya to return home
12 साल बाद लौटने वाली है एतवरिया
धनिया से जल्द मिलेगी एतवरियाजल्द ही लोहरदगा की एतवरिया को वापस लाए जाने की संभावना है. सीएम भी मामले को लेकर गंभीर हैं. वह लगातार मामले को लेकर नजर बनाए हुए हैं. एतवरिया के घर में बूढ़ी मां धनिया देवी, भाई सनी उरांव, बहन मंजू उरांव, बहन अंगनी उरांव हैं. भाई रोजगार की तलाश में बाहर रहता है. जो भी हो 12 साल के बाद एतवरिया को नेपाल से लोहरदगा लाए जाने की कवायद चल रही है.
Last Updated : Jul 8, 2021, 10:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.