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लोहरदगाः सड़कों पर खुलेआम फेंका जा रहा मौत का सामान, बेखबर है प्रशासन - झारखंड न्यूज

लोहरदगा में मेडिकल वेस्ट का निष्पादन सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. खुले में पड़ा मेडिकल कचरा कई बीमारियों को समेटे है. जो काफी खतरनाक, जानलेवा और संक्रामक हो सकता है. लेकिन प्रशासन के निर्देशों की अवहेलना आम बात होती जा रही है.

खुले में पड़ा मेडिकल कचरा
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Published : Jul 14, 2019, 7:41 PM IST

लोहरदगाः मेडिकल कचरा को बेहद संक्रामक माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाए, तो उसे खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में मेडिकल कचरे को निष्पादित करने के लिए नियम बनाए गए हैं. उसी प्रक्रिया के तहत मेडिकल कचरे को निष्पादित किया जाता है. मेडिकल कचरे के निष्पादन पर विभाग और सरकार भी चिंतित है.

देखें पूरी खबर

वहीं, जिले के कई अस्पताल हैं, जहां मेडिकल कचरे को खुले में फेंक दिया जाता है. जो आसपास के लोगों के लिए काफी खतरनाक है. मेडिकल कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है, जिससे आबादी संक्रमण की ओर बढ़ रही है. जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को मेडिकल वेस्ट प्लांट में निष्पादित करने का निर्देश है. जिसके उलट सड़क और जंगलों में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. लोहरदगा- गुमला मुख्य पथ में बक्शीडीपा और चिरी जंगल के सड़क किनारे और जंगल के बीच में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. इन जंगल में ग्रामीणों के छोटे-छोटे बच्चे घूमने जाते हैं.

ये भी पढ़ें- चतराः बस की चपेट में आने से महिला की दर्दनाक मौत, आक्रोशित लोगों ने किया NH जाम

महिलाएं दातुन-पत्ता लेने आती हैं. ग्रामीण मवेशियों को चराने के लिए लेकर आते हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोई इस मेडिकल कचरे के संपर्क में आ जाए तो वह भयानक बीमारी की चपेट में आ सकता है. इन तमाम स्थितियों के बावजूद लोहरदगा में मेडिकल कचरे को जिस लापरवाही से फेंका जा रहा है. वह संक्रमण की भयावहता को दर्शा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में गंभीर नहीं है.

लोहरदगाः मेडिकल कचरा को बेहद संक्रामक माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाए, तो उसे खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में मेडिकल कचरे को निष्पादित करने के लिए नियम बनाए गए हैं. उसी प्रक्रिया के तहत मेडिकल कचरे को निष्पादित किया जाता है. मेडिकल कचरे के निष्पादन पर विभाग और सरकार भी चिंतित है.

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वहीं, जिले के कई अस्पताल हैं, जहां मेडिकल कचरे को खुले में फेंक दिया जाता है. जो आसपास के लोगों के लिए काफी खतरनाक है. मेडिकल कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है, जिससे आबादी संक्रमण की ओर बढ़ रही है. जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को मेडिकल वेस्ट प्लांट में निष्पादित करने का निर्देश है. जिसके उलट सड़क और जंगलों में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. लोहरदगा- गुमला मुख्य पथ में बक्शीडीपा और चिरी जंगल के सड़क किनारे और जंगल के बीच में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. इन जंगल में ग्रामीणों के छोटे-छोटे बच्चे घूमने जाते हैं.

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महिलाएं दातुन-पत्ता लेने आती हैं. ग्रामीण मवेशियों को चराने के लिए लेकर आते हैं. ऐसी स्थिति में अगर कोई इस मेडिकल कचरे के संपर्क में आ जाए तो वह भयानक बीमारी की चपेट में आ सकता है. इन तमाम स्थितियों के बावजूद लोहरदगा में मेडिकल कचरे को जिस लापरवाही से फेंका जा रहा है. वह संक्रमण की भयावहता को दर्शा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में गंभीर नहीं है.

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स्टोरी- सड़क और जंगलों में फेंका जा रहा मेडिकल कचरा, संक्रमण की ओर बढ़ रही आबादी
बाइट-उज्ज्वल कुमार, स्थानीय व्यक्ति
बाइट- डॉ. एसएस खालिद, मेडिकल ऑफिसर, सदर अस्पताल
एंकर- मेडिकल कचरा को बेहद संक्रामक माना जाता है. यदि कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आ जाए तो वह खतरनाक बीमारियों की चपेट में आ जाता है. ऐसे में मेडिकल कचरे को निष्पादित करने के लिए एक खास नियम बनाए गए हैं. उसी प्रक्रिया के तहत मेडिकल कचरे को निष्पादित किया जाता है. इस समस्या को लेकर विभाग और सरकार भी चिंतित है. दूसरी ओर लोहरदगा में मेडिकल कचरे का जो हाल हो रहा है वह निश्चित रूप से चिंतित करने वाला है. मेडिकल कचरा सड़कों पर फेंका जा रहा है, जिससे आबादी संक्रमण की ओर बढ़ रही है.

इंट्रो- लोहरदगा में निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को मेडिकल वेस्ट प्लांट में निष्पादित करने का निर्देश है. इसके विपरीत लोहरदगा में सड़क और जंगलों में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. लोहरदगा- गुमला मुख्य पथ में बक्शीडीपा जंगल और चिरी जंगल में सड़क किनारे और जंगल के बीच में मेडिकल कचरे को फेंक दिया जा रहा है. इस जंगल में छोटे-छोटे बच्चे घूमने आते हैं. महिलाएं दातुन-पत्ता लेने आती है. ग्रामीण मवेशियों को चराने के लिए लेकर आते हैं. ऐसी स्थिति में कोई यदि इस मेडिकल कचरे के संपर्क में आ जाए तो वह भयानक बीमारी की चपेट में आ सकता है. इन तमाम स्थितियों के बावजूद लोहरदगा में मेडिकल कचरे को जिस तरह से लापरवाही पूर्वक फेंका जा रहा है. वह संक्रमण की भयावहता को दर्शा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में गंभीर नहीं है. यही हाल रहा तो लोहरदगा संक्रमण की ओर बढ़ जाएगा.


Body:इंट्रो- लोहरदगा में निजी अस्पतालों और सरकारी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को मेडिकल वेस्ट प्लांट में निष्पादित करने का निर्देश है. इसके विपरीत लोहरदगा में सड़क और जंगलों में मेडिकल कचरे को फेंका जा रहा है. लोहरदगा- गुमला मुख्य पथ में बक्शीडीपा जंगल और चिरी जंगल में सड़क किनारे और जंगल के बीच में मेडिकल कचरे को फेंक दिया जा रहा है. इस जंगल में छोटे-छोटे बच्चे घूमने आते हैं. महिलाएं दातुन-पत्ता लेने आती है. ग्रामीण मवेशियों को चराने के लिए लेकर आते हैं. ऐसी स्थिति में कोई यदि इस मेडिकल कचरे के संपर्क में आ जाए तो वह भयानक बीमारी की चपेट में आ सकता है. इन तमाम स्थितियों के बावजूद लोहरदगा में मेडिकल कचरे को जिस तरह से लापरवाही पूर्वक फेंका जा रहा है. वह संक्रमण की भयावहता को दर्शा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में गंभीर नहीं है. यही हाल रहा तो लोहरदगा संक्रमण की ओर बढ़ जाएगा.


Conclusion:मेडिकल कचरे को लापरवाही पूर्वक ठेका जाना संक्रमण की चेतावनी दे रहा है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में सजग नहीं है. अस्पतालों से निकलने वाले कचरे को जहां-तहां फेंका जा रहा है.
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