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लोहरदगा में बच्चियों की पढ़ाई छूटी तो काम की तलाश में जाने लगीं केरल, आरपीएफ ने परिजनों को सौंपा - केरल

लोहरदगा के एक गांव की 11 बच्चियों की पढ़ाई छूटी तो परिजनों की मदद करने के लिए काम की तलाश में घर से निकल पड़ीं. वे केरल जा रहीं थीं, स्टेशन पर आरपीएफ ने इन्हें पकड़कर परिजनों को सौंप दिया.

Girls going to Kerala in search of work caught at Lohardaga station
लोहरदगा में बच्चियों की पढ़ाई छूटी तो काम की तलाश में जाने लगीं केरल
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Published : Oct 13, 2021, 4:09 PM IST

लोहरदगा : कोविड-19 संक्रमण की वजह से जब स्कूल बंद हुए तो ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो गया है. पढ़ाई छूटी तो लोहरदगा की 11 बच्चियां काम की तलाश में केरल जाने लगीं. रेलवे स्टेशन पर शक होने पर आरपीएफ ने उन्हें रोका तो मामला खुल गया. इस पर आरपीएफ ने उन्हें रोककर उनके परिजनों सौंप दिया.

ये भी पढ़ें-Child Trafficking: पलामू के नौनिहालों पर बिहार के बाल तस्कर गिरोह की गिद्ध नजर

लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 11 बच्चियों को बुधवार को लोहरदगा रेलवे स्टेशन में आरपीएफ ने रोककर पूछताछ की तो सभी बच्चियों ने बताया कि वे रोजगार की तलाश में केरल जा रहीं हैं. वे ट्रेन से लोहरदगा से पहले रांची पहुंचीं और उसके बाद केरल जाने की तैयारी कर रहीं थीं. आरपीएफ के ओसी कमलेश सोरेन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनका स्कूल छूट गया था. घर में पैसे की काफी कमी हो गई थी. इस वजह से वह घर में बिना बताए ही काम की तलाश में केरल जा रहीं थीं.

देखें पूरी खबर

बच्चियों को परिजनों को सौंपा

आरपीएफ ने बच्चियों को समझाया कि बिना घरवालों को बताए दूसरे प्रदेश में जाना ठीक नहीं है. इसके बाद आरपीएफ ने बच्चियों के परिजनों को सूचना दी और उन्हें बुलाया. साथ ही समझा-बुझाकर बच्चियों को परिजनों को सौंप दिया. आरपीएफ की पहल से बच्चियों का भविष्य बर्बाद होने से बच गया है.

गरीबी की वजह से तस्करी के आते हैं मामले

झारखंड देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से विधानसभा के बजट सत्र में पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2020-21 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 के दौरान राज्य में बेरोजगारी दर 59.2% तक पहुंच गई थी, जो धीरे-धीरे कम हुई. राज्य ने गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य नागरिक सुविधाओं के क्षेत्र में प्रगति की है. इस तरह के मौके का फायदा अक्सर तस्कर उठाते हैं. इसी वजह से अक्सर झारखंड में तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं.

लोहरदगा : कोविड-19 संक्रमण की वजह से जब स्कूल बंद हुए तो ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना भी बंद हो गया है. पढ़ाई छूटी तो लोहरदगा की 11 बच्चियां काम की तलाश में केरल जाने लगीं. रेलवे स्टेशन पर शक होने पर आरपीएफ ने उन्हें रोका तो मामला खुल गया. इस पर आरपीएफ ने उन्हें रोककर उनके परिजनों सौंप दिया.

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लोहरदगा जिले के सेन्हा थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 11 बच्चियों को बुधवार को लोहरदगा रेलवे स्टेशन में आरपीएफ ने रोककर पूछताछ की तो सभी बच्चियों ने बताया कि वे रोजगार की तलाश में केरल जा रहीं हैं. वे ट्रेन से लोहरदगा से पहले रांची पहुंचीं और उसके बाद केरल जाने की तैयारी कर रहीं थीं. आरपीएफ के ओसी कमलेश सोरेन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनका स्कूल छूट गया था. घर में पैसे की काफी कमी हो गई थी. इस वजह से वह घर में बिना बताए ही काम की तलाश में केरल जा रहीं थीं.

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बच्चियों को परिजनों को सौंपा

आरपीएफ ने बच्चियों को समझाया कि बिना घरवालों को बताए दूसरे प्रदेश में जाना ठीक नहीं है. इसके बाद आरपीएफ ने बच्चियों के परिजनों को सूचना दी और उन्हें बुलाया. साथ ही समझा-बुझाकर बच्चियों को परिजनों को सौंप दिया. आरपीएफ की पहल से बच्चियों का भविष्य बर्बाद होने से बच गया है.

गरीबी की वजह से तस्करी के आते हैं मामले

झारखंड देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से विधानसभा के बजट सत्र में पेश किए गए वित्तीय वर्ष 2020-21 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि कोविड-19 के दौरान राज्य में बेरोजगारी दर 59.2% तक पहुंच गई थी, जो धीरे-धीरे कम हुई. राज्य ने गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य नागरिक सुविधाओं के क्षेत्र में प्रगति की है. इस तरह के मौके का फायदा अक्सर तस्कर उठाते हैं. इसी वजह से अक्सर झारखंड में तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं.

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