लोहरदगा: मुक्तिधाम, जो मनुष्य के जीवन यात्रा का अंतिम पड़ाव या अंतिम धाम होता है. लोहरदगा में मुक्तिधाम से समस्याओं की मुक्ति का संकल्प लिया गया है. सामाजिक कार्यकर्ताओं की पहल से मुक्तिधाम का स्वरूप बदल रहा है. कल तक जिस मुक्तिधाम तक जाने के लिए सड़क नहीं थी, आज वहां पर तमाम सुविधाएं बहाल की जा रही हैं. श्रमदान, धन दान और समय दान से लोहरदगा के मुक्तिधाम को एक आदर्श और रमणीय स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग मिल रहा है.
इसे भी पढ़ें- लोहरदगा: एक बारिश भी नहीं झेल सकी 3 करोड़ की सड़क
लोहरदगा जिला के शहरी क्षेत्र और सदर प्रखंड के सीमाने पर कोयल और शंख नदी के संगम में स्थित भक्सो मुक्तिधाम के दिन बहुर रहे हैं. एक समय था, जब इस मुक्तिधाम तक जाने के लिए एक कच्ची सड़क तक नहीं थी, सड़क के नाम पर पगडंडी थी. बरसात में तो कई बार शव को मुक्तिधाम ले जाते समय शव गिर जाता था. लोगों के मन में काफी पीड़ा होती थी, पर सरकारी, सामाजिक, राजनीतिक और अन्य माध्यमों से भी इस मुक्तिधाम की सड़क और अन्य समस्याओं को लेकर कोई पहल नहीं हो पा रही थी.
सामाजिक भागीदारी से हो रहा काम
ऐसे समय में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस मुक्तिधाम के कायाकल्प का संकल्प लिया. कोरोना संक्रमण काल के दौरान जब एक दिन में छह-सात शव का अंतिम संस्कार यहां पर होने लगा तो लोगों को समस्याओं का एहसास हुआ. सामाजिक और धार्मिक संगठन के लोगों ने संकल्प लिया कि इस मुक्तिधाम को समस्याओं से मुक्त किया जाएगा. युवाओं की टोली ने यह बीड़ा उठाया, धीरे-धीरे इनके साथ लोग जुड़ते चले गए. आज मुक्तिधाम में कई विकास कार्य किए जा रहे हैं, इसकी तस्वीर बदल रही है.
क्या-क्या हो रहे विकास कार्य
मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. इसके अलावा पेयजल का प्रबंध किया गया है, नल और शावर लगाए गए हैं, बैठने के लिए बेंच, कुर्सी का निर्माण किया जा रहा है. शेड की घेराबंदी, ग्रिल लगाने का काम चल रहा है, पंखा, कूलर की व्यवस्था भी की जा रही है. अंतिम संस्कार के बाद बचने वाले सामान को निष्पादित करने के लिए सोक-पीट का निर्माण किया गया है. लकड़ी रखने के लिए कमरे का निर्माण किया जा रहा है, पार्किंग की व्यवस्था की गई है, वृक्षारोपण का कार्य भी किया जा रहा है.
25 लाख रुपये की विकास योजनाएं
इसके अलावा भी बच्चों के लिए पार्क और अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही है. मुक्तिधाम के विकास को लेकर वर्तमान समय में लगभग 25 लाख रुपए के विकास कार्य चल रहे हैं. जल्द ही यहां पर शवदाह के लिए शेड का निर्माण भी नगर परिषद के माध्यम से कराए जाने की योजना है. इसके अलावा विद्युत शवदाह गृह का निर्माण कराने की पहल भी चल रही है. बोरिंग कराते हुए पेयजल और पानी की समस्या का समाधान किया गया है.
इसे भी पढ़ें- लोहरदगा: पारिवारिक विवाद में युवक ने की आत्महत्या
आदर्श मुक्तिधाम बनाने की पहल
लोहरदगा में मुक्तिधाम को समस्याओं से मुक्त किया जा रहा है. मुक्तिधाम के विकास को लेकर कई योजनाएं चल रही हैं. यह सब कुछ सरकारी स्तर पर नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर चल रहा है. कुछ लोग श्रमदान कर रहे हैं, तो कुछ लोग समय दान. कुछ लोगों ने धन दान किया है तो कुछ लोग यहां पर मुक्तिधाम को समस्याओं से मुक्त कराने को लेकर अपना सब कुछ दान कर बैठे हुए हैं. मुक्तिधाम को एक आदर्श मुक्तिधाम के रूप में स्थापित करने को लेकर अभियान के रूप में काम चल रहा है.