लोहरदगा: झारखंड सरकार 3 मार्च को बजट सत्र के दौरान राज्य का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने वाली है. सरकार इस दौरान राज्य के विकास को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में अपने नजरिए को भी पेश करेगी. शिक्षा, स्वास्थ्य के अलावे महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में सरकार की घोषणाओं पर हर एक की नजर है. चुनाव से पहले किए गए वादों को बजट में कितना अमल में लाया जाता है. इसे लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने महिला एवं बाल विकास के एक्सपर्ट मनोरमा एक्का से खास बातचीत की.
क्या कहती हैं महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में काम करने वाली एक्सपर्ट
मनोरमा एक्का ने 10 साल पहले अमेरिका में अपने भविष्य का त्याग कर वापस भारत का रुख किया था. राज्य में महिला एवं बाल विकास की स्थिति को देखते हुए दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र में रहकर महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में काम करने का संकल्प लिया. आज 10 सालों से मनोरमा लगातार महिलाओं के लिए काम कर रही हैं. राज्य में महिलाओं के हालात के बारे में उन्होंने अपनी राय दी है.
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मानव और बाल व्यापार को बताया गंभीर मुद्दा
मनोरमा एक्का ने कहा कि चाहे सरकार किसी की भी हो महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में सरकार की दृष्टि बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए, आज सरकार को व्यापार, बाल व्यापार, महिला हिंसा, बाल विकास परियोजना आदि में विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में ध्यान देने की जरुरत है.
मनोरमा एक्का ने कहा कि आज देखने के लिए यह मिल रहा है कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग की वजह से बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों को अपने घर-परिवार से दूर भेजा जा रहा है, इस क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं भी पूरी ईमानदारी से अपना दायित्व नहीं निभा पा रही है, सरकार को इन संस्थाओं पर भी पैनी नजर रखने की जरूरत है, जिससे बेहतर ढंग से महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में काम हो सके.
मनोरमा एक्का ने बताया कि साउथ छोटानागपुर क्षेत्रों में लोगों में आज जागरूकता की काफी कमी है, यही वजह है कि मानव व्यापार जैसे जघन्य अपराध आज काफी हावी हो चुका है, बिचौलिए भोले-भाले ग्रामीणों को रोजगार के नाम पर शोषण का शिकार बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को बजट में महिला बाल विकास के लिए सबसे अधिक प्रावधान करने की जरूरत है.