लोहरदगा: रविवार को भाजपा ने झारखंड में 52 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. हालांकि अब तक भाजपा की ओर से लोहरदगा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं किए जाने की वजह से सुखदेव भगत भी संशय की स्थिति में नजर आ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल है कि अगर आजसू ने कॉम्प्रोमाइज नहीं किया तो सुखदेव भगत का क्या होगा.
हाल के समय में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुखदेव भगत इस वक्त भाजपा की ओर से लोहरदगा विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी की दौड़ में सबसे आगे हैं. ऐसे में यदि भाजपा सुखदेव भगत को टिकट देती है तो यहां पर मुकाबला रोचक हो जाएगा. आजसू यदि लोहरदगा सीट भाजपा को देने के लिए तैयार हो जाता है तो यहां आजसू के लिए परेशानी खड़ी होने वाली है. फिलहाल स्थिति संशय की नजर आ रही है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने यहां से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है. ऐसे हालात में हाल में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए सुखदेव भगत को कांग्रेस समर्थकों का साथ नहीं मिलेगा.
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लोहरदगा विधानसभा सीट में गठबंधन को लेकर तस्वीर साफ नहीं होने पर कई नेताओं की साख दांव पर लग सकती है. सवाल बड़ा है कि लोहरदगा विधानसभा सीट पर आजसू के केंद्रीय सचिव सूरज अग्रवाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया कि आजसू की ओर से पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत को टिकट मिले या न मिले नीरू शांति भगत यहां से नामांकन जरूर करेंगी. ऐसे में सुखदेव भगत का नीरु शांति भगत के साथ मुकाबला होना तो तय है. रामेश्वर उरांव के भी मैदान में उतरने से सुखदेव भगत की राह आसान नजर नहीं आ रही है. फिलहाल बड़ा सवाल यह है कि लोहरदगा विधानसभा सीट आजसू के खाते में जाती है या फिर भाजपा इसे छीनने में कामयाब रहती है.