लोहरदगा: आसमानी बिजली यानी कि वज्रपात, हर साल वज्रपात (Thunderstorm in Jharkhand) की चपेट में आने से कई लोगों मौत हो गई है. वहीं जिले में बीमारियों से ज्यादा वज्रपात (Thunderstorm in Lohardaga) से लोगों की मौत हो जाती है. मलेरिया, डायरिया, टायफाइड, सर्पदंश, रेबीज और दूसरी गंभीर बीमारियों से होने वाली मौत की संख्या वज्रपात से होने वाली मौत की संख्या से कम है.
लोहरदगा जिले में सरकारी आंकड़े बता रहे कि उपरोक्त में से किसी भी कारण से मरने वालों की संख्या वज्रपात (Thunderstorm) से मरने वालों की संख्या से काफी कम है. उपरोक्त में से किसी भी कारण से 10 से अधिक मौत नहीं हुई है. जबकि वज्रपात से मरने वालों की संख्या हर साल दोगुनी है. वज्रपात वर्तमान समय में बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. सरकारी आंकड़े चौंकाने वाले हैं. हर साल वज्रपात की वजह से लोग अपनी जान गंवा देते हैं. आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) कहता है कि वज्रपात से बचना है तो नियमों को मानना जरूरी है.
चार साल में 78 लोगों ने वज्रपात से गंवाई जान
- लोहरदगा जिले में साल 2017-18 से लेकर साल 2020-21 तक में 78 लोगों ने वज्रपात की चपेट में आकर जान गंवा दी है.
- सरकारी आंकड़े बता रहे कि साल 2017-18 में वज्रपात से मरने वालों की संख्या 22 थी, जबकि दो लोग घायल हुए थे. वहीं 16 मवेशियों की भी मौत वज्रपात की चपेट में आने से हुई थी.
- वहीं साल 2018-19 में वज्रपात की चपेट में आने की वजह से 18 लोगों की मौत हुई थी. वहीं एक व्यक्ति घायल हुआ था. जबकि 21 मवेशियों की भी मौत वज्रपात से हुई थी.
- साल 2019-20 में वज्रपात की चपेट में आने से 16 लोगों की मौत हुई थी. वहीं सात मवेशी भी वज्रपात की चपेट में आने से मारे गए थे.
- वर्ष 2020-21 में वज्रपात की चपेट में आने की वजह से 12 लोगों की मौत हुई थी. वहीं छह लोग घायल हुए थे. जबकि 22 मवेशियों की मौत हुई थी.
वज्रपात से बचाव को लेकर बरतें सावधानी
- अगर आप घर के अंदर हैं तो बिजली से चलने वाले यंत्रों को तुरंत बंद कर दें.
- धातु से बने यंत्रों से दूर रहें.
- कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करके जूट की रस्सी का प्रयोग करें.
- ऐसी वस्तुएं जो बिजली की सुचालक हैं, उससे दूर रहना.
- यदि घर में हैं तो पानी का नल, टेलीफोन, फ्रीज, टीवी आदि को ना छूएं.
- यदि दो पहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, नौका आदि पर सवार हैं तो तुरंत उतर कर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
- बिजली की चमक देखकर और गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे और एकल पेड़ों की नीचे ना जाएं.
- तैराकी कर रहे लोगों को तुरंत पानी से बाहर निकल जाना चाहिए.
- खेत और खलिहान में काम कर रहे किसान तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
- एक साथ कई लोगों को इकट्ठा ना होने दें.
- दो लोगों के बीच की दूरी कम से कम 15 फीट होनी चाहिए.