लोहरदगा: जिले में गुरुवार को कर्फ्यू में 6 घंटे की ढील दी गई है. जिला प्रशासन ने सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद कर्फ्यू में ढील को लेकर निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत गुरुवार को सुबह 9:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है. कर्फ्यू में ढील के दौरान लोगों को जरूरी सामान की खरीदारी के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति है. हालांकि लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. लोग दवा, सब्जी और घरेलू उपयोग के अन्य सामानों की खरीद के लिए घर से बाहर निकल सकते हैं.
बता दें कि 23 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दी गयी थी. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन लोहरदगा शहरी क्षेत्र के लिए महज आधे घंटे कर्फ्यू में ढील दी गई थी. जबकि 27 जनवरी को कर्फ्यू में महज 2 घंटे के लिए ढील दी गई थी. वहीं 28 जनवरी को पूरे जिले में कर्फ्यू में कोई भी ढील नहीं दी गई. 27 जनवरी की रात शहर के पतराटोली में एक ट्रक को जलाने की कोशिश करने और कथित तौर पर हिंसक घटना में नीरज राम प्रजापति की मौत के बाद उत्पन्न हालात को देखते हुए 28 जनवरी को कोई भी ढील नहीं दी गई थी. 29 जनवरी को सुरक्षा के समीक्षा के उपरांत जिला प्रशासन ने कुल 4 घंटे की ढील दी गई. जबकि 30 जनवरी को इसे बढ़ाकर 6 घंटे किया गया है.
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लोहरदगा में धीरे-धीरे अब जनजीवन सामान्य होने लगा है. आम लोगों का सहयोग पुलिस प्रशासन को मिल रहा है. पुलिस प्रशासन सुरक्षा के तमाम बिंदुओं पर समीक्षा भी कर रही हैं. दिन के समय जहां सामान्य ड्रोन कैमरे की सहायता से निगरानी रखी जा रही है, वहीं रात के समय नाइट विजन ड्रोन कैमरे की सहायता से निगरानी की जा रही है. लोहरदगा जिले में अब तक 21 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. जबकि 55 लोगों से बंध पत्र भरवाया गया है. लोहरदगा में शांति समिति की बैठक करते हुए भी शांतिपूर्ण माहौल स्थापित करने का प्रयास किया गया है. सदर थाना परिसर में खुद डीसी आकांक्षा रंजन ने शांति समिति की बैठक कर लोगों से सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में सहयोग की अपील की.