लोहरदगा: लोहरदगा में अधिवक्ताओं को सड़क पर उतरना पड़ा है. प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहे हैं. अधिवक्ता पिछले सात अक्टूबर से आंदोलन पर हैं. इसके पीछे की वजह बेहद गंभीर है. मामला अब आर-पार की लड़ाई के रूप में तब्दील हो चुका है. अधिवक्ताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो यह आंदोलन नहीं रुकेगा.
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क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि सात अक्टूबर को लोहरदगा सिविल कोर्ट कैंपस में मुवक्किल ने अपने ही वकील को सरेआम थप्पड़ जड़ दिया था और अपशब्द कहा था. जिसके बाद से अधिवक्ता आंदोलन की राह पकड़ चुके हैं. लोहरदगा व्यवहार न्यायालय परिसर में विगत 7 अक्टूबर को व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अब्दुल रब के साथ किए गए दुर्व्यवहार और थप्पड़ मारने की घटना को अधिवक्ताओं ने गंभीरता से लिया है.
कड़ी कार्रवाई की मांग की: अधिवक्ताओं ने मामले में आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है. लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं. अधिवक्ताओं ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र बहादुर पाल को मांग पत्र सौंपा उसके बाद लोहरदगा जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले जिले के अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर से मार्च निकालकर कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचे. जहां अधिवक्ता संघ ने अपनी मांग पत्र को डीसी के माध्यम से झारखंड सरकार को भेजा.
अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग: अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग की. जिसमें अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित किए जाने की मांग की गई. अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती है, तो आगे आंदोलन को लेकर रणनीति तय करेंगे. इसे लेकर अधिवक्ताओं की बैठक भी होगी. अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार और थप्पड़ मारे जाने की घटना लोहरदगा में तूल पकड़ता जा रहा है. अधिवक्ता कार्रवाई से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं.