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लोहरदगा जिले में दम तोड़ रही हैं स्वास्थ्य सेवाएं, अस्पताल भवन महज सफेद हाथी बना

लोहरदगा जिले में भी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. यहां स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर चुकी हैं.वर्तमान समय में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पूरी सिस्टम पर सवाल उठा रही है.

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स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली
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Published : Mar 18, 2020, 1:22 PM IST

लोहरदगाः प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. सरकार भले ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने का दावा करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लोहरदगा जिले में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. वास्तव में यहां स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं. लोहरदगा से लेकर कुडू प्रखंड मुख्यालय में एक नजर डालने पर तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी. यह अस्पताल इस वजह से भी महत्वपूर्ण है कि यहां रांची और लातेहार के अलावा लोहरदगा जिले के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.

लोहरदगा में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली यहां सवालों के घेरे में है. लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच ही नहीं पा रहीं हैं. अस्पताल भवन खस्ताहाल और जर्जर अवस्था में है. लाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर उद्घाटन की बाट जोह रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आम आदमी की चिंता सरकार की कोशिशों पर सवाल खड़े करती है.

लाखों का अस्पताल भवन हुआ जर्जर

लोहरदगा से लेकर कुडू प्रखंड मुख्यालय में सरकार ने लाखों की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया है. भवन तो बनकर तैयार है, पर इस भवन का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है. कारण है कि यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कोई भी उपकरण और स्वास्थ्य कर्मी मुहैया नहीं कराए गए हैं. जब स्वास्थ सुविधाएं ही नहीं होंगी तो सिर्फ भवन का उपयोग भला कैसे होगा. ऐसे में यह सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गया है.

लोग यहां पर काफी निराशा के साथ पहुंचते हैं. सरकार की ओर से अब तक कोशिशें अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है. लाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर तारणहार का इंतजार कर रहा है.

पुराना अस्पताल भी खस्ताहाल

कुडू प्रखंड मुख्यालय में बना पुराना अस्पताल भवन बेहद खस्ताहाल स्थिति में है. भवन कब गिर जाए कोई ठिकाना नहीं. प्रसव कक्ष का भी यही हाल है. मरीजों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है. स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों का भी रोना है.

आम आदमी इलाज के लिए पहुंचता तो जरूर है पर उसे निराशा ही हाथ लगती है. राजधानी से काफी नजदीक होने के बावजूद इस अस्पताल की बदहाली की ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार झारखंड में है. यहां पर स्वास्थ्य मंत्री ट्विटर पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. इसके बाद भी कुडू अस्पताल की हालत को लेकर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जबकि कुडू अस्पताल वह महत्वपूर्ण स्थान है, जहां से होकर हर दिन लोग पलामू, बिहार, उत्तर प्रदेश, रांची आदि स्थानों के लिए आते-जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और ऑब्जर्वेशन होम में चिकित्सा सुविधा बढ़ाएं: झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी कहते हैं कि हम इसे शुरू कराने के लिए कोशिश करेंगे. बावजूद इसके परिणाम कुछ निकल नहीं पाया है. सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार भी कहते हैं कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को समस्या से अवगत कराया है. जल्द ही समस्या हल होने की उम्मीद है.

लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड मुख्यालय में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण नहीं है, बल्कि रांची, लातेहार और लोहरदगा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में कुडू प्रखंड मुख्यालय में स्थित अस्पताल के होने की वजह से 3 जिलों की काफी बड़ी आबादी को यहां से स्वास्थ सुविधाओं का लाभ मिलता है. वर्तमान समय में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पूरी सिस्टम पर सवाल उठा रही है.

लोहरदगाः प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं है. सरकार भले ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने का दावा करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लोहरदगा जिले में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई हुई हैं. वास्तव में यहां स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर हैं. लोहरदगा से लेकर कुडू प्रखंड मुख्यालय में एक नजर डालने पर तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी. यह अस्पताल इस वजह से भी महत्वपूर्ण है कि यहां रांची और लातेहार के अलावा लोहरदगा जिले के मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.

लोहरदगा में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली यहां सवालों के घेरे में है. लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच ही नहीं पा रहीं हैं. अस्पताल भवन खस्ताहाल और जर्जर अवस्था में है. लाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर उद्घाटन की बाट जोह रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आम आदमी की चिंता सरकार की कोशिशों पर सवाल खड़े करती है.

लाखों का अस्पताल भवन हुआ जर्जर

लोहरदगा से लेकर कुडू प्रखंड मुख्यालय में सरकार ने लाखों की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया है. भवन तो बनकर तैयार है, पर इस भवन का आज तक उद्घाटन नहीं हो पाया है. कारण है कि यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कोई भी उपकरण और स्वास्थ्य कर्मी मुहैया नहीं कराए गए हैं. जब स्वास्थ सुविधाएं ही नहीं होंगी तो सिर्फ भवन का उपयोग भला कैसे होगा. ऐसे में यह सिर्फ सफेद हाथी बनकर रह गया है.

लोग यहां पर काफी निराशा के साथ पहुंचते हैं. सरकार की ओर से अब तक कोशिशें अंजाम तक नहीं पहुंच पाई है. लाखों की लागत से बना ट्रामा सेंटर तारणहार का इंतजार कर रहा है.

पुराना अस्पताल भी खस्ताहाल

कुडू प्रखंड मुख्यालय में बना पुराना अस्पताल भवन बेहद खस्ताहाल स्थिति में है. भवन कब गिर जाए कोई ठिकाना नहीं. प्रसव कक्ष का भी यही हाल है. मरीजों के बैठने के लिए जगह तक नहीं है. स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों का भी रोना है.

आम आदमी इलाज के लिए पहुंचता तो जरूर है पर उसे निराशा ही हाथ लगती है. राजधानी से काफी नजदीक होने के बावजूद इस अस्पताल की बदहाली की ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार झारखंड में है. यहां पर स्वास्थ्य मंत्री ट्विटर पर भी काफी सक्रिय रहते हैं. इसके बाद भी कुडू अस्पताल की हालत को लेकर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जबकि कुडू अस्पताल वह महत्वपूर्ण स्थान है, जहां से होकर हर दिन लोग पलामू, बिहार, उत्तर प्रदेश, रांची आदि स्थानों के लिए आते-जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और ऑब्जर्वेशन होम में चिकित्सा सुविधा बढ़ाएं: झारखंड हाई कोर्ट

झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी कहते हैं कि हम इसे शुरू कराने के लिए कोशिश करेंगे. बावजूद इसके परिणाम कुछ निकल नहीं पाया है. सिविल सर्जन डॉ. विजय कुमार भी कहते हैं कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को समस्या से अवगत कराया है. जल्द ही समस्या हल होने की उम्मीद है.

लोहरदगा जिले के कुडू प्रखंड मुख्यालय में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण नहीं है, बल्कि रांची, लातेहार और लोहरदगा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में कुडू प्रखंड मुख्यालय में स्थित अस्पताल के होने की वजह से 3 जिलों की काफी बड़ी आबादी को यहां से स्वास्थ सुविधाओं का लाभ मिलता है. वर्तमान समय में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पूरी सिस्टम पर सवाल उठा रही है.

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