लोहरदगा: पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा ने आरक्षण के मुद्दे को लेकर आगामी 26 मई को झारखंड के सात जिला में बंदी की घोषणा की है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर लोहरदगा में पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा की बैठक हुई. जिसमें 25 मई को मशाल जुलूस निकालने और 26 मई को बंद को सफल बनाने को लेकर चर्चा की गई. इसके अलावा मोर्चा की जिला कमेटी का गठन भी किया गया. बैठक में कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई है.
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आरक्षण को शून्य करने को लेकर आक्रोश: पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा की बैठक में कहा गया कि झारखंड सरकार ने आरक्षण की घोषणा की है. जिसमें झारखंड के सात जिला लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, दुमका, लातेहार और चाईबासा में पिछड़ी जाति को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के स्थान पर आरक्षण को शून्य कर दिया गया है, जो झारखंड राज्य के 30 प्रतिशत आबादी के साथ धोखा है. ऐसे में अपने अधिकार को वापस लेने की लड़ाई को लेकर आगामी 26 मई को इन सात जिला में बंद किया जाएगा. पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष उदासन नाग की अगुवाई में बैठक कर निर्णय लिया गया.
सरकार पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा की मांग के अनुसार सातों ज़िले में पिछड़ी जाति के आरक्षण को लागू नहीं करती है तो सरकार से निरंतर लड़ाई लड़ी जाएगी. इसी संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए 26 मई को सातो जिला बंद रखने का आह्वाहन किया गया है. उससे पूर्व आगामी 25 मई की शाम शहर के मिशन चौक से मशाल जुलूस निकाला जाएगा. जो बाबा मठ तक होते हुए पावरगंज चौक में समाप्त होगी. वहीं 26 मई को लोहरदगा सहित सातों जिला बंद रहेगा. जिसमें सभी तरह के आवागमन को ठप करने तथा प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वाहन किया गया है.
पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा ने अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन को तेज कर दिया है. इस क्रम में सबसे पहले झारखंड के सात जिला में आगामी 26 मई को बंद की घोषणा की गई है. लोगों से बंद को सफल बनाने का आह्वान किया गया है. लोगों से कहा गया है कि पिछड़ी जाति के अधिकारों को वापस दिलाने को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है. सरकार ने उनके साथ धोखा किया है. यदि उन्हें आरक्षण नहीं दिया जाता है, तो आंदोलन जारी रहेगा.