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लोहरदगा में चुनाव की सुगबुगाहट के बीच दावेदारी शुरू, सभी कह रहे इस बार हमारी बारी

लोहरदगा विधानसभा सीट सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. इस सीट से हमेशा से बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा गया है. इस बार फिर सभी राजनीतिक दलों के नेता इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं.

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Published : Aug 26, 2019, 6:19 PM IST

लोहरदगा में चुनाव की सुगबुगाहट

लोहरदगा: जिले का यह विधानसभा सीट हमेशा से राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी और महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. यही वजह है कि यहां से हमेशा से बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा गया है और लोहरदगा विधानसभा सीट पर फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.

देखें पूरी खबर

सधनु भगत भारतीय जनता पार्टी से दो बार रहे विधायक
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आजसू, जेएमएम सहीत सभी दलों के नेता इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं. कभी भाजपा, कभी कांग्रेस तो कभी आजसू ने यहां से जीत हासिल की है. 2015 के विधानसभा उपचुनाव से कांग्रेस के सुखदेव भगत यहां से विधायक हैं. इससे पहले साल 2005 में सुखदेव भगत ने भारतीय जनता पार्टी से दो बार विधायक रहे सधनु भगत को हराकर भाजपा से यह सीट छीन ली थी.

ये भी पढ़ें-AJSU पर बरसी कांग्रेस और JVM, कहा- कथनी और करनी में है अंतर

चुनाव में गठबंधन
वहीं, 2009 के चुनाव में गठबंधन होने के बाद आजसू ने यहां से चुनाव लड़ते हुए सुखदेव भगत को हरा दिया था. साल 2014 के चुनाव में भी आजसू ने सुखदेव भगत को हराया था. विधायक कमल किशोर भगत को डॉ केके सिन्हा मामले में सजा होने के बाद 2015 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो सुखदेव भगत ने आजसू की नीरू शांति भगत को हराकर वापस यह सीट जीत ली.

जीत का दावा
विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट के बीच अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा भी तेज हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि अपने-अपने दल के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित बता रहे हैं. सभी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बावजूद यहां से फिर एक बार चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. हालांकि, प्रदेश स्तर पर अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो सका है की भाजपा यहां से प्रत्याशी देगी की नहीं.

ये भी पढ़ें-JVM ने किया दावा, उनकी रैली प्रधानमंत्री मोदी की रैली से भी होगी भव्य

लोहरदगा सीट पर दावेदारी
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी इस बार लोहरदगा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की जा रही है. कांग्रेस पहले से ही लोहरदगा सीट को अपनी सीटिंग सीट बताते हुए पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो लोहरदगा सीट में फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.

लोहरदगा: जिले का यह विधानसभा सीट हमेशा से राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी और महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. यही वजह है कि यहां से हमेशा से बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा गया है और लोहरदगा विधानसभा सीट पर फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.

देखें पूरी खबर

सधनु भगत भारतीय जनता पार्टी से दो बार रहे विधायक
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आजसू, जेएमएम सहीत सभी दलों के नेता इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं. कभी भाजपा, कभी कांग्रेस तो कभी आजसू ने यहां से जीत हासिल की है. 2015 के विधानसभा उपचुनाव से कांग्रेस के सुखदेव भगत यहां से विधायक हैं. इससे पहले साल 2005 में सुखदेव भगत ने भारतीय जनता पार्टी से दो बार विधायक रहे सधनु भगत को हराकर भाजपा से यह सीट छीन ली थी.

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चुनाव में गठबंधन
वहीं, 2009 के चुनाव में गठबंधन होने के बाद आजसू ने यहां से चुनाव लड़ते हुए सुखदेव भगत को हरा दिया था. साल 2014 के चुनाव में भी आजसू ने सुखदेव भगत को हराया था. विधायक कमल किशोर भगत को डॉ केके सिन्हा मामले में सजा होने के बाद 2015 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो सुखदेव भगत ने आजसू की नीरू शांति भगत को हराकर वापस यह सीट जीत ली.

जीत का दावा
विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट के बीच अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा भी तेज हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि अपने-अपने दल के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित बता रहे हैं. सभी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बावजूद यहां से फिर एक बार चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. हालांकि, प्रदेश स्तर पर अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो सका है की भाजपा यहां से प्रत्याशी देगी की नहीं.

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लोहरदगा सीट पर दावेदारी
वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी इस बार लोहरदगा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की जा रही है. कांग्रेस पहले से ही लोहरदगा सीट को अपनी सीटिंग सीट बताते हुए पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो लोहरदगा सीट में फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.

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स्टोरी- चुनाव की सुगबुगाहट के बीच शुरू हो गई दावेदारी, सभी कह रहे इस बार हमारी बारी

बाइट क्रमवार रूप से
बाइट 1- बिंदेश्वर उरांव, प्रदेश महामंत्री, भाजपा एसटी मोर्चा
बाइट 2- सूरज अग्रवाल, केंद्रीय सचिव, आजसू
बाइट 3- साजिद अहमद चंगु, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
बाइट 4- रंथु उरांव, उपाध्यक्ष, जेएमएम
एंकर- लोहरदगा विधानसभा सीट हमेशा से राजनीतिक गलियारे में एक बड़ी और महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. यही वजह है कि यहां से हमेशा से बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा गया है. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आजसू, जेएमएम आदि दलों के नेता इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं. कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस, तो कभी आजसू ने यहां से जीत हासिल की है. फिलहाल यहां पर साल 2015 के विधानसभा उपचुनाव से कांग्रेस के सुखदेव भगत विधायक हैं. इससे पहले साल 2005 में सुखदेव भगत ने भारतीय जनता पार्टी के दो बार के विधायक रहे सधनु भगत को हराकर भाजपा से यह सीट छीन ली थी. जबकि 2009 के चुनाव में गठबंधन होने के बाद आजसू ने यहां से चुनाव लड़ते हुए सुखदेव भगत को हरा दिया था. साल 2014 के चुनाव में भी आजसू ने सुखदेव भगत को हराया था. विधायक कमल किशोर भगत को डॉक्टर केके सिन्हा मामले में सजा होने के बाद जब 2015 में विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो सुखदेव भगत ने आजसू की नीरू शांति भगत को हराकर वापस यह सीट छीन ली.


इंट्रो- विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट के बीच अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा भी तेज हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि अपने-अपने दल के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित बता रहे हैं. सभी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बावजूद यहां से फिर एक बार चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. हालांकि प्रदेश स्तर पर अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो सका है की भाजपा यहां से प्रत्याशी देगी ही. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी इस बार लोहरदगा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की जा रही है. कांग्रेस पहले से ही लोहरदगा सीट को अपनी सीटिंग सीट बताते हुए पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो लोहरदगा सीट में फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.


Body:विधानसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट के बीच अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा भी तेज हो चुकी है. सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि अपने-अपने दल के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित बता रहे हैं. सभी अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के बावजूद यहां से फिर एक बार चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. हालांकि प्रदेश स्तर पर अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो सका है की भाजपा यहां से प्रत्याशी देगी ही. झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी इस बार लोहरदगा सीट पर अपनी दावेदारी पेश की जा रही है. कांग्रेस पहले से ही लोहरदगा सीट को अपनी सीटिंग सीट बताते हुए पूरी तरह से तैयारी में जुटी हुई है. कुल मिलाकर कहा जाए तो लोहरदगा सीट में फिर एक बार चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.


Conclusion:चुनाव में सुगबुगाहट के बीच दावेदारी भी तेज हो चुकी है.सभी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
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