लातेहारः जिले के हेरहंज प्रखंड के हूंबु गांव में गुरुवार की रात जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. इस दौरान हाथियों ने गांव में लगभग 8 एकड़ में लगे धान, मक्का और टमाटर के पौधों को पूरी तरह रौंद डाला. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीण बताते हैं कि झुंड में लगभग 25-26 जंगली हाथी हैं.
कई एकड़ में लगी फसल को हाथियों ने किया बर्बादः जानकारी के अनुसार लातेहार के बालूमाथ, हेरहंज और बारियातू प्रखंड में पिछले कई महीनो से हाथियों का झुंड डेरा डाले हुए है. पिछले तीन दिनों से हूंबु गांव के निकट जंगल में हाथियों का झुंड जमा हुआ है. इस संबंध में प्रभावित किसान अफसर खान ने बताया कि शुक्रवार की सुबह जब वे लोग अपनी खेतों की ओर गए तो देखा कि खेत में लगी फसल बर्बाद हो गई है. उन्होंने बताया कि लगभग 8 एकड़ भूमि में किसानों के लाखों रुपए की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है. अफसर खान ने बताया कि हाथियों ने स्थानीय किसान शौकत खान, हबीब खान, अफसर खान, अयूब खान समेत अन्य किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है.
फसल बर्बाद होने से किसान हताश: इधर, फसल बर्बाद होने से किसान पूरी तरह हताश हो गए हैं. किसान अफसर खान ने बताया कि कर्ज लेकर किसी प्रकार खेती कर रहे थे. समय पर बारिश नहीं हुई थी. इस कारण किसी प्रकार डीजल खरीदकर सिंचाई की थी. उम्मीद थी कि फसल जब तैयार हो जाएगी तो उसे बेचकर अपना कर्ज उतार लेंगे, लेकिन जंगली हाथियों ने फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. अब उनके समक्ष कर्ज उतारने की समस्या उत्पन्न हो गई है. अफसर अंसारी ने बताया कि पिछले वर्ष भी जंगली हाथियों ने उनके खेतों में लगभग 8 एकड़ भूमि में लगी फसल को नष्ट कर दिया था. इसके मुआवजे के रूप में वन विभाग के द्वारा उन्हें मात्र 4 हजार रुपए मिले थे. किसानों ने वन विभाग और प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है, ताकि किसान अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.
25-26 की संख्या में है हाथी: स्थानीय लोगों की माने तो झुंड में हाथियों की संख्या लगभग 25 से 26 है. इतनी संख्या में हाथी एक साथ चल रहे हैं इस कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. स्थानीय ग्रामीणों की माने तो पिछले कई महीनों से जंगली हाथियों के द्वारा इस पूरे इलाके में तबाही मचाई जा रही है. हाथियों ने अब तक कई लोगों की जान भी ले ली है और कई ग्रामीणों के घरों को ध्वस्त कर दिया है. इसके बावजूद वन विभाग अभी तक हाथियों को इस इलाके से खदेड़ने में सफल नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि यदि वन विभाग और जिला प्रशासन जल्द ही हाथियों को इस इलाके से नहीं खदेड़ता है तो स्थानीय लोग उग्र आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे.
वन विभाग ने मुआवजे का दिया आश्वासनः इधर, घटना की सूचना मिलने के बाद वन विभाग के पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जंगली हाथियों को खदेड़ने के लिए एक्सपर्ट टीम को बुलाया जा रहा है. साथ ही किसानों को जो नुकसान हुआ है, इसका आकलन कर सरकारी प्रावधान के तहत मुआवजा भी दिया जाएगा.