लातेहार: कहा जाता है कि जहां चाह होती है वहां राह अपने आप मिल जाती है. इस बात को लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड के हामी मेढ़ारी गांव के लोगों ने पूरी तरह चरितार्थ कर दिया. गांव के लोगों ने बरसों से जर्जर पड़े लगभग 7 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत श्रमदान से कर दिखाया.
कई सालों से सड़क जर्जर
दरअसल, महुआडांड़ प्रखंड के हामी मेढ़ारी होते हुए ओरसापाठ से छत्तीसगढ़ राज्य को जोड़ने वाली लगभग 7 किलोमीटर लंबी सड़क कई सालों से जर्जर थी. सड़क जर्जर होने के कारण लगभग 12 से अधिक गांव के 2,000 से अधिक लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था. ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रशासनिक स्तर पर गुहार भी लगाई.
वन भूमि होने के कारण हो रही थी परेशानी
गांव तक पहुंचने वाली सड़क वन भूमि में पड़ने के कारण सरकारी स्तर पर सड़क बनाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल हो रही थी. प्रशासनिक अधिकारी चाह कर भी सरकारी योजना से सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत नहीं कर पा रहे थे.
ग्रामीणों ने आरंभ किया श्रमदान
जब सरकारी स्तर से किसी प्रकार की मदद मिलने की उम्मीद ग्रामीणों को नहीं रही तो उन्होंने श्रमदान से सड़क मरम्मत करने की योजना बनाई. ओरसापाठ पंचायत के ओरसापाठ, अंबाकोना, सुरकई, भीडीगाझर, चीरोपाठ के कई महिला-पुरुषों ने श्रमदान कर 7 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत आरंभ की. ग्राम प्रधान नागेंद्र नगेसिया, ग्रामीण सत्येंद्र नगेसिया, जीवन कुजूर आदि ने बताया कि छोटे-छोटे काम के लिए भी उन्हें महुआडांड़ जाना पड़ता है. जर्जर सड़क के कारण उन्हें भारी परेशानी होती थी, इसीलिए उन लोगों ने श्रमदान से सड़क निर्माण का संकल्प लिया.
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वन विभाग ने भी की मदद
इस सड़क की मरम्मत करने के लिए ग्रामीणों के श्रमदान और अंशदान से प्रभावित होकर वन विभाग ने भी ग्रामीणों को सहयोग दिया. वन विभाग ने एक जेसीबी उपलब्ध कराया. जिससे मरम्मत का कार्य आसान हो सके.