लातेहार: कोरोना के कहर से भले ही गांव से लेकर शहर तक सड़के सुनसान पड़ी हुई हैं. लेकिन वहीं प्रकृति पर इस महामारी का कोई असर नहीं पड़ा है. जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों में पलाश के फूल अपनी सौंदर्यता बिखेर रहे हैं.
दरअसल, मार्च और अप्रैल महीने में पलाश के पेड़ में फूल आते हैं. इस वर्ष भले ही मार्च और अप्रैल का महीना मानव जगत के लिए संकट भरा साबित हो रहा है और लोग अपने घरों में दुबक कर रहने को विवश है. लेकिन प्रकृति पर इस महामारी का कोई असर नहीं पड़ा है, अपने निश्चित समय पर पलाश के पेड़ों में फूल आ गए और प्रकृति को मनमोहक बना दिए हैं.
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पलाश के लाल-लाल फूल ऐसा वातावरण तैयार कर रहा है जैसे हर वक्त एक नया सवेरा हो रहा है. लॉकडाउन के कारण मनोहारी दृश्य से वंचित लोग हो गए है. हर वर्ष इस मौसम में लोग जंगली क्षेत्रों में जाकर प्रकृति के अनुपम सौंदर्य का घंटों लुत्फ उठाया करते थे. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना जैसे महामारी के कारण लोग अपने घरों में दुबक कर रहने को मजबूर हैं. प्राकृतिक की इस सुंदरता के लिए विख्यात लातेहार जिले में यह मौसम अपने आप में अनोखा होता है.