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लातेहार: 55 घंटे बाद हुआ रेलवे ट्रैक खाली, मालगाड़ी का परिचालन शुरू

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Published : Sep 5, 2020, 12:23 PM IST

Updated : Sep 5, 2020, 1:05 PM IST

लातेहार जिले में मांगों को लेकर धरना दे रहे टाना भगत समुदाय के लोगों ने आखिरकार शुक्रवार देर रात ट्रैक से धरना खत्म कर दिया. इससे 55 घंटे बाद रेलवे ट्रैक खाली हो सका. हालांकि टाना भगत समुदाय के लोगों ने अफसरों पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया है.

tana bhagat community protest end in latehar
टाना भगत समुदाय

लातेहार: अपनी मांगों को लेकर 55 घंटों से रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे टाना भगत समुदाय के लोग आखिरकार शुक्रवार देर रात रेलवे ट्रैक से हट गए. टाना भगत समुदाय के लोगों को रेलवे ट्रैक से हटने के बाद सीआईसी सेक्शन में मालगाड़ी का परिचालन आरंभ हो गया है. इधर आंदोलनकारियों ने स्थानीय प्रशासन पर बल प्रयोग करने और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. वहीं प्रशासन का कहना है कि सीएम से वार्ता की शर्त पर आंदोलनकारियों ने धरना खत्म किया है.

मालिकाना हक के लिए धरना
राज्य के 5 जिलों में रहने वाले टाना भगत समुदाय के लोग भूमि के मालिकाना हक और लगान को लेकर कई वर्षों से लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं. लेकिन जब उनकी बातों पर सरकार की तरफ से गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो इस समुदाय के लोगों ने 2 सितंबर को रेलवे ट्रैक जाम करने का निर्णय लिया. हालांकि पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए 2 सितंबर की दोपहर में आंदोलन करने आए टाना भगत समुदाय के लोगों को हिरासत में ले लिया था. इधर शाम को टाना भगत थाने से निकले तो रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वे लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे. टाना भगत समुदाय के लोगों का स्पष्ट कहना था कि जब तक उनकी मांगों को मानी नहीं जाता तब तक वे लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे रहेंगे.

पुलिस ने बल प्रयोग कर हटाया
टाना भगत समुदाय के लोग 55 घंटे तक पूरी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा था. इस दौरान टाना भगत से वार्ता करने जिले के तमाम वरीय पदाधिकारियों के साथ स्थानीय विधायक भी गए परंतु आंदोलनकारी लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. शुक्रवार की रात विधायक वैद्यनाथ राम फिर टाना भगत समुदाय के साथ वार्ता करने पहुंचे पर उन्होंने बात नहीं सुनी.विधायक बैद्यनाथ राम टाना भगत समुदाय के लोगों को बार-बार ट्रैक से हटने के लिए कह रहे थे, परंतु टाना भगत उनकी बातों को सुनने को तैयार ही नहीं थे. इस कारण विधायक ने नाराजगी भी जताई जिससे वहां का माहौल गर्म हो गया था. बाद में बल का प्रयोग करते हुए टाना भगत समुदाय के लोगों को जबरन रेलवे ट्रैक से हटाया गया.

इसे भी पढ़ें-लातेहारः 48 घंटे बाद भी नहीं टूटा टाना भगतों का धरना, कोयले की ढुलाई ठप

सीएम ने दिया है आश्वासन
टाना भगत समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. समुदाय के लोगों का कहना था कि देर रात जबरन बल का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट भी की गई और आंदोलन से भगा दिया गया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके साथ भी कुछ लोगों ने दुर्व्यवहार किया, वहीं बुजुर्गों के साथ भी मारपीट किया. प्रशासन का कहना है कि सीएम की तरफ से टाना भगत समुदाय के लोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया है. सीएम के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ है.

रेलवे को 100 करोड़ का नुकसान
सीआईसी सेक्शन के टोरी रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम होने से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कि इस पथ पर बड़े पैमाने पर कोयले की ढुलाई प्रतिदिन होती है. ऐसे में लगातार 55 घंटे से ट्रैक जाम होने के कारण कोयले की ढुलाई पूरी तरह प्रभावित रही. ऐसे में रेलवे को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

लातेहार: अपनी मांगों को लेकर 55 घंटों से रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे टाना भगत समुदाय के लोग आखिरकार शुक्रवार देर रात रेलवे ट्रैक से हट गए. टाना भगत समुदाय के लोगों को रेलवे ट्रैक से हटने के बाद सीआईसी सेक्शन में मालगाड़ी का परिचालन आरंभ हो गया है. इधर आंदोलनकारियों ने स्थानीय प्रशासन पर बल प्रयोग करने और दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है. वहीं प्रशासन का कहना है कि सीएम से वार्ता की शर्त पर आंदोलनकारियों ने धरना खत्म किया है.

मालिकाना हक के लिए धरना
राज्य के 5 जिलों में रहने वाले टाना भगत समुदाय के लोग भूमि के मालिकाना हक और लगान को लेकर कई वर्षों से लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं. लेकिन जब उनकी बातों पर सरकार की तरफ से गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया गया तो इस समुदाय के लोगों ने 2 सितंबर को रेलवे ट्रैक जाम करने का निर्णय लिया. हालांकि पुलिस प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए 2 सितंबर की दोपहर में आंदोलन करने आए टाना भगत समुदाय के लोगों को हिरासत में ले लिया था. इधर शाम को टाना भगत थाने से निकले तो रेलवे ट्रैक पर बैठ गए. प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन वे लोग अपनी मांगों पर अड़े रहे. टाना भगत समुदाय के लोगों का स्पष्ट कहना था कि जब तक उनकी मांगों को मानी नहीं जाता तब तक वे लोग रेलवे ट्रैक पर बैठे रहेंगे.

पुलिस ने बल प्रयोग कर हटाया
टाना भगत समुदाय के लोग 55 घंटे तक पूरी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक को जाम कर रखा था. इस दौरान टाना भगत से वार्ता करने जिले के तमाम वरीय पदाधिकारियों के साथ स्थानीय विधायक भी गए परंतु आंदोलनकारी लोग किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे. शुक्रवार की रात विधायक वैद्यनाथ राम फिर टाना भगत समुदाय के साथ वार्ता करने पहुंचे पर उन्होंने बात नहीं सुनी.विधायक बैद्यनाथ राम टाना भगत समुदाय के लोगों को बार-बार ट्रैक से हटने के लिए कह रहे थे, परंतु टाना भगत उनकी बातों को सुनने को तैयार ही नहीं थे. इस कारण विधायक ने नाराजगी भी जताई जिससे वहां का माहौल गर्म हो गया था. बाद में बल का प्रयोग करते हुए टाना भगत समुदाय के लोगों को जबरन रेलवे ट्रैक से हटाया गया.

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सीएम ने दिया है आश्वासन
टाना भगत समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. समुदाय के लोगों का कहना था कि देर रात जबरन बल का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट भी की गई और आंदोलन से भगा दिया गया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके साथ भी कुछ लोगों ने दुर्व्यवहार किया, वहीं बुजुर्गों के साथ भी मारपीट किया. प्रशासन का कहना है कि सीएम की तरफ से टाना भगत समुदाय के लोगों को वार्ता के लिए बुलाया गया है. सीएम के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ है.

रेलवे को 100 करोड़ का नुकसान
सीआईसी सेक्शन के टोरी रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम होने से रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कि इस पथ पर बड़े पैमाने पर कोयले की ढुलाई प्रतिदिन होती है. ऐसे में लगातार 55 घंटे से ट्रैक जाम होने के कारण कोयले की ढुलाई पूरी तरह प्रभावित रही. ऐसे में रेलवे को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

Last Updated : Sep 5, 2020, 1:05 PM IST
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